नित्यानंद करेंगे आपका कल्याण!

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स्वप्निल

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May 22, 2012, 10:46:26 PM5/22/12
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी), basu...@gmail.com
मेरा आशय स्वामी नित्यानंद से न हो कर नित्यानंद फांट से है।

नित्यानंद एक निःशुल्क देवनागरी यूनिकोड सेरिफ फांट है जिसके अक्षर
चाणक्य फांट से लगभग हू-ब-हू मिलते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ये
यूनिकोड चाणक्य है, और वह भी निःशुल्क!

इसके निर्माता श्री. आसिफ अली रिज़वान हैं जिन्होंने इसके पूर्व ओशो और
गुरूमाँ जैसे उच्च कोटि के फोंटों का निर्माण किया है। इस फांट का
प्रयोजन मूलतः body text के लिए है और ये मानक हिंदी किताबों और पत्र-
पत्रिकाओं के पाठ की तरह ही दिखता है। ये विन्डोज़ और लिनक्स, दोनों के
लिए उपलब्ध है। समस्या है तो सिर्फ एक - केवल नार्मल उपलब्ध है, बोल्ड और
इटैलिक्स नहीं।

आप नित्यानंद फांट इस कड़ी से उतार सकते हैं:
http://gnome-look.org/content/show.php?content=142684

मुझे आश्चचर्य है कि यदि सिर्फ एक व्यक्ति इतने सुन्दर यूनिकोड फोंटों का
निर्माण कर सकता है, तो यदि सरकार और सीडैक चाहते तो वे क्या नहीं कर
सकते थे...

~ स्वप्निल

narayan prasad

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May 23, 2012, 12:06:41 AM5/23/12
to technic...@googlegroups.com
इस जानकारी के लिए धन्यवाद !

<<समस्या है तो सिर्फ एक - केवल नार्मल उपलब्ध है, बोल्ड और इटैलिक्स नहीं।>>

कोई बात नहीं, MS Word में बोल्ड और इटैलिक्स क्लिक करके ऐसा कर लिया जा सकता है ।

---नारायण प्रसाद

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ePandit | ई-पण्डित

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May 24, 2012, 6:26:01 AM5/24/12
to technic...@googlegroups.com
जहाँ तक मैं समझता हूँ किसी फॉण्ट के लिये बोल्ड और इटैलिक आदि अलग से जब होते हैं तो उन्हें उस लिहाज से बेहतर बनाया गया होता है। इसलिये इनके न होने से फर्क पड़ता है बेशक काम नॉर्मल वाले को ही बोल्ड या इटैलिक करके चला लिया जाय।

23 मई 2012 9:36 am को, narayan prasad <hin...@gmail.com> ने लिखा:



--
Shrish Benjwal Sharma (श्रीश बेंजवाल शर्मा)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
If u can't beat them, join them.

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ePandit | ई-पण्डित

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May 24, 2012, 6:52:18 AM5/24/12
to technic...@googlegroups.com
रिजवान जी का यह प्रयास बहुत सराहनीय है। यह उनकी विशाल हृदयता है कि उन्होंने इसे निःशुल्क रखा। स्वप्निल जी का इस जानकारी के लिये धन्यवाद।

मैं जल्द ही चाणक्य से मिलता-जुलता एक यूनिकोड फॉण्ट साझा करता हूँ।

23 मई 2012 8:16 am को, स्वप्निल <geeky...@yahoo.com> ने लिखा:
--
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ePandit | ई-पण्डित

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May 24, 2012, 8:46:55 AM5/24/12
to technic...@googlegroups.com
मैंने नित्यानन्द को जाँचा। यह चाणक्य या उस जैसे दूसरे मालिकाना फॉण्टों जितना स्पष्ट (शार्प) नहीं, किनारे थोड़े धुँधले से हैं। बोल्ड और इटैलिक में यह धुँधलापन और बढ़ जाता है। पर इसके निःशुल्क होने के चलते यह कमियाँ नजरअन्दाज की जा सकती हैं।

इसके डैवलपर से बोल्ड और इटैलिक संस्करण भी बनाने का अनुरोध करना चाहिये।

24 मई 2012 3:56 pm को, ePandit | ई-पण्डित <sharma...@gmail.com> ने लिखा:
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