भारत कोश - "ज्ञान का हिन्दी महासागर"

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Anunad Singh

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Dec 19, 2010, 7:12:09 AM12/19/10
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
भारत कोश हिन्दी का मुक्त अंतरजालीय ज्ञानकोश है जो 'हिन्दी विकिपीडिया'
से अलग है। जरा देखिये तो श्री आदित्य चौधरी और उनके छोटे से दल ने
कितना कार्य कर दिया है!

भारत कोश (मुखपृष्ट)
http://hi.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A4%AA%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A0

भारतकोश:प्रशासक और प्रबंधक
http://hi.bharatdiscovery.org/india/भारतकोश:प्रशासक_और_प्रबंधक

Abhishek Avtans

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Dec 20, 2010, 1:41:35 AM12/20/10
to technic...@googlegroups.com
भारत कोश बेमिसाल है। मैंने इसकी तुलना हिंदी विकिपीडिया से की है। और यह उससे कहीं अधिक प्रामाणिक और भारतीय पक्ष (viewpoint) के प्रति संवेदनशील प्रतीत होता है। इसी परिपाटी में इसी समूह का ब्रज डिस्कवरी वेबसाईट भी लाज़वाब है। श्री आदित्य चौधरी से मैं पिछले दिनों मिला और पता चला कि वे यह सब नि:स्वार्थ भाव से कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति के प्रचार के लिए उनके योगदान को साधुवाद।

अभिषेक अवतंस। 

2010/12/19 Anunad Singh <anu...@gmail.com>

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Abhishek Avtans अभिषेक अवतंस

Central Institute of Hindi केंद्रीय हिंदी संस्थान

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"Through learning language, we learn about culture.
Through learning about culture, we learn respect for others.
Through learning respect for others, we can hope for peace."
....Claire Kramsch


Vipra

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Dec 20, 2010, 2:16:35 AM12/20/10
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मुझे यह कोश अत्यंत पसंद आया। धन्यवाद।

Arun Upadhyay

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Dec 20, 2010, 10:05:18 AM12/20/10
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इसमें सिर्फ भाषा हिन्दी है, आत्मा अङ्ग्रेज़ी है। अंग्रेजों ने इतिहास नष्ट करने के लिए मौर्य काल को सिकंदर के समकालीन कर दिया था, उसी का अंधानुकरण हो रहा है। मेकाले की आत्मा बहुत प्रसन्न हुई होगी की भारतीय लोगों की भाषा ही भारतीय रह गयी है उनकी आत्मा अंग्रेजी है। भारतीय कालगणना तथा परंपरा के लिए मेरे वेब साइट  www.scribd.com/Arunupadhyay के लेख देख सकते हैं। एक हिन्दी लेख पंचांग संलग्न है । एक अन्य अङ्ग्रेज़ी लेख-Jain and Vedic Heritage या Dravida Heritage देख सकते हैं । -अरुण कुमार उपाध्याय, 9437034172


From: Abhishek Avtans <abhia...@gmail.com>
To: technic...@googlegroups.com
Sent: Mon, 20 December, 2010 12:11:35 PM
Subject: Re: [technical-hindi] भारत कोश - "ज्ञान का हिन्दी महासागर"
Panchang.pdf

Anunad Singh

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Dec 21, 2010, 2:00:46 AM12/21/10
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अरुण कुमार जी,
इतिहास के सन्दर्भ में आपकी बात सत्य हो सकती है किन्तु विकि के सम्बन्ध में प्रायः ऐसी मान्यता है कि इसमें 'नये शोध'  को न लिखा जाय और 'स्थापित' या परम्परागत बातें ही लिखी जांय। इस दृष्टि से भारतीय इतिहास के बारे में भारतकोश या किसी अन्य ज्ञानकोश पर दोषाषारोपण करना उचित नहीं है।

बहुत से लोग भारतीय इतिहास के शोध एवं तथ्याधारित पुनर्लेखन की दिशा में कार्यरत हैं। यदि भारतीय इतिहास की सुझायी गयीं नयी तिथियाँ एवं अन्य बातें 'ठोस' हैं और उनमें अधिकांशतः विरोधाभास या असंगति नहीं है तो उसके आगे अंग्रेजों द्वारा या उनकी छत्रछाया में बनाया गया इतिहास नहीं टिक सकेगा।

-- अनुनाद सिंह

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२० दिसम्बर २०१० ८:३५ अपराह्न को, Arun Upadhyay <arunupa...@yahoo.in> ने लिखा:

mayur

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Dec 21, 2010, 2:29:56 AM12/21/10
to technic...@googlegroups.com
मैं भी इस बात से सहमत हूँ कि भारत कोश में केवल भाषा हिन्दी है एवं आत्मा अंग्रेजी, यदि प्रमाण एवं आधुनिक शोधो की बात भी करें तब भी वहाँ पर अंग्रेजी दृष्टिकोण को ही महत्त्व दिया गया है। जैसे उद्दारण के लिये आप हिन्दी विकि एवं भारतकोश के "महाभारत" लेख की तुलना कर सकते है आप स्वयं इससे अवगत हो जायेंगे

