यमुना प्राधिकरण के भूखंडों की रीसेल में बड़ी समस्या

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Pradeep Sharma

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Oct 30, 2010, 9:49:30 AM10/30/10
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यमुना अथॉरिटी में आवासीय प्लाटों की स्कीम के लिए ‘एग्रीमेंट टू लीज’ और ‘एग्रीमेंट टू सेल’ कराने वाले हजारों आवंटी दोराहे पर खड़े हो गए हैं। प्राधिकरण की पॉलिसी में स्पष्ट क्लॉज नहीं होने के चलते परेशानियां ङोलनी पड़ रही हैं। ‘एग्रीमेंट टू लीज’ करा चुके 9000 से ज्यादा आवंटी चाहकर भी अपने प्लॉट नहीं बेच पा रहे हैं। इसी तरह दो पर्सेट स्टाम्प शुल्क देने के बाद ‘जनरल पावर ऑफ अटोर्नी’ के आधार पर रीसेल के जरिए खरीद करने वाले करीब 4000 खरीदार प्लॉट अपने नाम ट्रांसफर नहीं करवा पा रहे हैं। आवंटी को प्लॉट पर कब्जा मिलना तो अभी दूर की बात है।

यमुना अथॉरिटी ने 7000 हजार आवासीय प्लाटों की स्कीम निकाली थी लेकिन, बढ़ाकर 21000 कर दी। स्कीम में प्लॉट पाने वाले लोग रातोंरात मालामाल हो गए। दरअसल ये प्लॉट एनसीआर रीजन में सबसे कम दरों पर मात्र 4,750 रुपए वर्ग मीटर में आवंटित किए गए थे। प्लॉटों पर प्रीमियम बढ़ता देख हजारों लोगों ने प्लॉट बेच दिए। एग्रीमेंट टू लीज को रद करके सीधे बैनामा करने से निबंधन विभाग ने इंकार कर दिया। ऐसे में लोगों ने जीपीए की मार्फत प्लॉट खरीद लिए। अब सारे लोग फंस गए हैं। अथॉरिटी ऐसे खरीददारों के नाम पर प्लॉट स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं दे रही है। कहा जा रहा है कि जीपीए के जरिए मालिकाना हक तय करने का नियम नहीं है। खास बात यह है कि इन आवंटियों ने दो प्रतिशत स्टाम्प शुल्क देकर एग्रीमेंट टू सेल भी करा रखा है। दूसरी ओर जिन खरीदारों ने एग्रीमेंट टू सेल नहीं करवाया और सीधे तौर पर ट्रांसफर लैटर के आधार पर खरीद की है, उनके नाम प्राधिकरण अपने रिकॉर्ड में चढ़ा रहा है। यहां खात बात यह है कि ऐसे खरीदार जो घर बनाकर रहेंगे, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। जो प्लॉट बेचना चाहते हैं, वे नहीं बेच पाएंगे। सैकड़ों लोग रोजाना सेक्टर बीटा स्थित यमुना अथॉरिटी में नियम-कायदों की जानकारी लेने पहुंच रहे हैं।
 

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जीपीए के मामलों पर अभी पॉलिसी तय नहीं हुई है। पावर ऑफ एटोर्नी के आधार पर प्राधिकरण मालिकाना हक तब्दील नहीं कर सकता। इन लोगों को पावर ऑफ अटोर्नी करवाने से पहले जानकारी लेनी चाहिए थी।’
एनके श्रीवास्तव, परियोजना प्रबंधक, यमुना प्राधिकरण
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सारी समस्या की जड़ ब्रोकर हैं। यमुना प्राधिकरण से जुड़ी पॉलिसी अभी चल रही हैं। पूर्ण पॉलिसी सामने आने से पहले भूखंड कई-कई मर्तबा बेच दिए गए हैं। जिसमें कई तरह के पंजीकरण अवैध हो सकते हैं।’
एसएन राय, एआईजी, स्टांप

shailendra singh

unread,
Nov 9, 2010, 1:02:43 AM11/9/10
to ye...@googlegroups.com
Dear Sir,
 
It means Property purchased though ;GPA/Will and Sale agreement  need to take help from Court only , as they are genuine and done all the formalities.
But due to YEA internal problems they have to suffer.
Original Alloties are not coming to sing directly as premuim is no high and they want more money as appreciation this service.

2010/10/30 Pradeep Sharma <frito...@yahoo.co.in>
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