होली के रंग : हर्बल गुलाल के संग
मध्यप्रदेश के वन विभाग ने होली के त्यौहार के लिये इको फ्रेन्डली रंग तैयार किये हैं। टेसू के फूलों तथा प्राकृतिक रंग और सुगंध के अद्भुत मेल से बने विशेष हर्बल गुलाल लाल, गुलाबी, पीले, केशरिया और क्रीम रंग में उपलब्ध है। 'पर्यावरण मित्र' हर्बल गुलाल की यह रंगबिरंगी सौगात भोपाल स्थित लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र बरखेड़ा पठानी ने तैयार की है। यह केन्द्र मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा संचालित है।
विंध्य हर्बल्स श्रृंखला के अंतर्गत तैयार हर्बल गुलाल प्राचीन परंपरागत वैदिक पध्दतियों से बनाया गया है जिन्हें तत्कालीन राजपरिवारों द्वारा उपयोग किया जाता था। हर्बल गुलाल के जरिये इस बार पारम्परिक राजसी तरीके से होली खेलने का आनंद अब आम लोग भी उठा सकेंगे। यह रंग प्रदूषण रहित है साथ ही आर्सेनिक, जस्ता, सीसा, केडमियम, निकल तथा अभ्रक जैसे हानिकारक तत्वों से मुक्त है। इन रंगों को छुड़ाने में पानी का अपव्यय भी नहीं होगा जिससे पानी की बचत भी होगी। हर्बल गुलाल की यह खासियत है कि शरीर पर इनके उपयोग से कोई विपरीत प्रभाव नहीं होता है।
मध्यप्रदेश लघु वनोपज के प्रबंध संचालक श्री रमेश दवे ने बताया कि राजधानी भोपाल में हर्बल गुलाल विभिन्न स्थानों पर विक्रय के लिये उपलब्ध कराया गया है। हर्बल गुलाल संजीवनी आयुर्वेद केन्द्र प्रकाश तरण पुष्कर के सामने लिंकरोड नं. एक पर उपलब्ध है। मुख्य वितरक श्री गिरधर जनरल स्टोर्स जुमेराती भोपाल है। शिवम मेडिकल स्टोर्स जवाहर चौक भोपाल, देवनाथ किराना 10 नं. स्टाप अरेरा कालोनी भोपाल और शिव कैलाश किराना स्टोर 5 नं. स्टॉप शिवाजी नगर भोपाल पर गुलाल बिक्री के खुदरा विक्रय केन्द्र बनाये गए हैं।
रंग-बिरंगे हर्बल गुलाल का उत्पादन म.प्र. के कटनी स्थित वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र पर भी किया गया है तथा जबलपुर वन वृत्त क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर इनके विक्रय की विशेष व्यवस्था की गई है।