21 अक्टूबर 2011
सीएनबीसी आवाज़
नोएडा और ग्रेटर नोएडा जमीन अधिग्रहण मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 3
गांवों की जमीन के अधिग्रहण को रद्द किया है।
हाई कोर्ट ने अबदुल्लापुर, देवला गांव और शहबेरी गांव में जमीन अधिग्रहण
को रद्द किया है। हाई कोर्ट ने बाकी 60 गांवों के किसानों को 64 फीसदी
ज्यादा मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है। इसके अलावा किसानों को विकसित
जमीन का 10 फीसदी हिस्सा भी मिलेगा।
हाई कोर्ट के फैसले पर 1.5 से ज्यादा ग्राहक, निवेशक, बिल्डर, किसानों पर
असर पड़ेगा। किसानों ने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास के
नाम जमीनें पर लेकर बिल्डरों को ऊंचे दाम पर बेच दिया है।
जमीन अधिग्रहण के खिलाफ बड़ी संख्या में याचिकाएं दाखिल होने के बाद
मामले को 3 जजों की फुल बेंच को सौंप दिया गया था। बेंच ने सितंबर से
सुनवाई शुरू की थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=41367
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नोएडा एक्सटेंशन भूमि-अधिग्रहण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया
है. यह फैसला किसानों के पक्ष में लिया गया है. हाईकोर्ट ने तीन गांवों
में अधिग्रहण को पूरी तरह गलत गैरकानूनी करार देते हुए किसानों की जमीन
वापस करने की बात कही. साथ ही कोर्ट ने बिल्डरों को आदेश दिया है कि वो
किसानों को 64 फीसदी मुआवजा और 10 फीसदी विकसित जमीन दें.
इस फैसले का इंतजार किसानों, बिल्डरों, निवेशकों व प्राधिकरण के
अधिकारियों को लंबे समय से था इसलिए उनकी धड़कनें बढ़ी हुई थीं. सवा लाख
निवेशकों, बिल्डरों, किसानों व प्राधिकरण के भविष्य पर फैसला सुनाते हुए
हाई कोर्ट ने 30 गांवों पर सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
गौरतलब है कि अकेले नोएडा एक्सटेंशन में निवेशकों, बिल्डरों व प्राधिकरण
का करीब ढाई हजार करोड़ रुपये फंसा हुआ है. नोएडा एक्सटेंशन के गांव
पतवाड़ी की 589 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 जुलाई
को निरस्त कर दिया था. इस फैसले से 11 बिल्डरों के प्रोजेक्ट प्रभावित
हुए थे.
प्राधिकरण ने फैसले पर कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. पतवाड़ी
का फैसला आते ही ग्रेटर नोएडा व नोएडा के किसानों ने जमीन अधिग्रहण के
खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर करनी शुरू कर दी.
नोएडा एक्सटेंशन समेत ग्रेटर नोएडा के 40 गांवों के किसानों ने 491
याचिकाएं कोर्ट में डालीं. नोएडा के भी 24 गांवों के किसानों ने याचिकाएं
दायर की हैं. जमीन अधिग्रहण का मामला कोर्ट में जाने से नोएडा एक्सटेंशन
का विकास कार्य ठप हो गया. फ्लैटों की बुकिंग बंद हो गई. अकेले नोएडा
एक्सटेंशन में सवा लाख लोगों ने फ्लैट बुक कर रखे थे, उनके मकान का सपना
अधर में है.
http://aajtak.intoday.in/story.php/content/view/66401/9/76/Farmers-Noida-Ext-allottees-stand-to-gain%E2%80%8E.html
On Oct 21, 10:04 am, Harpreet Singh Guller
ग्रेटर नोएडा के 40 गाँवों में निर्माण पर अभी रोक लगा दी गई है.
वहाँ के किसानों का आरोप था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी ज़मीन
ज़बरदस्ती 'अर्जेंसी क्लॉज़' के तहत ले ली थी जिसकी वजह से किसानों को
उचित मुआवज़ा नहीं मिला.
http://www.bbc.co.uk/hindi/rolling_news/2011/10/111021_allahabad_nodia_rn.shtml
On Oct 21, 10:04 am, Harpreet Singh Guller
<harpreetsg.de...@gmail.com> wrote:
नोएडा एक्सटेंशन पर फैसला, किसानों को राहत देते हुए तीन गांवों का
अधिग्रहण किया रद्द
नोएडा एक्सटेंशन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से शुक्रवार को
तीन गांवों को राहत मिली है.
