रामचरितमानस का आठवां कांड

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Anand

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Oct 10, 2021, 1:39:24 AM10/10/21
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित रामचरितमानस में सात कांड मिलते हैं। आठवां लवकुश कांड नहीं मिलता। नेट में देखने पर कहीं पढ़ने में आया कि आठवां कांड राम की कहीं-कहीं निगेटिव छवि पेश करता है, संभवतः इसलिए उसे बाद में हटा दिया गया।

इसकी असल वजह क्या है? आठवां कांड न छापने के पीछे क्या कहानी है? 

इस बारे में जानकारी हो तो प्रदान करें। 

- आनंद

V S Rawat

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Oct 10, 2021, 2:57:26 AM10/10/21
to technic...@googlegroups.com
हमने तो सुना था कि लव-कुश काण्ड तुलसीदास ने लिखा ही नहीं था।

न लिखने की वजह वही है जो आपने बताई है।

रावत
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Narayan Prasad

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Oct 10, 2021, 3:17:28 AM10/10/21
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
रामचरितमानस में सात ही काण्ड हैं। लव-कुश काण्ड इसका अंश नहीं है।  नागरी प्रचारिणी सभा ने इसके तीन संस्करण प्रकाशित किए हैं - जन संस्करण, विशिष्ट संस्करण, साहित्यिक संस्करण। साहित्यिक संस्करण में पाठभेद भी दे दिए गए हैं। बिना पाठभेद वाला संस्करण (सं॰ 2030) मेरे पास है। साहित्यिक संस्करण मुझे देखने का अवसर नहीं मिला।

ध्यातव्यः रामचरितमानस में "काण्ड" नहीं, बल्कि "सोपान" शब्द मिलता है।


--
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Editions of Ramcharitmanas.png

हरिराम पंसारी

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Oct 11, 2021, 7:30:50 AM10/11/21
to technic...@googlegroups.com
लव-कुश कांड वाल्मिकी रामायण व अन्य कई रामायणों में है।

हरिराम
प्रगत भारत <http://hariraama.blogspot.in>


--

Narayan Prasad

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Oct 11, 2021, 10:12:51 AM10/11/21
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
<< लव-कुश कांड वाल्मिकी रामायण व अन्य कई रामायणों में है।>>

बहुत कुछ अन्य रामायणों में हैं (वालमिकीय रामायण भी इसमें सम्मिलित), जो शिष्ट समाज (सामान्य जन की आस्था) के लिए ठीक नहीं समझे जा सकते।
वहीं तुलसीदास जी का कहना है -
"चारिउ वेद पुराण अष्टदश, छवउ शास्त्र सब ग्रन्थन के रस।
मुनि-मन धन सन्तन को सरबस, सार अंश सम्मत सब ही की।
आरती श्री रामायण जी की।"

और "नाना पुराण निगमागम सम्मत यद्रामायणे निगदितं क्वचिदन्योऽपि"।
"नाना पुराण निगमागम सम्मत" पर हिन्दी में पी-एच॰ डी॰ थीसिस भी उपलब्ध है।

हाई स्कूल में पढ़ा था - "समस्त तुलसी साहित्य समन्वय की विराट् चेष्टा है।"

--- नारायण प्रसाद


वेब पर यह चर्चा देखने के लिए, https://groups.google.com/d/msgid/technical-hindi/CAFz0FBpENSrA1Vet42_J%2BnhGMSuX3bL8M0-M-dBUqeWK7Ck2Pg%40mail.gmail.com पर जाएं.
nana-puran-nigamagam-sammat1.png
nana-puran-nigamagam-sammat2.png

Yahoo!

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Oct 11, 2021, 8:38:27 PM10/11/21
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
वाल्मीकि रामायण तथा अध्यात्म रामायण के सप्तम उत्तरकाण्ड में ही लव-कुश कथा है। अलग से लव-कुश काण्ड नहीं है। तमिल का कम्ब रामायण, तेलुगू का रंगनाथ रामायण तथा बंगला के कृत्तिवास रामायण-इनके युद्ध काण्ड में रामाभिषेक के साथ बाद समाप्त हो जाता है; उनमें लव-कुश कथा नहीं है। भुषुण्डि रामायण के दक्षिण खण्ड, अध्याय २९६ -९८ में लव कुश कथा है।


Arun Kumar Upadhyay, IPS (Retd) C/47, (near airport), Palaspalli, Bhubaneswar-751020 0674-2591172, 9437034172/9937100172


वेब पर यह चर्चा देखने के लिए, https://groups.google.com/d/msgid/technical-hindi/CAKmACTnJqjur11ZxQS2HZdDaqfq_NFvXAOSzS6%3Df2Y%3D-ZvcXAQ%40mail.gmail.com पर जाएं.

Anand D

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Oct 12, 2021, 10:19:21 AM10/12/21
to technic...@googlegroups.com
मेरे पास दो रामचरितमानस है, पहली गीताप्रेस वाली और दूसरी रामायण प्रेस मथुरा वाली। रामायण प्रेस वाली रामचरितमानस में आठों कांड हैं, देखें अनुलग्नक।

यहाँ दोनों तुलसीकृत ही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि असली कौन सी है, किस स्तर पर फेरबदल हुई? 

नई टीका के लिए किसे आधार बनाया जाए?


वेब पर यह चर्चा देखने के लिए, https://groups.google.com/d/msgid/technical-hindi/1451299574.1207078.1633999102557%40mail.yahoo.com पर जाएं.
IMG_20211012_193809.jpg
IMG_20211012_193747.jpg

Narayan Prasad

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Oct 13, 2021, 10:25:39 AM10/13/21
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
<< यहाँ दोनों तुलसीकृत ही हैं। >>

आपके द्वारा प्रस्तुत चित्र में स्पष्ट रूप से "अन्य बहुत सी क्षेपक कथाएँ" लिखा है। उसमें जाँचकर देखें कि लवकुश काण्ड के बारे में कुछ टिप्पणी है क्या?

मानस-पीयूष नामक टीका में भी जाँचकर देखें।

मेरे पास उपलब्ध है - R.C. Prasad द्वारा संपादित और हिन्दी एवं अंग्रेजी टीका सहित रामचरितमानस, प्रकाशक - मोतीलाल बनारसीदास। इसमें लवकुश काण्ड को परिशिष्ट में रखा गया है।

इसके Preface में लिखा है -
Since the eighth Book, an elaborate interpolation, is not as popular as the first seven sopanas, the inclusion of it in the present volume has an incidental importance in making the Western reader familiar with the story of Rama in its entirety.

तुलसीदासकृत रामचरितमानस के प्रत्येक सोपान के अन्त में इस प्रकार की पुष्पिका है, उदाहरणारणार्थ, सातवाँ सोपान -
"इति श्रीमद्रामचरितमानसे सकलकलिकलुषविध्वंसने सप्तमसोपानः।"

ऐसी कोई पुष्पिका लवकुश काण्ड में नहीं है।

सबसे उत्तम यह होगा कि रामचरितमानस का आलोचनात्मक संस्करण (पाठभेद सहित) देखें, जिसमें इसकी भूमिका देखना न भूलें।

--- नारायण प्रसाद
वेब पर यह चर्चा देखने के लिए, https://groups.google.com/d/msgid/technical-hindi/CADNmsVoMU_oHBYnkH1N7Sx5xTojmqF93rkDrT4erTyzCxJbnCg%40mail.gmail.com पर जाएं.
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