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"हत्या" और "वध" के प्रयोग में अन्तर है । वध दुष्ट और आततायियों का किया जाता है । जैसे - असुरों का वध किया जाता था - वकासुर वध, महिषासुर वध आदि । हत्या शब्द का सामान्यतः तब प्रयोग किया जाता है जब किसी निर्दोष को मौत के घाट उतार दिया जाता है ।
---नारायण प्रसाद
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सही है, तब तो हमको वध का प्रयोग ही करना चाहिए।
मैं यही कह रहा था कि हम जो शब्द बनाएँ उनमें क्रिया के अतिरिक्त उस कर्म का नैतिक
या अनैतिक भाव भी झलक पाए तो शब्द अधिक उपयुक्त लगता है।
हम इसको ऑनर का अनुवाद करने के लिए ही न देखें। इस कर्म में सामाजिक या पारिवारिक
परंपराओं का अंध अनुसरण सम्मिलित है। अत: इसको "परंपरा वध" या "मान्यता वध" या
"रिवाज वध" कहें तो इस कर्म का भाव संप्रेषित हो रहा है। मुझे पता नहीं कि रिवाज
हिन्दी शब्द है या उर्दू शब्द है और क्या उसमें नुक़्ते वाला ज़ लगता है।
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रावत
वध नैतिक होता है, हत्या अनैतिक होती है। मैं इसको उल्टा समझ गया है।
आप सही कहते हैं, कि ये निर्दोषों की हत्याएँ हैं न कि आततातियों का वध।
हत्या शब्द ही उचित रहेगा।
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रावत
On 7/7/2010 12:45 PM India Time, _narayan prasad_ wrote:
> <<सही है, तब तो हमको वध का प्रयोग ही करना चाहिए।>>
> यदि कानून की नजर से देखें तो यह हत्या है । और विशेष रूप से तब जबकि ऑनर किलिंग का उस
> समुदाय विशेष के बाहर के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है ।
>
> 2010/7/7 V S Rawat <vsr...@gmail.com <mailto:vsr...@gmail.com>>
> /विशेष रूप से तब जबकि ऑनर किलिंग का उस समुदाय विशेष के बाहर के लोगों द्वारा विरोध
> किया जा रहा है/
>
> मैं उपरोक्त वाक्य से सहमत नहीं हुं। क्योंकि इसका विरोध समुदाय के अंदर के लोग भी कर रहे
> हैं। यह तो कुछ विकृत मानसिकता के लोगों द्वारा किया जानेवाला कुकृत्य है, इसमें समुदाय या
> समुदाय से बाहर की बात कहां से आती है।
>
जब मूल लेखक ने "विशेष रूप से" लगाया है, तो इसका अर्थ है कि इस बात को लेकर कई
परिस्थियाँ संभव हैं जिसमें से उन्होंने एक परिस्थिति का "विशेष रूप से" ज़िक़्र किया है। इस
एक परिस्थिति ही के ज़िक़्र से अन्य परिस्थियाँ अस्तित्वहीन नहीं हो जा जाती हैं।
जबकि आपने जो कहा वो उस परिस्थिति में होता जब उन्होंने इस परिस्थिति को "अनेक में से
एक" परिस्थिति होने के स्थान पर इस परिस्थिति को "केवल एक इकलौती परिस्थिति" कहा
होगा।
बताईए, उन्होंने यह कब कहा कि "इसका विरोध समुदाय के अंदर के लोग [नहीं नहीं नहीं
नहीं] कर रहे हैं।"
जो उन्होंने कहा ही नहीं, उससे आप असहमत कैसे हो सकते हैं? :-)
--
रावत