नोएडा एक्सटेंशन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का लम्बित महत्वपूर्ण फैसला
शुक्रवार को आखिर आ गया. यह फैसला सुरक्षित रखा गया था.
कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए एक्सटेंशन के तीन गांवों को राहत देते
हुए उनका अधिग्रहण तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है.
इस मामले में कोर्ट ने किसानों को 64 फीसदी राहत दी है.
इन तीन गांवों में हैं अब्दुल्लाहपुर, देवला और चकसहवेरी गांव.
इसके अलावा एक अन्य गांव को सशर्त राहत दी गयी है वह है पतवारी गांव.
एक्सटेंशन में सरकार की तरफ से किसानों से ली गई जमीनों को लेकर जस्टिस
अशोकभूषण, जस्टिस एसयू खान और जस्टिस वीके शुक्ला की लार्जर बेंच द्वारा
सुबह करीब दस बजे यह फैसला सुनाया गया.
गौरतलब है कि इस फैसले पर 50 से ज्यादा बिल्डरों और नोएडा के 63 गांवों
के हजारों किसानों की नजर है. इनमें ग्रेटर नोएडा के कुछ गांव भी शामिल
हैं लेकिन सबकी निगाहें नोएडा एक्सटेंशन के गांवों की ज़मीन अधिग्रहण के
मामलों पर टिकी थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट नोएडा और ग्रेटर नोएडा के खेडा चौगानपुर, खैरपुर
गुर्जर, तुसियाना,अमानाबाद, यूसुफपुर चक शाहबेरी, सैनी,बिसरख, पतवाड़ी,
हैबतपुर, इटेढा, रौजा याकूबपुर, चैतन्य खुर्द, शाहबेरी गांव, इसका
अधिग्रहण हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहले ही रद्द कर चुका था.
बदौली बांगड़, एमनाबाद, देवला, अजायबपुर, मलाकपुर, निठारी, खानपुर,
चिपियाना खुर्द, बढपुरा, मंगरौली बांगड़, चूहरपुर, छपरौली बांगड़,
घंघोला, झट्टा, सादरपुर, नामुली, नगली नगला, अल्वर्दीपुर, खोदा, दागरपुर,
बिरौंडा, सलारपुर खादर, रसूलपुर राय, सदरपुर, लक्सर, सादीपुर, कासना,
बादलपुर, सर्फाबाद,सुथियाना, शफीपुर, बिरौंडी चक्रसेनपुर, बाढपुर, पाली,
मुर्शादपुर, दोस्तपुर, असगरपुर जागीर, ककराला खासपुर, सोहरख जाहिदाबाद,
दधा, सुथियाना, जगनपुर अफजलपुर, शाहदरा, खोदा,तिगड़ी, चूहरपुर खादर,
अच्छेजा मैचा, बहरुद्दीन नगर गांवों पर फैसला आना था.
http://www.samaylive.com/regional-news-in-hindi/uttar-pradesh-news-in-hindi/131773/noida-extension-allahabad-highcourt-patwari-abdullahpur-chaksehv.html
On Oct 21, 10:07 am, Harpreet Singh Guller
<harpreetsg.de...@gmail.com> wrote:
> नोएडा एक्सटेंशन में तीन गाँवों का अधिग्रहण रद्द
> शुक्रवार, 21 अक्तूबर, 2011 को 10:27 IST तक के समाचार
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> इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा एक्सटेंशन के तीन गाँवों देवला, शाहबेरी
> और असदुल्लाहपुर में ज़मीन अधिग्रहण रद्द कर दिया है.
>
> ग्रेटर नोएडा के 40 गाँवों में निर्माण पर अभी रोक लगा दी गई है.
>
> वहाँ के किसानों का आरोप था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी ज़मीन
> ज़बरदस्ती 'अर्जेंसी क्लॉज़' के तहत ले ली थी जिसकी वजह से किसानों को
> उचित मुआवज़ा नहीं मिला.
>
> http://www.bbc.co.uk/hindi/rolling_news/2011/10/111021_allahabad_nodi...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के 60 गांवों के किसानों को 64 फीसदी
अधिक मुआवजा देने का आदेश दिया है. साथ ही अदालत ने अब्दुलापुर और देवला
गांव का भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया है. अदालत ने किसानों को 10 फीसदी
विकसित जमीन देने का भी आदेश दिया है. अदालत ने कहा है कि जिस तरीके से
जमीनों का अधिग्रहण किया गया है, वह गलत है.
नोएडा के 23 और ग्रेटर नोएडा के 40 गांव के किसानों की ओर से दाखिल इन
याचिकाओं में किसानों ने करीब 5,000 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण को चुनौती
दी थी.
किसानों का कहना था कि अथॉरिटी ने अर्जेंसी क्लॉज लगाकर उनकी जमीन औने-
पौने भाव में ले ली और बाद में बड़े-बड़े बिल्डरों को बेच दिया. हाईकोर्ट
के तीन जज जस्टिस एसयू खान, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस वीके शुक्ल ने 30
सितंबर को मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इससे पहले मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से कहा था कि गौतमबुद्ध नगर
के गुलिस्तांपुर गांव में किसानों से ली गई 170 एकड़ जमीन को किसानों को
लौटा दी जाए. किसानों का आरोप था कि 2007-08 में सरकार ने अर्जेंसी क्लॉज
के तहत जमीन का अधिग्रहण किया था. अर्जेंसी क्लॉज की वजह से उनकी
आपत्तियां नहीं सुनी गईं. हाईकोर्ट ने पाया कि सरकार ने अर्जेंसी क्लॉज
का दुरुपयोग किया.
12 मई को ग्रेटर नोएडा के साहबेरी गांव में 159 हेक्टेयर और फिर 15 मई को
दादरी तहसील के सूरजपुर में 73 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया
था.
http://www.raviwar.com/dailynews/d1117_noida-extension-allahabad-court-verdict-20111021.shtml
On Oct 21, 10:07 am, Harpreet Singh Guller
<harpreetsg.de...@gmail.com> wrote:
> नोएडा एक्सटेंशन में तीन गाँवों का अधिग्रहण रद्द
> शुक्रवार, 21 अक्तूबर, 2011 को 10:27 IST तक के समाचार
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> इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा एक्सटेंशन के तीन गाँवों देवला, शाहबेरी
> और असदुल्लाहपुर में ज़मीन अधिग्रहण रद्द कर दिया है.
>
> ग्रेटर नोएडा के 40 गाँवों में निर्माण पर अभी रोक लगा दी गई है.
>
> वहाँ के किसानों का आरोप था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी ज़मीन
> ज़बरदस्ती 'अर्जेंसी क्लॉज़' के तहत ले ली थी जिसकी वजह से किसानों को
> उचित मुआवज़ा नहीं मिला.
>
> http://www.bbc.co.uk/hindi/rolling_news/2011/10/111021_allahabad_nodi...
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स्टार न्यूज़ ब्यूरो
Friday, 21 October 2011 08:40
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 63 गांवों
में हुए जमीन अधिग्रहण मामले पर सुनवाई करते हुए तीन गांवों का फैसला
पूरी तरह रद्द कर दिया है.
कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के तीन गांव असदुल्लापुर, चक शाहबेरी और देवला की
जमीनों का अधिग्रहण रद्द करते हुए किसानों को उनकी जमीन वापस करने का
आदेश दिया.
इसी के साथ कोर्ट ने निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए बाकी के 60 गांवों
के किसानों को 63 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा और 10 फीसदी विकसित जमीन देने
का फैसला किया है.
गौरतलब है कि जिन तीन गांवों का अधिग्रहण रद्द किया गया है वहां पर
निर्माण कार्य अभी शुरु नहीं हुआ है, जबकि बाकी के 60 गांवों में काफी हद
तक निर्माण कार्य हो चुका है.
नोएडा एक्सटेंशन में निवेशकों के करीब ढाई हजार करोड़ रुपये फंसे हुए
हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी,
पतवाड़ी, गुलिस्तांपुर, मकोड़ा, सूरजपुर, बिरोड़ी और देवला के किसानों की
याचिका पर फैसला सुनाते हुए जमीन अधिग्रहण रद्द किए जाने का फैसला सुना
चुके हैं.
पतवाड़ी का फैसला आते ही ग्रेटर नोएडा और नोएडा के किसानों ने जमीन
अधिग्रहण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी शुरू कर दी. नोएडा
एक्सटेंशन समेत ग्रेटर नोएडा के 63 गांवों के किसानों ने याचिकाएं दायर
की.
नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी एरिया के 63 गांवों के किसानों की याचिकाओं
की सुनवाई करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रिपल बैंच ने सुनवाई की
थी, जिसमें सभी गांवों की सुनवाई 30 सितंबर को पूरी कर ली गई थी. हाई
कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 21 अक्टूबर तक के लिए अपना फैसला
सुरक्षित रख लिया था.
जमीन अधिग्रहण का मामला कोर्ट में जाने से निर्माण कार्य ठप हो गया था.
अकेले नोएडा एक्सटेंशन में सवा लाख लोगों ने फ्लैट बुक कर रखा है.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद एक्सटेंशन का टेंशन खत्म होने की उम्मीद है.
http://star.newsbullet.in/india/34-more/17177-2011-10-21-03-17-22
On Oct 21, 10:07 am, Harpreet Singh Guller
<harpreetsg.de...@gmail.com> wrote:
> नोएडा एक्सटेंशन में तीन गाँवों का अधिग्रहण रद्द
> शुक्रवार, 21 अक्तूबर, 2011 को 10:27 IST तक के समाचार
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> इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा एक्सटेंशन के तीन गाँवों देवला, शाहबेरी
> और असदुल्लाहपुर में ज़मीन अधिग्रहण रद्द कर दिया है.
>
> ग्रेटर नोएडा के 40 गाँवों में निर्माण पर अभी रोक लगा दी गई है.
>
> वहाँ के किसानों का आरोप था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी ज़मीन
> ज़बरदस्ती 'अर्जेंसी क्लॉज़' के तहत ले ली थी जिसकी वजह से किसानों को
> उचित मुआवज़ा नहीं मिला.
>
> http://www.bbc.co.uk/hindi/rolling_news/2011/10/111021_allahabad_nodi...
नोएडा जमीन अधिग्रहण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला | तीन गांवों में
अधिग्रहण रद्द | बाकी गांवों में 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा और 10 फीसदी
विकसित जमीन देने का निर्देश | जिन तीन गांवों में अधिग्रहण रद्द हुआ है
वे हैं चक शाहबेरी, देवला और अब्दुल्लापुर |
नोएडा एक्सटेंशनः तीन गांवों में अधिग्रहण रद्द
21 Oct 2011, 1022 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम
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ग्रेटर नोएडा।। ग्रेटर नोएडा और नोएडा के 63 गांवों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट
का फैसला आ गया है। हाई कोर्ट ने तीन गांवों का अधिग्रहण पूरी तरह से
रद्द कर दिया है। अब्दुल्लापुर, चक शाहबेरी और देवला गांव का अधिग्रहण
रद्द कर दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है कि बाकी के
60 गांवों में किसानों को 64 फीसदी अडिशनल मुआवजा दिया जाएगा और 10 फीसदी
डिवेलप जमीन भी किसानों को मिलेगी।
जानकारों का मानना है कि हाई कोर्ट के इस फैसले से निवेशकों को काफी राहत
मिली है। इस फैसले के बाद रुके प्रॉजेक्टों का काम शुरू हो जाएगा। इस
फैसले को किसानों के पक्ष में भी कहा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि
इससे किसानों को भी बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा और उन्हें 10 फीसदी विकसित
जमीन भी मिलेगी।
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10437483.cms
On Oct 21, 10:12 am, Harpreet Singh Guller
> हाईकोर्ट के फैसले के बाद एक्सटेंशन का टेंशन खत्म होने की उम्मीद है.http://star.newsbullet.in/india/34-more/17177-2011-10-21-03-17-22
Source: Agency | Last Updated 10:37(21/10/11)
आर्टिकल
|
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इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर मायावती सरकार को एक बड़ा
झटका दिया है। कोर्ट ने नोयडा एक्सटेंशन के अंतर्गत आने वाले 63 गांवों
पर फैसला सुनाते हुए तीन गांवों में ज़मीन अधिग्रहण रद्द कर दिया है।
इसमें असदुल्लापुर, देवला और चकशाहबेरी गांव शामिल है। इन गांवों में
अथॉरिटी को ज़मीन लौटानी होगी। वहीं, 60 गांवों में ज़मीन अधिग्रहण को
कोर्ट ने सशर्त मंजूरी दी है।
इन गांवों में किसानों को 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा और 10 फीसदी अतिरिक्त
विकसित जमीन देने का आदेश। ग्रेटर नोएडा के दो और नोएडा के एक गांव में
अधिग्रहण रद्द। में जमीन अधिग्रहण रद्द। 2012 के मास्टर प्लान तक कोई
निर्माण कार्य नहीं होगा।
On Oct 21, 10:15 am, Harpreet Singh Guller
> ...
