गवाही की प्रक्रिया

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केवलकृष्ण

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Sep 7, 2011, 11:18:50 AM9/7/11
to हिन्दी विधि चर्चा समूह
किसी मुकदमे में यदि अनावेदक स्वयं अपना पक्ष रख रखा हो तो उसे अपने पक्ष
की गवाही लेने का हक होगा कि नहीं। तहसील कोर्ट में चल रहे एक मामले में
तहसीलदार ने अनावेदक के आवेदक के गवाहों के प्रतिपरीक्षण की अनुमति तो दी
लेकिन स्वयं के गवाहों की गवाही लेने के संबंध में आवेदक पक्ष के वकील की
आपत्ति स्वीकार भी कर ली।
कृपाकर बताएं कि आनावेदक के क्या अधिकार है और क्या अपने पक्ष की गवाही
दिलाने के लिए उसे वकील रखने की बाध्यता है। अधिकार है तो किस नियम के
तहत।

दिनेशराय द्विवेदी

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Sep 7, 2011, 11:01:41 PM9/7/11
to vidhic...@googlegroups.com
केवलकृष्ण जी,
आप की बात ठीक से समझ नहीं आ रही है, या आप को साक्ष्य के नियम पता नहीं हैं।
कोई भी पक्षकार या उस का वकील अपने ही साक्षी का परीक्षण न्यायालय के समक्ष करवा सकता है। लेकिन उस से सूचक प्रश्न अर्थात ऐसे प्रश्न जिनमें उत्तर सुझाया जाता है नहीं पूछ सकता है। जब कि प्रतिपरीक्षण में सूचक प्रश्न पूछे जा सकते हैं। आप के मामले में अनावेदक द्वारा अपने गवाह से सूचक प्रश्न पूछे जाने पर आवेदक के वकील ने आपत्ति की होगी जो जायज है। इस बात का वकील द्वारा पैरवी करने या न करने से कोई संबंध नहीं है।

2011/9/7 केवलकृष्ण <kewalkr...@gmail.com>



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दिनेशराय द्विवेदी, कोटा, राजस्थान, भारत
Dineshrai Dwivedi, Kota, Rajasthan,
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केवलकृष्ण

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Sep 10, 2011, 5:35:36 AM9/10/11
to हिन्दी विधि चर्चा समूह
जी। यही सच है कि मुझे साक्ष्य नियमों की जानकारी नहीं है। लेकिन तहसील
में चल रहे मुकदमे में अपना पक्ष स्वयं रख रहा हूं। एक मामले में मैं
अनावेदक हूं। आपने सूचक प्रश्नों का उल्लेख किया है। सि्थति यह थी कि
अपने गवाह से किसी भी तरह के प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं मिली। मुझे
इतना तो पता है कि साक्ष्य अधिनियम में सवालों की मर्यादा है, मैं अपने
गवाह से इन्हीं मर्यादाओं के तहत सवाल करना चाहता हूं। जो कि मुझे पता
है। मैं चाहता हूं कि मैं न्यायालय में कोई दृष्टांत अथवा नियम प्रस्तुत
कर अपना यह अधिकार मांगूं। कृपाकर मार्गदर्शन करें। मैं अधिवक्ता नहीं
हूं, लेकिन कानून जानने में रुचि रखता हूं।

On Sep 7, 8:01 pm, दिनेशराय द्विवेदी <drdwive...@gmail.com> wrote:
> केवलकृष्ण जी,
> आप की बात ठीक से समझ नहीं आ रही है, या आप को साक्ष्य के नियम पता नहीं हैं।
> कोई भी पक्षकार या उस का वकील अपने ही साक्षी का परीक्षण न्यायालय के समक्ष
> करवा सकता है। लेकिन उस से सूचक प्रश्न अर्थात ऐसे प्रश्न जिनमें उत्तर सुझाया
> जाता है नहीं पूछ सकता है। जब कि प्रतिपरीक्षण में सूचक प्रश्न पूछे जा सकते
> हैं। आप के मामले में अनावेदक द्वारा अपने गवाह से सूचक प्रश्न पूछे जाने पर
> आवेदक के वकील ने आपत्ति की होगी जो जायज है। इस बात का वकील द्वारा पैरवी करने
> या न करने से कोई संबंध नहीं है।
>

> 2011/9/7 केवलकृष्ण <kewalkrishn...@gmail.com>


>
> > किसी मुकदमे में यदि अनावेदक स्वयं अपना पक्ष रख रखा हो तो उसे अपने पक्ष
> > की गवाही लेने का हक होगा कि नहीं। तहसील कोर्ट में चल रहे एक मामले में
> > तहसीलदार ने अनावेदक के आवेदक के गवाहों के प्रतिपरीक्षण की अनुमति तो दी
> > लेकिन स्वयं के गवाहों की गवाही लेने के संबंध में आवेदक पक्ष के वकील की
> > आपत्ति स्वीकार भी कर ली।
> > कृपाकर बताएं कि आनावेदक के क्या अधिकार है और क्या अपने पक्ष की गवाही
> > दिलाने के लिए उसे वकील रखने की बाध्यता है। अधिकार है तो किस नियम के
> > तहत।
>
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> *दिनेशराय द्विवेदी, *कोटा, राजस्थान, भारत
> Dineshrai Dwivedi, Kota, Rajasthan,
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राकेश शेखावत Rakesh Shekhawat

