आजकल चर्चा में है की 'ग्रोक' हिंदी में गालियाँ भी देने में सक्षम है। मैंने उसकी हिंदी समझने और लिखने की क्षमता की जांच करने के लिए एक हिंदी पीडीएफ फाइल उस पर अपलोड किया जिसमें 'प्राचीन भारतीय ग्रंथों में चित्रकला ' के बारे में हिंदी में जानकारी थी। इसके बाद निम्नलिखित 'प्रांप्ट' दिया। उसका उत्तर देखिये।
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Please give the names of ancient Indian texts in which chitrakala (painting) is discussed. Please answer in Hindi.
आपके द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेज़ का विश्लेषण करने के बाद, इसमें प्राचीन भारतीय ग्रंथों में चित्रकला (Painting) के उल्लेख के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। नीचे उन प्राचीन भारतीय ग्रंथों के नाम दिए जा रहे हैं, जो इस दस्तावेज़ में चित्रकला के संदर्भ में चर्चित हैं:
1. **विष्णुधर्मोत्तर पुराण**
- यह ग्रंथ चित्रकला के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें "चित्रसूत्र" नामक खंड है, जो अध्याय 35 से 43 तक विस्तृत रूप से चित्रकला की जानकारी देता है। इसमें आयाम, प्रमाण, सामान्य मान, प्रतिमा लक्षण, श्रयवृद्धि, रंग व्यतिकरण, वर्तना, रूप-निर्माण, और श्रृंगार भाव जैसे नियमों का वर्णन है।
2. **मेघदूत**
- महाकवि कालिदास द्वारा रचित इस महाकाव्य में यक्ष अपनी नायिका का चित्र बनाते हुए वर्णन करता है। यह चित्रकला के भावनात्मक और काव्यात्मक उपयोग को दर्शाता है।
3. **रघुवंश**
- कालिदास का यह महाकाव्य भी चित्रकला के संदर्भ में उल्लेख करता है, जिसमें चित्रण के सौंदर्य का वर्णन है।
4. **मालविकाग्निमित्र**
- कालिदास के इस नाटक में लेखावाचन द्वारा गीतों के साथ चित्र बनाने का उल्लेख है।
5. **विक्रमोर्वशी**
- कालिदास के इस नाटक में विमानों पर इंद्रधनुषी रंगों से चित्र अंकित होने का वर्णन है।
6. **अभिज्ञान शाकुंतलम्**
- कालिदास के इस नाटक में राजा दुष्यंत द्वारा शकुंतला का चित्र बनाए जाने का उल्लेख है।
7. **नाट्यशास्त्र**
- भरतमुनि द्वारा छठी शताब्दी ईसा पूर्व में रचित इस ग्रंथ में रंगमंच की दीवारों पर चित्र बनाने और रंगों के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह सभी भावों, रसों और मुद्राओं के साथ चित्रकला को जोड़ता है।
8. **समरांगण सूत्रधार**
- 11वीं शताब्दी में परमार नरेश भोज द्वारा रचित इस ग्रंथ में चित्रकला और मूर्तिकला के छह अध्यायों में विस्तृत व्याख्या की गई है।
9. **अभिलषितार्थचिंतामणि (मानसोल्लास)**
- 12वीं शताब्दी में सोमेश्वर तृतीय द्वारा रचित इस ग्रंथ में चित्रकला के रूप, भित्ति चित्र, लेखनी लेखन, शुद्धरण, मिश्रवर्ण आदि का उल्लेख है। इसमें भित्ति तैयार करने और रंगों के मिश्रण की प्रक्रिया भी बताई गई है।
10. **कामसूत्र**
- वात्स्यायन द्वारा 200-300 ईस्वी में रचित इस ग्रंथ के तीसरे अध्याय में 64 कलाओं का वर्णन है, जिसमें चित्रकला शामिल है। यशोधर पंडित की टीका "जयमंगला" में चित्रकला के छह अंगों (रूपभेद, प्रमाण, भाव, लावण्य, योजना, सादृश्य, वर्णिकाभंग) का उल्लेख है।
11. **रामायण (प्रतिमानाटक और उत्तररामचरित)**
- भास के नाटक "प्रतिमानाटक" और भवभूति के "उत्तररामचरित" में राम के जीवन से संबंधित चित्रों का महलों की दीवारों पर अंकन होने का वर्णन है।
12. **दूतवाक्य**
- भास के इस नाटक में द्रौपदी के वस्त्रहरण के पट-चित्र को दरबार में लाए जाने का उल्लेख है।
13. **काव्यप्रकाश**
- मम्मट के इस ग्रंथ में एक पराजित राजा द्वारा छोड़े गए तोते का चित्र दीवार पर बनाए जाने का वर्णन है।
14. **हर्षचरित**
- सातवीं शताब्दी के महाकवि बाण द्वारा रचित इस ग्रंथ में सम्राट हर्षवर्धन के लिए उनकी बहन राज्यश्री के विवाह के अवसर पर महल की दीवारों को चित्रों से सजाने का उल्लेख है।
15. **महाभारत**
- इस महाकाव्य में सत्यवान के जीवन से संबंधित चित्रकला का उल्लेख है, जो उसके बचपन से घोड़ों के चित्र बनाने की कला को दर्शाता है।
16. **विद्धशालभंजिका**
- राजशेखर के इस नाटक में समकालीन सामाजिक जीवन के दृश्यों का चित्रण और एक नवयुवक का दीवार पर चित्र बनाया जाना वर्णित है।
### नोट
ये सभी ग्रंथ आपके दस्तावेज़ में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं। इनमें चित्रकला को काव्य, नाटक, पुराण, और शास्त्रों के संदर्भ में वर्णित किया गया है, जो प्राचीन भारतीय संस्कृति में इस कला की व्यापकता और गहराई को दर्शाता है। क्या आप इनमें से किसी ग्रंथ के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं?