ै। भारतीय किसान यूनियन का तर्क है कि किसानों ने सिर्फ यमुना एक्सप्रेस-
वे के लिए जमीन देने को हामी भरी थी, साथ ही उन्होंने अट्टा गुजरान गांव
के पास अंडरपास बनाने की मांग की है। इस संबंध में शनिवार को बीकेयू
नेताओं और जिला प्रशासन की कलेक्ट्रेट में मीटिंग हुई। एडीएम प्रशासन ओपी
आर्या ने किसानों की मांगे अथॉरिटी के चेयरमैन तक पहुंचाने का आश्वासन
दिया है।
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने एडीएम के सामने 11 मांगें रखीं।
बीकेयू नेता श्यौराज सिंह ने बताया कि वह यमुना एक्सप्रेस-वे के अलावा
यमुना अथॉरिटी की अन्य स्कीमों के लिए जमीन नहीं देंगे। एक साल पहले उनका
प्रशासन के साथ केवल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन देने का समझौता हुआ था।
उनकी यह भी मांग है कि जेपी ग्रुप दनकौर के पास पत्थर पीसने का प्लांट
बंद कराए। इससे आसपास के गांवों में पलूशन फैल रहा है। यह लोगों की हेल्थ
के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने जमीन देने वाले किसानों के बच्चों की
एजुकेशन की व्यवस्था का इंतजाम करने की मांग की।
किसान दनकौर के पास से अट्टा गुजरान होकर मझावली जाने वाले रोड के लिए
अंडरपास बनवाने की भी मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर
अंडरपास नहीं बनवाया गया तो यह रोड बंद हो जाएगा और 12 से जयदा गांवों का
संपर्क कट जाएगा और उन्हें लंबी दूरी तय करनी पडे़गी। जब तक अंडरपास नहीं
बनता, तब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। किसानों ने चेतावनी दी है कि
अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो वे यमुना एक्सप्रेस-वे का काम ठप कर
देंगे.
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Dec 27, 12:39 am
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दनकौर, संवाद सहयोगी : राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने
कहा कि जमीन का भाव तय करने व बेचने का अधिकार सरकार को नहीं, किसान को
मिलना चाहिए। ऐसा कानून बनवाया जाएगा। सरकार को 1894 के जमीन अधिग्रहण
अधिनियम को बदलना होगा। इसके लिए रालोद गन्ना आंदोलन की तरह भूमि
अधिग्रहण आंदोलन की लड़ाई भी लड़ेगा। वे शनिवार को दनकौर के गांव पारसौल
में यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण द्वारा किसानों की जमीन व आबादी को
जबरन अधिग्रहण करने के विरोध में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। जनसभा
की अध्यक्षता चौधरी राजपाल सिंह ने की। संचालन बुलंदशहर के पूर्व
जिलाध्यक्ष तेजवीर सिंह ने किया।
चौधरी अजित सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की लड़ाई किसानों के अस्तित्व
की लड़ाई है, जिसे रालोद किसानों के विभिन्न संगठनों को एकजुट कर लड़ेगा।
रालोद मेरठ, मथुरा, बागपत की तरह भूमि अधिग्रहण की लड़ाई को सड़क से संसद
तक ले जाएगा और किसानों को उनका हक दिलाने के लिए लखनऊ में प्रदेश सरकार
व दिल्ली में केंद्र सरकार को घेरेगा। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार
किसानों की जमीन को सस्ते में लेकर उद्योगपतियों महंगी दर पर बेच रही है।
जब तक किसान इसके लिए संगठित नहीं होंगे, सरकार उनकी जमीन छीनती रहेगी।
सभा को पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह शिशोदिया, सुनील सिंह, तेजवीर सिंह,
विजेंद्र सिंह, देवेंद्र चौधरी, भूपेंद्र चौधरी, जनार्दन भाटी ने भी
संबोधित किया। इस मौके पर चंद्र किरन सिंह, समय पाल, विजय पाल सिंह, धीरज
नागर, कुंवरपाल, संगीत सिंह, जितेंद्र, चंद्रभान मलिक, बलराज आदि मौजूद
थे
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