Fwd: ब्लॉक रिखणीखल में मुलाकात बैठक का प्रयोजन

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Khushal Rawat

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Aug 12, 2015, 9:49:55 AM8/12/15
to Pauri Garhwal, Garhwal Samrat Vipin Chandra Pal Singh, arju, Mahipal, M.S. Mehta, AkhilBhartiya UttarakhandMahashabha, mumbai young, GARHWALI GIRLS & BOYS FUN CLUB, Bhandup Uttarakhand Samaj, P_N...@ispatind.com, foundation_shurwaat-owner, mumbaiuttarakhandi, Friends of Himalaya, off...@uttarakhandindore.org, pah...@egroups.com, pah...@yahoogroups.com, CA RANVIR SINGH NEGI, Garhwali & Kumaoni Youth, PAURI GARHWAL, archana negi rawat, Devendra Budakoti

Khushal  S. Rawat

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From: jagat bist <jaga...@yahoo.co.in>
Date: 2015-08-12 16:31 GMT+05:30
Subject: ब्लॉक रिखणीखल में मुलाकात बैठक का प्रयोजन
To: Khushal Rawat <rawatkhu...@gmail.com>


प्रिय रावत जी
गढ़वाल के गांवों से दस/बारह पास कर बाहर नौकरी के लिए आने वाले अधिकतर युवा अपनी योग्यता से इतना नहीं कमा पाते कि परिवार की जरूरतें पूरी हो जाएं. इस पर भी जब उनकी शादी हो जाती है तो वे कमजोर माता पिता के सहारे किसी तरह गाड़ी खींचने लगते हैं लेकिन कुछ समय बाद जब माता-पिता भी असमर्थ हो जाते हैं तो ऐसे युवाओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इनमें से कुछ अपने परिश्रम और अपनी योग्यता में वृद्धि कर ठीक हालत में पहुंचने में सफल हो जाते हैं जबकि शेष अभावग्रस्त जीवन जीते हैं. गांवों में भी सरकारी नौकरी कुछेक को ही मिल पाती है अन्यथा जो बाहर नहीं जा पाते वे दुकानदारी, खेती, मजदूरी या अन्य ऐसे कार्यों में जुट जाते हैं जो उनको पर्याप्त आय नहीं दे पाते. इन सब मसलों पर गा्ंवों में चिंतन जरूरी है ताकि आगे की पीढी के बेहतर भविष्य के लिए कुछ रास्ता निकल सके.   
2. शहरों में पहुंचे लोगों का गांवों से गहरा लगाव रहता है और ठीक हालत में होने पर उनके दिल में अपने गांव के लिए कुछ करने का जज्बा भी पाया जाता है. तथापि हम इतनी अच्छी हालत में भी नहीं होते कि किसी की गरीबी दूर कर सकें, किसी को पैंसा दे सकें, किसी का खेत जोत सकें, खेती को जंगली जानवरों से बचा सकें,  गांव की सड़क बनवा सकें, किसी का मकान खड़ा करवा सकें, किसी के बच्चे को पढा सकें, किसी की नौकरी लगा सकें, किसी को भैंस दे सकें, किसी के अस्पताल का खर्चा उठा सकें और किसी को कुछ करने के लिए बैंक ऋण दिला सकें. अब प्रश्न उठता है कि आखि‍र हम क्या कर सकते हैं. तो उत्तर होगा हम तो केवल प्रेरणा का काम ही कर सकते हैं जो कि भाषण से नहीं बल्कि ग्रामीणों से चर्चा कर जागरूकता पैदा करने से उत्पन्न हो सकती है और उस पर समय भी लगेगा. जागरूकता के क्षेत्र हैं पढाई, नौकरी के अवसर, स्वरोजगार और कौशल विकास, पर्यटन , व्यावसायिक खेती, फलोद्यान, सरकारी योजनाओं का उपयोग, पीने के पानी की व्यवस्था, सडकें/यातायात, सफाई और स्वास्थ्य, पलायन, आदि.
3. उक्त के परिप्रेक्ष्य में ही ब्लॉक रिखणीखाल में मुलाकात चर्चा मई 2016 में हो सकती है. तब प्लेन्स में बच्चों की छुट्टियां हो जाती हैं लेकिन गढ़वाल में स्कूल खुले रहते हैं और उस समय शादियां भी रहती है. नौकरी पेशा वाले एकाध दिन की छुट्टी से भी मुलाकात में आ सकते हैं. हमें और कामों से भी गांव जाना होता है तो एक-दो दिन वहां लोगों के साथ बैठकर कुछ चर्चा करने में कोई बड़ा बोझ नहीं उठाना पड़ेगा. मेरे ये विचार सुझाव मात्र हैं. इसमे आप जैसा चाहें परिवर्तन कर सकते हैं. यह भी जरूरी नहीं कि जिन्होंने उत्साह दिखाया हो वे वहां आवश्यक रूप से आएं ही. कई बार ऐसी बाध्यता आ जाती कि आयोजक को भी कार्यक्रम छोड़ना पड़ जाता है.
4. इस तरह की मुलाकात बैठकों के बारे में आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है.  
सादर.
जगत सिंह बिष्ट
जयपुर (मो) 9680843998

Subhash Chander

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Aug 12, 2015, 10:30:47 AM8/12/15
to Pauri Garhwal, Garhwal Samrat Vipin Chandra Pal Singh, Mahipal, M.S. Mehta, AkhilBhartiya UttarakhandMahashabha, mumbai young, GARHWALI GIRLS & BOYS FUN CLUB, Bhandup Uttarakhand Samaj, P_N...@ispatind.com, foundation_shurwaat-owner, mumbaiuttarakhandi, Friends of Himalaya, off...@uttarakhandindore.org, pah...@egroups.com, pah...@yahoogroups.com, CA RANVIR SINGH NEGI, Garhwali & Kumaoni Youth, PAURI GARHWAL, archana negi rawat, Devendra Budakoti, uttranchal...@googlegroups.com

नमस्कार मित्रों,
यह एक ज्वलनशील मुद्दा है आपके द्वारा  उठाए गए कदम का स्वागत  करता हुँ। भविष्य में भी इसी तरह से पहाड़ के मुद्दे उठाते रहेंगे, आपका तह दिल से धन्यवाद

सुभाष चंद्र बडथवाल

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