सही शब्द क्या है

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Dr.Rawat

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Mar 19, 2017, 10:45:33 PM3/19/17
to हिंदी अनुवादक (Hindi Translators), sanjeev
साथियो

द्विवेदी अथवा द्वितीय हम ऐसे लिखते हैं, ऐसा ही सीखा है देखा है
किंतु एक बोर्ड बनाने वाले ने पीतल की प्लेट पर
द् वितीय तल लिख दिया है, बहुत हुज्जत हुई है..। फिर मैंने भी मान लिया कि
शायद यह सही हो जैसे क्लांत, क्लेश आदि। 

भारत सरकार के  मानकीकरण के अनुसार कुछ लोगों का कहना है कि यह सही है..

मैंने द् एवं वि के बीच में गैप डाला है लेकिन बोर्ड पर नहीं हैं


क्या इस प्रकार से लिखा द् वितीय सही माना जा सकता है.... 

या बदलवाना चाहिए...

सादर

Alpana Verma

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Mar 20, 2017, 3:17:49 AM3/20/17
to hindian...@googlegroups.com
Aapne jo dekha wah Vartani ka naya ruup hai...hundi wale sabhi akshar  swar nahin hone par alag hal chihn ke saath likhe jaate hain....saathi vynjan ke saath nhi judte..

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Alpana Verma

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Mar 20, 2017, 3:19:52 AM3/20/17
to hindian...@googlegroups.com
Dwity mei shiro rekha to ek hi rahegi...

On 20 Mar 2017 11:17, "Alpana Verma" <alp...@gmail.com> wrote:
Aapne jo dekha wah Vartani ka naya ruup hai...hundi wale sabhi akshar  swar nahin hone par alag hal chihn ke saath likhe jaate hain....saathi vynjan ke saath nhi judte..
On 20 Mar 2017 06:45, "Dr.Rawat" <dr.raje...@gmail.com> wrote:
साथियो

द्विवेदी अथवा द्वितीय हम ऐसे लिखते हैं, ऐसा ही सीखा है देखा है
किंतु एक बोर्ड बनाने वाले ने पीतल की प्लेट पर
द् वितीय तल लिख दिया है, बहुत हुज्जत हुई है..। फिर मैंने भी मान लिया कि
शायद यह सही हो जैसे क्लांत, क्लेश आदि। 

भारत सरकार के  मानकीकरण के अनुसार कुछ लोगों का कहना है कि यह सही है..

मैंने द् एवं वि के बीच में गैप डाला है लेकिन बोर्ड पर नहीं हैं


क्या इस प्रकार से लिखा द् वितीय सही माना जा सकता है.... 

या बदलवाना चाहिए...

सादर

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lalit sati

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Mar 20, 2017, 3:25:05 AM3/20/17
to ha
द्वितीय सही है। बोर्ड बनाने वाले को कंटेंट शायद वर्ड फ़ाइल में मंगल फ़ॉन्ट में लिखकर दिया गया होगा, जिसमें द् वितीय जैसा लिखा दिखता है।

हरिराम

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Mar 20, 2017, 3:32:45 AM3/20/17
to hindian...@googlegroups.com
केंद्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा जारी मानक 2016 से संबंधित बिन्दू का स्क्रीनशॉट संलग्न

Inline image 1

अगर द् वितीय या द् विवेदी के बीच स्पेस रह गया है, तो शिरोरेखा को मिला दीजिए। एक शब्द समझा जाएगा।



2017-03-20 8:15 GMT+05:30 Dr.Rawat <dr.raje...@gmail.com>:
द्विवेदी अथवा द्वितीय हम ऐसे लिखते हैं, ऐसा ही सीखा है देखा है
किंतु एक बोर्ड बनाने वाले ने पीतल की प्लेट पर
द् वितीय तल लिख दिया है, बहुत हुज्जत हुई है..। फिर मैंने भी मान लिया कि
शायद यह सही हो जैसे क्लांत, क्लेश आदि। 

भारत सरकार के  मानकीकरण के अनुसार कुछ लोगों का कहना है कि यह सही है..



