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shravan <shrava...@gmail.com> Aug 04 04:14AM -0700
08 एकड् पुस्तैनी सम्पत्ति थी उसमे से बडे लडके को 04 एकड भूमि दे दिया है
20 वर्ष पूर्व में। और अभी 1 एकड जमीन विक्री कर दिया है अ पने इलाज के लिये
। शेष भूमि 03 एकड है। उसके 03 लडके है व 03 लडकिया है अब दोनो लडके एवं 03
लडकिया दावा जमीन की विक्री निरस्त करने व सम्पूर्ण सम्पत्ति में 1/7
हिस्सा मांग रही है जबकि लडकिया वास्तव में कोई हिस्सा नही चाहती है
जबरजस्ती दोनो भाइयो ने उनके तरफ से आवेदक बना लिया गया है फर्जी तरीके से
दस्तखत करके इस केश में कोई केश ला ऐसा है कि वह अपने जीवन काल में बटवारा के
उपरांत प्राप्त पुस्तैनी सम्पत्ति स्वर्जित मानी जाय व उन सम्पत्ति का
अपने तरीके से व्यवस्था कर सके । बडे भाई द्वारा अपने आय से छोटे भाइयो एवं
बहनो की शादी ब्याह आदि एवं पढाई लिखाई में अपनी पूरी कमाई लगा दी है इसलिये
उसे 04 एकड जमीन दी गई थी अब क्या इस आधार पर क्या पिता के जीवित रहते हुये
लड्के हिस्सा मांग कर सकेते है, इसका जबाव मे क्या महत्वूपर्ण बचाव पिता के
तरफ से किया जा सकता है कि सम्पत्ति न देनी पडे चूंकि दो लड्को के कोई भी
संताने नही है और वे अपनी सम्पत्ति प्राप्त कर बेच देना चाहते है इसलिये
उनके नाम भूमि नही कराई गई है । उन्हे जीवन यापन के लिये बराबर भूमि में
काबिज है जोतने बोने के लिये दिये हुये है । इसमें क्या उचित बचाव होगा पिता
व बडे भाई की तरफ से
"दिनेशराय द्विवेदी" <drdwi...@gmail.com> Aug 04 05:40PM +0530
पिता को उक्त 08 एकड़ पुश्तैनी संपत्ति उन के पिता से उत्तराधिकार में किस
तिथि को प्राप्त हुई थी? यह देखना होगा। क्या आप बता सकते हैं?
2012/8/4 shravan <shrava...@gmail.com>
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*दिनेशराय द्विवेदी, *कोटा, राजस्थान, भारत
Dineshrai Dwivedi, Kota, Rajasthan,
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