>
> read more »
लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा एक्सटेंशन में घर खरीदने वालों को
दीवाली का तौहफा आज दे दिया है। नोएडा एक्सटेंशन के 63 गांवों में भूमि
अधिग्रहण पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने 60 गांवों में घर खरीदने वालों को
भारी राहत वाला फैसला सुनाया है। वहीं तीन गांवों में भूमि अधिग्रहण को
रद्द कर दिया है।
कोर्ट के फैसले में नोएडा एक्सटेंशन में चल रहे प्रोजेक्टों को सशर्त हरी
झंडी मिल गई है। साथ ही कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों की
मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोर्ट ने जांच के लिए प्रिंसिपल सेक्रेटरी लेवल
के अधिकारी की अध्यक्षता में भूमि अधिग्रहण कानून की हेराफेरी मामले की
जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के दो गांव चकशाहबेरी,
देवला गांव और नोएडा के एक गांव अस्दुल्लापुर में नोटिफिकेशन रद्द कर
दिया है। कोर्ट ने वहीं 60 गांवों में चल रहे एक्सटेंशन के प्रोजेक्ट को
सुचारू करने के लिए सशर्त हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि जहां पर
किसानों ने मुआवजा ले लिया है और प्रोजेक्ट चल रहा है, वहां किसानों को
मुआवजा 64 फीसदी बढ़ा के दिया जाए। साथ ही किसानों को 10 फीसदी विकसित
भूमि दी जाए।
कोर्ट ने अथॉरिटी के अधिकारियों की धांधली को उजागर करने के लिए
प्रिंसिपल या चीफ सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी की नियुक्ति किए जाने की बात
कही है। जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की भूमि
अधिग्रहण में भूमिका की जांच करेंगे और रिपोर्ट देंगे।
http://khabar.ibnlive.in.com/news/61494/1
On Oct 21, 10:18 am, Harpreet Singh Guller
<harpreetsg.de...@gmail.com> wrote:
> नोयडा एक्स'टेंशन': माया सरकार को झटका, हाईकोर्ट ने कई गांवों के
> अधिग्रहण किए रद्द
>
> Source: Agency | Last Updated 10:37(21/10/11)
>
> आर्टिकल
> |
>
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>
> इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर मायावती सरकार को एक बड़ा
> झटका दिया है। कोर्ट ने नोयडा एक्सटेंशन के अंतर्गत आने वाले 63 गांवों
> पर फैसला सुनाते हुए तीन गांवों में ज़मीन अधिग्रहण रद्द कर दिया है।
> इसमें असदुल्लापुर, देवला और चकशाहबेरी गांव शामिल है। इन गांवों में
> अथॉरिटी को ज़मीन लौटानी होगी। वहीं, 60 गांवों में ज़मीन अधिग्रहण को
> कोर्ट ने सशर्त मंजूरी दी है।
>
> इन गांवों में किसानों को 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा और 10 फीसदी अतिरिक्त
> विकसित जमीन देने का आदेश। ग्रेटर नोएडा के दो और नोएडा के एक गांव में
> अधिग्रहण रद्द। में जमीन अधिग्रहण रद्द। 2012 के मास्टर प्लान तक कोई
> निर्माण कार्य नहीं होगा।
>
> http://www.bhaskar.com/article/UP-OTH-noida-x-tension-the-court-cance...
> ...
>
> read more »
Passing its verdict the HC said, "No new construction will be allowed
on the land until master plan 2021 comes into effect."
The court has also directed the UP Chief Secretary to appoint officers
to conduct a probe into the land acquisition.
The Noida Extension area is spread over 4,000 acres and estimated 2.5
lakh houses are being built there. Out of this, about one lakh units
have already been sold by builders.
On September 12, the high court had started hearing on writ petitions
challenging acquisition land by the authorities in Greater Noida. More
than 400 farmers from over 12 villages have moved the High Court
challenging acquisition of their land. The court had reserved its
judgement for today.
Farmers in their petitions had argued that the state government
acquired land invoking an "urgency clause" depriving them of an
opportunity to raise objections. They further contended that while the
land was acquired for industrial development, the government "changed
the land use" and handed it over to private builders.