हरिराम
प्रगत भारत <http://hariraama.blogspot.in>

Alpana Verma

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Mar 20, 2017, 3:38:26 AM3/20/17
to hindian...@googlegroups.com
नहीं ललित जी....वर्तनी के नए रूप में हिंदी के हुंडी वाले सभी अक्षर जैसे - ट,थ, ठ,ह,द आदि...स्वर न होने पर शब्द में अन्य व्यंजन के साथ सयुंक्त न होकर हल चिह्‍न  के साथ लिखे जायेंगे ..शब्द की शिरोरेखा एक ही रहेगी.

संयुक्‍ताक्षर बनाने के नियम 2.1.2.2 के अनुसार ड् छ् ट् ठ् ड् ढ् द् ह् में हल् चिह्‍न का ही प्रयोग होगा। जैसे : चिह्‌न, विद्‍वान आदि में।
आभार 

lalit sati

unread,
Mar 20, 2017, 4:00:58 AM3/20/17
to ha
यूनीकोड में जब आप टाइप करते हैं, आप इसी नियम का पालन करते हुए ही टाइप करते हैं लेकिन लिखा इस रूप में आएगा- द्वितीय, चिट्ठियाँ आदि। मंगल फ़ॉन्ट में अवश्य उक्त रूप में द्वितीय लिखा दिखेगा, जबकि अन्य यूनीकोड फ़ॉन्ट्स में द्वितीय चिट्ठियाँ का द्वितीय चिट्ठियाँ हो जाएगा। स्कूलों में यह नियम ज़रूरी है ताकि हाथ से लिखने पर यह पता रहे कि यह शब्द कैसे बना है

हरिराम

unread,
Mar 20, 2017, 4:13:30 AM3/20/17
to hindian...@googlegroups.com
देवनागरी लिपि का क्रम विकास का अध्ययन दर्शाता है कि प्राचीन काल में ऊपर-से-नीचे के क्रम में संयुक्ताक्षर बनाए जाते थे, तो मात्राएँ अंतिम वर्ण पर ही लगती थी।
एक उदाहरण यों मिला है:
Inline image 1
अर्थात् द के नीचे वि लिखकर द्वि बनाया जाता था।

कालक्रम में संयुक्ताक्षरों में पूर्णाक्षर (दोनों व्यंजनों) पर 'ि' मात्रा लगाने का गलत प्रयोग प्रचलित हो गया।

युनिकोड तथा w3c.org की तकनीकी बैठकों में देवनागरी की मानक रेंडरिंग तथा डैटाबेस की समस्याओं के समाधान के दौरान कई अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों ने 
तर्क किए, यथा --

"द्वि = द+्+व+ि"  होता है।

= द्+वि

जिस वर्ण पर हलन्त लगा हो, उसका अर्थ ही होता है कि उस वर्ण पर कोई स्वर (स्वर की मात्रा) नहीं है। हलन्त और स्वर (स्वर की मात्रा) दोनों किसी वर्ण पर कदापि एकसाथ नहीं लग सकते।

----

अर्थात् किसी भी आधे व्यंजन ('अ' ध्वनि रहित मूल व्यंजन) पर कोई स्वर कदापि नहीं लग सकता।

प्राचीन देवनागरी में मात्राएँ केवल अंतिम वर्ण पर ही लगती थी।

आज भी मात्राएँ केवल अंतिम वर्ण(व्यंजन) पर ही लगती है।

यथा-- क्ला क्ली, क्लु, क्लू, क्लृ क्ले क्लै क्लौ आदि

किन्तु 'क्लि' संयुक्ताक्षर में अपवाद है, जिसका कारण है कि 'इ' की मात्रा ('ि') वर्ण के बाईं ओर लगती है।

कुछ पुराने फोंट्स में संयुक्त वर्णों के लिए अधिक चौड़ाई वाली 'ि' मात्रा बनाई गई थी, जो दोनों वर्णों पर लगती थी। 

लेकिन इससे भ्रमवश कुछ बच्चों व विदेशी छात्रों द्वारा 'द्वि' का उच्चारण 'दिवि' किया जाने लगा। 

