नवभारत टाइम्स | Jun 29, 2012, 08.37AM IST
ग्रेटर नोएडा।। आठ महीने के इंतजार के बाद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के
मास्टर प्लान 2021 को गुरुवार को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की टेक्निकल
कमिटी ने मंजूरी दे दी। हालांकि कमिटी ने अथॉरिटी के सामने 6 शर्तें रखी
हैं।
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इनके आधार पर ही शहर विकसित करना होगा। यहां से ग्रीन सिग्नल मिलने के
बाद मास्टर प्लान को बोर्ड से मंजूरी मिलनी बाकी रह गई है। गुरुवार को आए
फैसले से निवेशकों, किसानों और अथॉरिटी ने राहत की सांस ली है।
मास्टर प्लान 2021 के अप्रूवल को लेकर गुरुवार को बोर्ड के दिल्ली ऑफिस
में टेक्निकल कमिटी की मीटिंग हुई। मीटिंग में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के
सीईओ रमा रमण और जीएम प्लानिंग लीनू सहगल शामिल हुईं।
अथॉरिटी ने कमिटी के सामने मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन दिया। अथॉरिटी के
सीईओ का कहना है कि मास्टर प्लान के अप्रूवल के लिए अब इसे एनसीआर
प्लानिंग बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। इस बोर्ड में 21 सदस्य हैं। बोर्ड से
अप्रूवल मिलने में 15 से 20 दिन लगेंगे।
शर्तें और संभावनाएं
1. वाटर सप्लाई, सीवरेज, ड्रेनेज, पावर, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को
नॉर्म्स के मुताबिक रखना होगा
अथॉरिटी का जवाब : बिजली के लिए जिले की तीनों अथॉरिटी और यूपीपीसीएल ने
मिलकर यमुना पावर जनरेशन कंपनी बनाई है। यह 2000 मेगावॉट बिजली पैदा
करेगी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अथॉरिटी
प्लान बना चुकी है और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से लोन भी मांगा है।
2. अबर्न एरिया का 16 पर्सेंट ग्रीन बेल्ट के रूप में रखना और मेंटेन
करना होगा। अथॉरिटी ग्रीन एरिया को शिफ्ट नहीं करेगी।
अथॉरिटी का जवाब : मास्टर प्लान में 22.10 पर्सेंट ग्रीनरी पहले से ही
है। दादरी में ग्रीनरी बढ़ाई जा सकती है।
3. अथॉरिटी की रेजिडेंशल स्कीमों में गरीबों और मिडिल क्लास फैमिली के
लिए 20-25 पर्सेंट छोटे प्लॉट या मकान रिजर्व रखने होंगे।
अथॉरिटी का जवाब : अथॉरिटी नोएडा एक्सटेंशन में लो बजट फ्लैट बना चुकी
है। हर सेक्टर में पहले से ही लो बजट फ्लैट मौजूद हैं। यह व्यवस्था हर
सेक्टर में होगी। यूपी सरकार ने इसके लिए 5 दिन पहले निर्देश भी दिए हैं।
अथॉरिटी लो बजट फ्लैटों की स्कीम लाने की योजना बना रही है।
4. नॉन पॉल्यूटिंग क्लीन टेक्नॉलॉजी इंडस्ट्री के लिए प्लॉट रिजर्व रखना
होगा।
अथॉरिटी का जवाब : ऐसी इंडस्ट्रीज के लिए मास्टर प्लान में जगह चिह्नित
करने में दिक्कत नहीं है। हालांकि इस तरह की इंडस्ट्री लगवाने के लिए
अथॉरिटी के अफसरों को काफी मेहनत करनी होगी। निवेश के लिए ऐसी कंपनियों
को बेहतर माहौल देना होगा और शर्तों में लचीलापन भी लाना होगा, जिसकी
उम्मीद कम है।
5. अथॉरिटी का एनवायरनमेंटल मैनेजमेंट पार्ट मास्टर प्लान का हिस्सा
होगा।
अथॉरिटी का जवाब : एनवायरनमेंटल मैनेजमेंट प्लान को मास्टर प्लान में
शामिल करना अथॉरिटी के हाथ में है। आसानी से ऐसा किया जा सकता है।
6. मेट्रो, एमआरटीएस और नया एक्सप्रेस वे बनाना होगा।
अथॉरिटी का जवाब : मेट्रो के लिए पहले ही दो रूट प्रस्तावित हैं। पहला -
नोएडा से भंगेल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, परी चौक और बोड़ाकी तक
है। दूसरा - 130 मीटर एक्सप्रेस वे के किनारे से नोएडा एक्सटेंशन होते
हुए नोएडा तक है। ये दोनों पहले से ही मास्टर प्लान में हैं। 130 मीटर
एक्सप्रेस वे का निर्माण चल रहा है। मेट्रो के पहले रूट के किनारे से एक
और एक्सप्रेस वे की योजना बनाई जा रही है।
On Jun 28, 9:27 pm, Chetan Tyagi <chetan...@gmail.com> wrote:
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