आपके फोन में सही प्रदर्शन इसलिये हो पा रहा है क्योंकि आपके फोन के फॉण्ट में नीचे वर्ण लगने वाले संयुक्ताक्षरों के लिये glyphs शामिल हैं।
मोबाइल फोन में आमतौर पर एक ही फॉण्ट होता है जिसमें एकाधिक भाषाओं के वर्ण शामिल होते हैं जैसे कि मेरे नोकिया ५८०० के डिफॉल्ट फॉण्ट में हिन्दी एवं विभिन्न भारतीय भाषाओं सहित विभिन्न भाषाओं के वर्ण शामिल हैं। परन्तु यहाँ पर ये भी नोट किया जाय कि फॉण्ट में सभी संयुक्ताक्षर glyph होने के अलावा ये भी आवश्यक है कि फोन का कॉम्पलैक्स स्क्रिप्ट रैण्डरिंग इंजन देवनागरी का समर्थन करता हो। ये वो सॉफ्टवेयर कम्पोनेण्ट है जो कि किसी भी कम्प्यूटिंग डिवाइस में स्टोर देवनागरी अक्षरों को स्क्रीन पर फॉण्ट की सहायता से सही रुप में प्रदर्शित करता है (जैसे विण्डोज़ मे
यूनिस्क्राइब, लिनक्स में पाँगों इत्यादि)। मेरे नोकिया ५८०० का स्क्रिप्ट इंजन ठीक से हिन्दी नहीं दिखाता लेकिन
ऑपेरा मोबाइल ब्राउजर अपने खुद के स्क्रिप्ट इंजन का प्रयोग करके हिन्दी को लगभग सही रुप से दिखा देता है।
मैं
हैरान हूँ कि आपका फोन देवनागरी का इतनी सही तरह से प्रदर्शन करता है। आम तौर पर अच्छे (थोड़ा महंगे तथा ज्यादा फंक्शन वाले) फोनों में हिन्दी समर्थन कम ही होता है।
फॉण्ट फाइलों को देखने के लिये आपको फोन में एक फाइल मैनेजर की जरुरत होगी, फोन का डिफॉल्ट फाइल मैनेजर आमतौर पर इस तरह की सिस्टम फाइलों को नहीं दिखाता, अलग से टूल डालना पड़ता है। जैसे नोकिया सिम्बियन स्मार्टफोन के लिये Y-Broswer तथा MobiExplorer आदि टूल होते हैं जिनसे आप फॉण्ट जैसी सिस्टम फाइलों को देखने के अलावा उन्हें मेमोरी कार्ड पर कॉपी करके बाद में पीसी में भी कॉपी कर सकते हैं। ऍलजी के लिये भी शायद कोई जावा में बना फाइल मैनेजर टूल उपलब्ध हो।