In early July, the Supreme Court upheld the Allahabad High Court order
quashing the acquisition of over 156 hectares of land from farmers in
Greater Noida. On July 19, the Allahabad High Court had quashed
acquisition of nearly 600 hectares of land in two villages in Greater
Noida affecting more than 20,000 home buyers.
After these two judgements, other villagers in Noida Extension also
went to court against land acquisition by the state government.
http://www.timesnow.tv/Allahabad-HC-quashes-Noida-land-acquisition/articleshow/4386982.cms
On Oct 21, 10:33 am, Harpreet Singh Guller
> ...
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On Oct 21, 10:33 am, Harpreet Singh Guller
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ग्रेटर नोएडा और नोएडा में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने 63 गांवों में से
केवल तीन गांवों में जमीन अधिग्रहण रद्द किया है। बाकी 60 गांवों में
मुआवजा बढ़ाने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने देवला, अस्दुल्लापुर और चक शाहबेरी गांव में जमीन अधिग्रहण रद्द
किया हैं। इनमें से दो गांव ग्रेटर नोएडा के और एक नोएडा का है। यहां के
किसान मुआवजा वापस करके अपनी जमीन वापस ले सकते हैं। वहीं 60 गांवों के
किसानों को 64 फीसदी ज्यादा मुआवजा देने का आदेश दिया है। साथ ही इन
गावों के किसानों को 10 फीसदी विकसित जमीन देने का भी आदेश दिया है।
इस फैसले से एक तरफ तीन गांवों के किसान खुश हैं तो दूसरी तरफ उन 60
गावों के बिल्डर की स्कीम में इनवेस्ट कर चुके निवेशकों को भी राहत मिली
है। किसान अभी भी बढ़े हुए मुआवजे को कम बता रहे हैं। किसान और ज्यादा
मुआवजा चाहते हैं। उनका कहना है कि हमें हमारी जमीन वापस चाहिए। 60 गावों
के किसान फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बना रहे हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन जजों की बेंच ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हुए
भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली 491 याचिकाओं पर फैसला सुनाया। नोएडा
के 23 और ग्रेटर नोएडा के 40 गांव के किसानों की ओर से दाखिल याचिकाओं
में किसानों ने करीब 5,000 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण को चुनौती दी थी।
http://www.amarujala.com/national/nat-Noida-Extension-relief-to-investors-farmers-happy-17625.html
On Oct 21, 10:33 am, Harpreet Singh Guller
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नोएडा एक्सटेंशन पर हाईकोर्ट का बहुप्रतिक्षित फैसला आ गया है। इस फैसले
से किसानों, बिल्डरों, निवेशकों और नोएडा अथारिटी के अधिकारियों सभी को
फायदा मिला है। किसानों के लिए जहां कोर्ट ने विकसित भूमि का प्रतिशत
बढ़ा दिया गया है वहीं तीन गांव का अधिग्रहण पूरी तरह से रद्द करके
अथारिटी के अधिकारियों को कोर्ट ने झटका भी दिया है। पर पतवाड़ी के
किसानों को जिस प्रकार से अथारिटी के लोगों ने अपने पक्ष में करने के लिए
मुहिम चलाया उससे अथारिटी के अधिकारियों को भी फायदा पहुंचा है।
इस फैसले से सबसे ज्यादा खुश बिल्डर हैं जिनका वहां करोड़ों रुपये अंधेरे
में फंसा हुआ था। इसलिए कोर्ट के इस फैसले से किसानों, बिल्डरों,
निवेशकों और नोएडा अथारिटी के अधिकारियों की बल्ले बल्ले है। बताया जा
रहा है कि कोर्ट ने एक बीच का रास्ता अख्तियार किया है जिससे किसी को भी
नुकसान होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि किसी
को भी इस फैसले पर आपत्ति हो तो वह 90 दिन के भीतर सर्वोच्च न्यायालय का
दरवाजा खटखटा सकता है।
नोएडा एक्सटेंशन के भूमि-अधिग्रहण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुना
दिया है। इस फैसले से किसानों, बिल्डरों, निवेशकों और नोएडा अथारिटी के
अधिकारियों सभी को फायदा पहुंचा है। हालांकि हाईकोर्ट ने तीन गांवों के
अधिग्रहण को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। जिन गांवों का अधिग्रहण रद्द
