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Rag Darbari in PDF, EPub, Mobi, Kindle online. Free book
Rag Darbari by
Shrilal Shukla.
Click to ContinueSynopsis: राग दरबारी एक ऐसा उपन्यास है जो गाँव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता को सहजता और निर्ममता से अनावृत्त करता है । शुरू से आखिर तक इतने निस्संग और सोद्देश्य व्यंग्य के साथ लिखा गया हिंदी का शायद यह पहला वृहत उपन्यास है ।फिर भी राग दरबारी व्यंग्य-कथा नहीं है । इसका सम्बन्ध एक बड़े नगर से कुछ दूर बसे हुए गाँव की जिंदगी से है, जो इतने वर्षों की प्रगति और विकास के नारों के बावजूद निहित स्वार्थों और अनेक अवांछनीय तत्त्वों के सामने घिसट रही है । यह उसी जिंदगी का दस्तावेज है ।1968 में राग दरबारी का प्रकाशन एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक घटना थी । 1971 में इसे साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1986 में एक दूरदर्शन-धारावाहिक के रूप में इसे लाखों दर्शकों की सराहना प्राप्त हुई ।वस्तुतः राग दरबारी हिंदी के कुछ कालजयी उपन्यासों में से एक है ।.