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Sep 11, 2011, 9:41:53 AM9/11/11
to हिन्दी विधि चर्चा समूह
किसी मुकदमे में यदि अनावेदक स्वयं अपना पक्ष रख रखा हो तो उसे अपने पक्ष
की गवाही लेने का हक होगा कि नहीं। तहसील कोर्ट में चल रहे एक मामले में
तहसीलदार ने अनावेदक के आवेदक के गवाहों के प्रतिपरीक्षण की अनुमति तो दी
लेकिन स्वयं के गवाहों की गवाही लेने के संबंध में आवेदक पक्ष के वकील की
आपत्ति स्वीकार भी कर ली। कृपाकर बताएं कि आनावेदक के क्या अधिकार है और
क्या अपने पक्ष की गवाही दिलाने के लिए उसे वकील रखने की बाध्यता है।
अधिकार है तो किस नियम के तहत।

जैसा कि आपने बताया आप स्वयं अपने मुकदमें में स्वयं की पैरवी बतौर
अनावेदक(अप्रार्थी) कर रहे है। जहाँ तक विधि का प्रश्न है कानून में आपको
अपने मुकदमें में पैरवी करने की पूर्ण स्वीकृति प्रदान करता है। आपके
प्रश्न से मुझे जितना समझ पड़ा न्यायालय ने आपको प्रार्थी(आवेदक) द्वारा
प्रस्तुत गवाहो से तो
आपनिश्चय ही जैसा कि आपने बताया आप प्रतिपरीक्षण की अनुमति प्रदान कर दी
लेकिन जब आपने अपनी ओर से गवाह प्रस्तुत कर उनसे सवाल पूछे तो इस पर पर
आवेदक पक्ष के वकील को सवालो पर आपत्ति प्रकट की होगी जिसे न्यायालय ने
स्वीकार कर लिया। मित्र साक्ष्य करवाने के कुछ नियम होते है। सर्वप्रथम
जिसके द्वारा गवाह लाया जाता है उसके द्वारा अपने गवाह का परीक्षण करवाया
जाता है। जिसे मुख्य परीक्षण कहते है। जिससे जिरह या प्रतिपरीक्षण करने
का अधिकार दूसरे पक्ष को होता है। प्रतिपरीक्षण में पक्षकार या उसके
अधिवक्ता को किसी भी प्रकार से प्रश्न पूछने की अनुमति होती है लेकिन
मुख्य परीक्षण में पक्षकार अपने गवाह से सूचक प्रश्न नहीं पूछ सकता। सूचक
प्रश्न से अभिप्राय ऐसे प्रश्नो से है जो किसी व्यक्ति को उसका उत्तर
सुझाते है अर्थात जिनके उत्तर हाँ या ना में सम्भव है। ऐसे प्रश्नो को
मुख्य परीक्षण के दौरान पूछने पर पाबंदी है। लेकिन सिविल प्रक्रिया
संहिता में सन 2002 के संशोधन के बाद मुख्य परीक्षा के लिए शपथपत्र पेश
किये जाने का प्रावधान है अर्थात मुख्य परीक्षण के रूप में आप अपने गवाह
का शपथपत्र पेश कर दे जिससे आपकी समस्या का समाधान संभव है। इसके लिए आप
धारा 135 व 141 भारतीय साक्ष्य अधिनियम तथा आदेश 18 नियम 4 सिविल
प्रक्रिया संहिता का अध्ययन करे।

दिनेशराय द्विवेदी

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Sep 11, 2011, 10:41:10 AM9/11/11
to vidhic...@googlegroups.com
@राकेश शेखावत
अब तो व्यवहार प्रक्रिया में मुख्य परीक्षण का लगभग  विलोप कर ही दिया गया है और उस के स्थान पर साक्षी का शपथ पत्र ही लिया जाता है। कोई मुख्य परीक्षण कराना चाहे तब भी अदालत मना कर देती है। केवल दस्तावेजात को प्रदर्शित कराने के लिए ही मुख्य परीक्षण की अनुमति होती है।
मुझे लगता है कि केवलकृष्ण जी की समस्या यही है। उन्हें अपने गवाह का शपथ पत्र प्रस्तुत कर देना चाहिए तथा न्यायालय से निवेदन करना चाहिए कि जिन दस्तावेज को वे प्रदर्शित करवाना चाहते हैं
उन्हें प्रदर्शित करवा ले।

2011/9/11 राकेश शेखावत Rakesh Shekhawat <shekha...@gmail.com>



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दिनेशराय द्विवेदी, कोटा, राजस्थान, भारत
Dineshrai Dwivedi, Kota, Rajasthan,
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दिनेशराय द्विवेदी

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Sep 11, 2011, 11:42:09 AM9/11/11
to vidhic...@googlegroups.com
केवल कृष्ण जी,
यदि आप बताएँ कि तहसील में मुकदमा किस तरह का है और आप किस तथ्य को साबित करने के लिए गवाह प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो बात स्पष्ट हो। आप की मदद की जा सके।

2011/9/10 केवलकृष्ण <kewalkr...@gmail.com>



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राकेश शेखावत Rakesh Shekhawa

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Sep 11, 2011, 12:21:37 PM9/11/11
to vidhic...@googlegroups.com
दिनेश जी आप का कहना बिल्कुल सही है लेकिन व्यवहार में अभी भी तहसील वगैरहा में शपथपत्र का चलन कम है। 

2011/9/11 दिनेशराय द्विवेदी <drdwi...@gmail.com>



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राकेश शेखावत

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