-----

ऊपर तर्क के आधार पर कि, किसी भी आधे व्यंजन ('अ' ध्वनि रहित मूल व्यंजन) पर कोई स्वर कदापि नहीं लग सकता।

तो फिर

तकनीकी रूप से देखें तो

क्‍वि, ख्वि, ग्वि, .... श्‍वि, ष्वि, स्वि, 

लिखा जाना भी गलत है।

तकनीकी रूप से सही तो निम्न प्रकार होना चाहिए:

Inline image 2
किन्तु ऐसे तो खड़ी पाई के रूप में 'ि' का डंडाकार मूल व्यंजन के साथ मिलकर और ज्यादा भ्रम पैदा करेगा।

अतः मानकों में खड़ी पाई हटाकर संयुक्ताक्षर बनाने पर 'इ' की मात्रा के प्रचलित प्रयोग को ही जारी रखा गया है।

भविष्य में यदि 'देवनागरी' को एक-रेखीय (linear) बनाने के लिए आनेवाली पीढ़ी कोई उपाय निकाले तो ... शायद... कोई समाधान मिले।

फिलहाल देवनागरी की रेंडरिंग को ऐसे ही रखकर काम चलाया जा रहा है।


हरिराम
प्रगत भारत <http://hariraama.blogspot.in>


हरिराम

unread,
Mar 20, 2017, 4:23:41 AM3/20/17
to hindian...@googlegroups.com
BIS IS 16500:2012 मानक अगस्त-2012 में बने थे। इसके बाद जो फोंट बने हैं या अपडेट किए गए हैं, उनमें सुधार हुआ है।

किन्तु इसके पूर्व बने फोंट्स में

छ्वि, ट्वि, ठ्वि, ड्वि, ढ्वि, द्वि, ह्वि, आदि पुराने (ऊपर-नीचे क्रम में बने संयुक्ताक्षर) रूप में  प्रकट होते हैं।

अर्थात् विण्डोज 2000, XP, Vista, 7 आदि के साथ इन्स्टाल मंगल फोंट में पुराने रूप में प्रकट होते हैं। विण्डोज-8.1 के साथ इंस्टाल हुए मंगल (वर्सन 6.00) तथा विण्डोज-10 के साथ आए मंगल फोंट में नए मानकों के अनुसार हलन्त् के बाद के व्यंजन पर ही   ि  मात्रा लगाकर प्रकट होते हैं। 



हरिराम
प्रगत भारत <http://hariraama.blogspot.in>


Dr Rajeev kumar Rawat

unread,
Mar 20, 2017, 5:41:01 AM3/20/17
to hindian...@googlegroups.com
विचार विमर्श बहुत ही रुचिपूर्ण हो रहा है .
लेकिन पंचों से निवेदन है कि फैसला करिए

जो मैंने द् एवं वितीय के बीच में गैप दिखाया है वह बोर्ड पर नहीं है, एकही शिरोरेखा है, 
द्वितीय ही लिखा है

अच्छा एक बात और है जब मैं इस ई मेल को लिख रह हूं तो इसमे द्वितीय लिखना संभव है 
और जब वर्ड डॉक में आप मंगल में या कोकिला अपराजिता में लिखेंगे तो द्वितीय लिखना संंभव
नहीं है वहां द्वितीय

द्वितीय

द्वितीय ही लिखा जाएगा। 


पंचों का फाइनल निर्णय चाहिए। 


सादर


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--
डॉ. राजीव कुमार रावत,हिंदी अधिकारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर-721302
09641049944,09564156315

हरिराम

unread,
Mar 20, 2017, 6:52:59 AM3/20/17
to hindian...@googlegroups.com
'द्‍वितीय' ही लिखना पड़ेगा। नवीनतम मानक यही है।


2017-03-20 15:10 GMT+05:30 Dr Rajeev kumar Rawat <dr.raje...@gmail.com>:
विचार विमर्श बहुत ही रुचिपूर्ण हो रहा है .
लेकिन पंचों से निवेदन है कि फैसला करिए



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