श्रृ या शृ

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कुशल

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Aug 31, 2010, 8:19:21 PM8/31/10
to हिंदी (Hindi)
नमस्ते,

क्या आप मुझे कृपया करके बता सकते है कि शुद्ध हिंदी में इन दोनों में से
कौनसी वर्तनी सही है?

शृंगार या श्रृंगार?

वैसे ही- शृंखला या श्रृंखला?

धन्यवाद,
कुशल

Agastya Kohli / अगस्त्य कोहली

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Aug 31, 2010, 8:31:27 PM8/31/10
to hi...@googlegroups.com
श + र = श्र
श + ऋ = शृ

श्र + ऋ = undefined.

2010/8/31 कुशल <kbku...@gmail.com>

--
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narayan prasad

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Aug 31, 2010, 11:53:11 PM8/31/10
to hi...@googlegroups.com
<< श + र = श्र
   श + ऋ = शृ

  श्र + ऋ = undefined.>>
 
 
श + र = "शर" होगा, "श्र" नहीं ।

इसे इस तरह लिखा जाना चाहिए -

श् + र =  श्र
 
उसी तरह,

श् + ऋ = शृ
 
श्रृ लिखना गलत है, क्योंकि
श्रृ = श् + र् + ऋ = श् + रृ

रृ का हिन्दी या संस्कृत में प्रयोग नहीं होता ।
 
---नारायण प्रसाद

2010/9/1 Agastya Kohli / अगस्त्य कोहली <agas...@gmail.com>

Riho Alla

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Sep 1, 2010, 1:36:54 AM9/1/10
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This is a very interesting question. Because I was 2 weeks ago in Haridwar, and I was confronted with similar question, because there was written in temple's wall: "श्री श्रृंगेरि मठ मन्दिर" (śrī śrṛṅgeri maṭh mandir). I made also photo of this phenomena. This text is better visible in yellow background if you zoom it. First I thought, that maybe it is certain place name in certain dialect (?).
I searched from internet, more frequently I saw the variant with long -ī at the end: श्रृंगेरी śrṛṅgerī

Riho

Yogendra Joshi

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Sep 1, 2010, 1:39:19 AM9/1/10
to hi...@googlegroups.com
शृंगार या श्रृंगार में से पहला सही है ।
शृंगार = श्‌+ऋ+अनुस्वार+गार; श्रृंगार = श्‌+र्+ऋ+अनुस्वार+गार
मुद्रित पाठ्य-सामग्री में बहुत संभव है कि आपको श्रृंगार जैसा देखने को मिले, किंतु ध्यान देने पर पायंगे कि श् वर्ण के निचले भाग में र् को व्यक्त करने वाली तिरछी रेखा वास्तव में विद्यमान् नहीं है, यदि है तो यह् गलत छपा होगा ।
मानक शब्दकोश में देखें तो पायेंगे कि शृंगार शब्द क्रमानुसार शूं एवं शें के बीच में है . यदि सही शब्द श्रृंगार होता तो यह क्रमिकता में श्रूं एवं श्रें के बीच में होता ।
संयुक्ताक्षरों में श् का एक रूप वह भी है जो ईश्वर में मौजूद है

श्रृ  वाला कोई भी शब्द आपको शब्दकोश में नहीं मिलेगा ऐसा मेरा विश्वास है ।
(
शृंखला या श्रृंखला पर भी यही बातें लागू होती हैं |)
- योगेन्द्र जोशी

वाराणसी में कृष्ण-जन्माष्टमी आज मनायी जा रही है |
इस पर्व पर सभी विद्वज्ज्नों को हार्दिक मंगलकामनाएं |

- योगेन्द्र जोशी

१ सितम्बर २०१० ५:४९ पूर्वाह्न को, कुशल <kbku...@gmail.com> ने लिखा:

ePandit | ई-पण्डित

unread,
Sep 1, 2010, 9:40:32 AM9/1/10
to hi...@googlegroups.com
यहाँ भी देखें -
http://hi.wikipedia.org/wiki/विकिपीडिया:विवादास्पद_वर्तनियाँ#श्र_और_शृ

2010/9/1 Yogendra Joshi <yogendr...@gmail.com>



--
Shrish Benjwal Sharma (श्रीश बेंजवाल शर्मा)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
If u can't beat them, join them.

ePandit: http://epandit.shrish.in/

कुशल

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Sep 4, 2010, 12:17:57 PM9/4/10
to हिंदी (Hindi)
सभी को मेरा धन्यवाद

On 1 Sep, 14:40, ePandit | ई-पण्डित <sharma.shr...@gmail.com> wrote:
> यहाँ भी देखें -http://hi.wikipedia.org/wiki/विकिपीडिया:विवादास्पद_वर्तनियाँ#श्र_और_शृ<http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%...>
>
> 2010/9/1 Yogendra Joshi <yogendrapjo...@gmail.com>
>
>
>
>
>
> > *शृंगार या श्रृंगार में से पहला सही है ।


> > शृंगार = श्‌+ऋ+अनुस्वार+गार; श्रृंगार = श्‌+र्+ऋ+अनुस्वार+गार
> > मुद्रित पाठ्य-सामग्री में बहुत संभव है कि आपको श्रृंगार जैसा देखने को मिले,
> > किंतु ध्यान देने पर पायंगे कि श् वर्ण के निचले भाग में र् को व्यक्त करने
> > वाली तिरछी रेखा वास्तव में विद्यमान् नहीं है, यदि है तो यह् गलत छपा होगा ।
> > मानक शब्दकोश में देखें तो पायेंगे कि शृंगार शब्द क्रमानुसार शूं एवं शें के
> > बीच में है . यदि सही शब्द श्रृंगार होता तो यह क्रमिकता में श्रूं एवं श्रें
> > के बीच में होता ।

