भारत को भारतवर्ष भी कहा जाता है। क्या आपमें से कोई मुझ अल्पज्ञ को यह
समझाने की कृपा करेगा कि इसमें वर्ष जोड़ने का क्या अर्थ अथवा कारण है?
शुभकामनाओं सहित,
चोपड़ा
बड़ा अछ्छा सवाल है !!
वर्ष की व्युत्पत्ति वृष् धातु से है जिसमें बौछार करने, पैदा करने और चोट करने
के अर्थ हैं। इस धातु से वर्ष, वर्षा, वृष्टि, वृषभ, वृषण, और वृषल शब्द बनते
हैं। जहाँ वर्षा और वृष्टि में बौछार का अर्थ है वहीं बौछार के ही अर्थ के
विस्तार से वृषभ, वृषण और वृषल में पैदा करने का अर्थ है। एक से दूसरी वर्षा के
अन्तर से ही एक वर्ष की अवधि मानी जाती थी। महाद्वीप या सृष्टि के प्रभाग का
अर्थ शायद इस सोच से आया हो कि अलग भौगोलिक प्रदेश अलग तरह के पेड़-पौधों और
जन्तुों की अलग प्रजाति पैदा करते हैं। नौ वर्ष जो मिलते हैं वे हैं: कुरु,
हिरण्य़मय, रम्यक, इलावृत्त, हरि, केतुमाला, भद्राशव, किन्नर और भारत।
बाक़ी तो जाने दीजिये पर किन्नरों के होने का उल्लेख हिमाचल के एक अंचल में
मिलता है। कुरु जनपद तो अपना मेरठ ही माना जाता रहा है, और उत्तरकुरु
उत्तराखण्ड है। इसलिए समुद्र से भौगोलिक रूप से विभाजित महाद्वीप से अधिक इन
वर्षों में सृष्टि प्रभाग का ही अधिक अर्थ है क्योंकि द्वीपों की संख्या सात
बताई गई है जबकि वर्षों की नौ।