निजी सुरक्षाकर्मी द्वारा आम लोगों की तलाशी

19 views
Skip to first unread message

केवलकृष्ण

unread,
Oct 20, 2010, 8:28:46 AM10/20/10
to हिन्दी विधि चर्चा समूह
छत्तीसगढ़ एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। जाहिर है यहां सुरक्षा
व्यवस्था को लेकर प्रशासन काफी एहतियात बरत रहा है। यहां के छविगृहों
समेत कई सार्वजनिक स्थल ऐसे हैं, जहां घुसने से पहले वहां के
सुरक्षाकर्मी आम लोगों की तलाशी लेते हैं। यह सुरक्षा की दृिष्ट से तो
ठीक है, लेकिन कई मौकों पर ऐसा भी लगता है कि यह छविगृह मालिकों द्वारा
रौब-दाब के लिए किया जा रहा अतिरिक्त प्रदर्शन है।
छबिगृह मालिकों का कहना है कि उन्होंने तलाशी लेने के लिए पुलिस से
अनुमति प्राप्त कर ली है।
अब सवाल यह उठता है कि हर आम आदमी को शक के दायरे में लेकर उसे बेइज्जत
कैसे किया जा सकता है। टाकिज में घुसने वाला हर व्यक्ति संदिग्ध ही हो और
उनकी तलाशी ले रहा आदमी देशभक्त ही हो, इस बात की क्या गारंटी है। सुनते
हैं कि नक्सलवादियों को बड़ा-बड़ा चंदा तो बड़े बड़े व्यापारी ही
पहुंचाते हैं।
इस तलाशी लेने-देने का कानूनी पहलू क्या है। क्या सुरक्षा व्यवस्था को
पुलिस या प्रशासन निजी ठेके पर दे सकता है।
Reply all
Reply to author
Forward
0 new messages