2010/12/21 Anunad Singh <anu...@gmail.com>

Arun Upadhyay

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Dec 21, 2010, 5:47:36 AM12/21/10
to technic...@googlegroups.com
आप जिसे स्थापित कह रहे हैं वह बिल्कुल निराधार तथा स्पष्ट रूप से झूठा है। सिर्फ मेगास्थनीज़ की ही पुस्तक पढ़ने से यह स्पष्ट हो जाएगा । उसकी मुख्य बातें हैं -भारत एकमात्र देश है जहां कोई बाहर से नहीं आया है। (2) प्रथम यवन आक्रमण 6777 ईसा पूर्व मे हुआ था, उसके बाद गुप्त काल जब वह आया था  तक भारतीय राजाओं की 154 पीढ़ियाँ हैं। इस उल्लेख के बाद किस आधार पर भारतीय सभ्यता 1500 ईसा पूर्व से की आ सकती है । यह केवल अंग्रेज़ तथा उनके भक्तों का आज्ञापालन है। जो भी ठीक लिखेगा उसे गुलामी परंपरा में फेल किया जाएगा । सिर्फ गुलामी करने के लिए हिन्दी का उपयोग क्यों ?  विकि केवल दासता को स्थायी करने के लिए है । -अरुण 


From: Anunad Singh <anu...@gmail.com>
To: technic...@googlegroups.com
Sent: Tue, 21 December, 2010 12:30:46 PM

Subject: Re: [technical-hindi] भारत कोश - "ज्ञान का हिन्दी महासागर"

Abhishek Avtans

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Dec 21, 2010, 1:33:13 PM12/21/10
to technic...@googlegroups.com
आदरणीय सदस्यों
नमस्कार
मैनें भारत कोश के संबंध में समूह के सदस्यों के विचारों से भारत कोश के संचालक श्री आदित्य चौधरी जी को समूह का सार्वजनिक लिंक भेज कर अवगत करवाया। उन्होंने विचारों का स्वागत करते हुए यह निम्नलिखित मेल लिखा है (नीचे लिखा ईमेल पाठ कुछ संपादित है)

सादर
अभिषेक

---------- Forwarded message ----------
From: Aditya Chaudhary <aditya...@gmail.com>
Date: 2010/12/21
Subject: Re: [technical-hindi] भारत कोश - "ज्ञान का हिन्दी महासागर"
To: Abhishek Avtans <abhia...@gmail.com>


अभिषेक जी, नमस्कार!

सुखद! आपने याद किया। 

आपने कुछ सज्जनों के विचार भी भेजे हैं। अच्छा लगा देखकर। 
कुछ लोग भारतकोश की आत्मा को अंग्रेज़ी का बता रहे हैं उनके विचार भी सदैव स्वागत योग्य ही रहेंगे मेरे लिए। 
कारण कि मुझे कमियाँ निकालने वालों की सख़्त ज़रूरत रहती है इससे अपने सृजन को और अधिक सुधारने में सहायता मिलती है।
पहले मैंने सोचा कि "निंदक नियरे राखिए आँगन कुटी छवाय" कहावत लिख दूँ लेकिन फिर सोचा कि कहीं
किसी ने "नियरे" को अंग्रेज़ी का "Near" समझ लिया तो भारतकोश की आत्मा के साथ-साथ मेरी आत्मा को भी अंग्रेज़ी से
ओत-प्रोत समझ लिया जायेगा।
...बात ये है कि अट्ठारह सौ सत्तावन के स्वतंत्रता संग्राम में मेरे परम पितामह को अंग्रेज़ों ने फांसी दी
थी। मेरे पिता जी की जवानी भी अंग्रेज़ो की दी हुई जेल यातनाओं को भुगतते हुए गुज़री। अब बताइये कि मुझे कैसा लगा होगा
यह जानकर कि भारतकोश को कोई अग्रेज़ी आत्मा वाला बताये? मुझे हँसी ही आई...
भारतकोश पर उपलब्ध गंभीर विषयों की अधिकतर सामग्री अनेक विद्वानों द्वारा लिखे गये ग्रंथों से ली जाती है। 
उदाहरण के लिए "भारत रत्न सम्मानित वामन काणे जी"।
ख़ैर ज़्यादा क्या लिखूँ भारतकोश तो आप सभी का अपना है ही... इसे आपको ही आगे बढ़ाना है 
और आप निश्चिंत रहें धीरे-धीरे सभी भारत प्रेमी भारतकोश से जुड़ जाएँगे...
एक बात और कि हम तो जाट हैं, किसान आदमी हैं, हम क्या जानें हिन्दी और विद्वता की बातें... किसान का बेटा या तो फ़ौज में या खेत में...
यदि "विद्वानों" को लगता है कि भारतकोश में कुछ कमियाँ हैं तो उनको भारतकोश पर कार्य करना चाहिए रोका किसने ?
रही बात विकिपीडिया की तो इस वर्ष का उनका बजट 75 करोड़ रुपये है और हमारी रामकहानी का तो आप अंदाज़ा लगा ही सकते हैं...

धन्यवाद सहित

आदित्य चौधरी


2010/12/21 Arun Upadhyay <arunupa...@yahoo.in>
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