किया गया है उसमें असदुल्लापुर, देवला, चक शाहबेरी गांव शामिल है।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में किसानो को दी जाने वाली विकसित भूमि को भी
बढा दिया है। अब किसानों को 10 फीसदी विकसित भूमि दी जाएगी। यानी किसान
पहले से 25 फीसदी भूमि ज्यादा पा सकेंगे। पहले यह छह फीसदी था पर नोएडा
अथारिटी ने कुछ दिनों ही पहले इसे बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया था।
वहीं कोर्ट ने किसानों को मिलने वाले मुआवजे में भी संशोधन किया है। अब
60 गावों के किसानों को 64 फीसदी राशि बतौर मुआवजा ज्यादा मिलेगा। गौरतलब
है कि नोएडा एक्सटेंशन समेत ग्रेटर नोएडा के 40 गांवों के किसानों ने 491
याचिकाएं कोर्ट में डाल रखी थी। नोएडा के भी 24 गांवों के किसानों ने
याचिकाएं दायर की हैं। जमीन अधिग्रहण का मामला कोर्ट में जाने से नोएडा
एक्सटेंशन का विकास कार्य ठप हो गया था। फ्लैटों की बुकिंग बंद हो गई।
अकेले नोएडा एक्सटेंशन में सवा लाख लोगों ने फ्लैट बुक कर रखे थे, उनके
मकान का सपना अधर में था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब उनके घर का सपना
हकीकत में बदलने वाला है। आप बता दें कि भूमि अधिग्रहण के मामले पर
हाईकोर्ट में तीन सदस्यीय पीठ लगातार सुनवाई कर रही थी। पिछले महीने
सुनवाई पूरी होने के बाद फैसले को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया था। अब
आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है। हालांकि अभी भी कयास लगाया जा रहा है कि
किसान अधिग्रहण को रद्द करने की बाबत सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं। पर
किसानों के वकील ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले से खुश हैं क्योंकि कोर्ट
ने एक बीच का रास्ता निकाला है।
http://hindi.oneindia.in/news/2011/10/21/noida-extension-verdict-builders-farmers-happy-aid0163.html
On Oct 21, 10:38 am, Harpreet Singh Guller
<harpreetsg.de...@gmail.com> wrote:
> नोएडा एक्सटेंशन: निवेशक खुश, किसान नाखुश
> इलाहाबाद।
> Story Update : Friday, October 21, 2011 10:32 AM
>
> ग्रेटर नोएडा और नोएडा में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर
> इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने 63 गांवों में से
> केवल तीन गांवों में जमीन अधिग्रहण रद्द किया है। बाकी 60 गांवों में
> मुआवजा बढ़ाने का आदेश दिया है।
>
> कोर्ट ने देवला, अस्दुल्लापुर और चक शाहबेरी गांव में जमीन अधिग्रहण रद्द
> किया हैं। इनमें से दो गांव ग्रेटर नोएडा के और एक नोएडा का है। यहां के
> किसान मुआवजा वापस करके अपनी जमीन वापस ले सकते हैं। वहीं 60 गांवों के
> किसानों को 64 फीसदी ज्यादा मुआवजा देने का आदेश दिया है। साथ ही इन
> गावों के किसानों को 10 फीसदी विकसित जमीन देने का भी आदेश दिया है।
>
> इस फैसले से एक तरफ तीन गांवों के किसान खुश हैं तो दूसरी तरफ उन 60
> गावों के बिल्डर की स्कीम में इनवेस्ट कर चुके निवेशकों को भी राहत मिली
> है। किसान अभी भी बढ़े हुए मुआवजे को कम बता रहे हैं। किसान और ज्यादा
> मुआवजा चाहते हैं। उनका कहना है कि हमें हमारी जमीन वापस चाहिए। 60 गावों
> के किसान फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बना रहे हैं।
>
> इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन जजों की बेंच ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हुए
> भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली 491 याचिकाओं पर फैसला सुनाया। नोएडा
> के 23 और ग्रेटर नोएडा के 40 गांव के किसानों की ओर से दाखिल याचिकाओं
> में किसानों ने करीब 5,000 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण को चुनौती दी थी।http://www.amarujala.com/national/nat-Noida-Extension-relief-to-inves...
> ...
>
> read more »
2011/10/21 Harpreet Singh Guller <harpreet...@gmail.com>:
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