> > संयुक्ताक्षरों में श् का एक रूप वह भी है जो ईश्वर में मौजूद है **।*
> > *श्रृ  वाला कोई भी शब्द आपको शब्दकोश में नहीं मिलेगा ऐसा मेरा विश्वास है ।
> > (*शृंखला या श्रृंखला पर भी यही बातें लागू होती हैं |)
> > *- योगेन्द्र जोशी
>
> > **वाराणसी में कृष्ण-जन्माष्टमी आज मनायी जा रही है |
> > इस पर्व पर सभी विद्वज्ज्नों को हार्दिक मंगलकामनाएं |*
> > *- योगेन्द्र जोशी*
>
> > १ सितम्बर २०१० ५:४९ पूर्वाह्न को, कुशल <kbkus...@gmail.com> ने लिखा:


>
> > नमस्ते,
>
> >> क्या आप मुझे कृपया करके बता सकते है कि शुद्ध हिंदी में इन दोनों में से
> >> कौनसी वर्तनी सही है?
>
> >> शृंगार या श्रृंगार?
>
> >> वैसे ही- शृंखला या श्रृंखला?
>
> >> धन्यवाद,
> >> कुशल
>
> >> --
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Riho Alla

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Sep 20, 2010, 9:57:51 AM9/20/10
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Concerning this statement of HIndi Wikipedia link:
रृ का हिन्दी या संस्कृत में प्रयोग नहीं होता



I think there are though some exceptions at least in Sanskrit language, where r + ṛ = rṛ are allowed, e.g. 'nirṛti'. From Monier-Williams dictionary:

nirṛti

(H3) nír-° ṛti [p= 554,2] [L=109491] f. (nír-) dissolution , destruction , calamity , evil , adversity RV. &c &c (personified as the goddess of death and corruption and often associated with mṛtyu , a-rāti &c RV. AV. VS. ; variously regarded as the wife of a-dharma , mother of bhaya , mahā-bhaya and mṛtyu [ MBh. ] or as a daughter of a-dharma and hiṃsā and mother of naraka and bhaya [ Ma1rkP. ] ; binds mortals with her cords AV. Br. &c ; is regent of the south [ AV. ] and of the asterism mūla [ Var. ])
[L=109491.1] the bottom or lower depths of the earth (as the seat of putrefaction) AV. VS. S3Br.
(H3B) nír-° ṛti [L=109491.2] m. death or the genius of death BhP.
(H3B) nír-° ṛti [L=109491.3] m. N. of a rudra MBh. Hariv. Pur.
(H3B) nír-° ṛti [L=109491.4] m. of one of the 8 vasus Hariv. (v.l. ni-kṛti)

Yogendra Joshi

unread,
Sep 21, 2010, 8:39:53 AM9/21/10
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संस्कृत में ‘य’, ‘व’, ‘र’, ‘ल’ अंतस्थ (semivowel) व्यंजन कहलाते हैं और इनका ह्रस्व/दीर्घ स्वरों क्रमशः ‘इ’, ‘उ’, ‘ऋ’ एवं ‘ऌ’ से  घनिष्ठ संबंध है, जिसका समूचे संस्कृत व्याकरण, खास तौर पर संधि प्रकरण, में विशेष महत्त्व है । सैद्धांतिक तौर पर य... पर इ... की मात्रा क्रमशः स्वीकार्य है, यथा यी, आदि । इन व्यंजनों की विशेषता यह है कि यि/यी आदि की ध्वनि इ/ई आदि के इतनी निकट होती है कि भेद बहुत स्पष्ट नहीं हो पाता है । शायद यही कारण है कि ऐसे शब्द अधिक नहीं हैं जिनमें यि/यी, वु/वू आदि हों । य पर इ/ई की मात्रा वाले शब्द फिर भी काफी मिलते हैं । उसके बाद व पर उ/ऊ मात्रा वाले शब्द । किंतु र पर ऋ/ॠ की मात्रा वाले शायद 4-6 शब्द ही हैं । (और ल पर ऌ/ॡ मात्रा वाले शब्द हैं भी यह नहीं मालूम ।) मैं केवल अधोलिखित से वाकिफ हूं:
(1) निर्ऋति = निर्(उपसर्ग)+ऋ+क्तिन्‌ (प्रत्यय) = (I) क्षय ..., (II) संकट ..., (III) अभिशाप, आक्रोश, (IV) मृत्यु अथवा मृत्यु की देवी ।
उपर्युक्त शब्द से ही ये शब्द निकले हैं:
(२) निर्ऋती = (I) दुर्गा, (II) दक्षिण-पश्चिमी दिशा ।
(३) नैर्ऋत्य = निर्ऋति देवता से संबंधित
और एक शब्द यह भी

(४) निर्ऋत = एक राक्षस का नाम ।

यह ध्यान दें कि संस्कृत ग्रंथों में र्+ऋ को रृ नहीं लिखा मिलता है, बल्कि इसे ऋ के ऊपर अंकित ‘रेफ’ के साथ लिखा जाता है, जैसे र्क में । लेकिन देख रहा हूं कि Unicode में यह उपलब्ध नहीं है; मैं सही टाइप नहीं कर पा रहा हूं । यह पद्धति क्यों अपनाई गयी होगी मैं नहीं कह सकता ।
- योगेन्द्र जोशी



2010/9/20 Riho Alla <alla...@gmail.com>
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