रुचिकर :-)
यह घोषणा बहुत बोरिंग होती है, और जहाज के कर्मचारी भी अमूमन इसे उकताए हुए
तरीके से बला टालने भर के लिए बोलते हैं तो डबल बोरिंग हो जाती है।
बोलने वाले ने सिर्फ़ हिन्दी का ही प्रयोग नहीं किया बल्कि हास्य-विनोद का
पुट देकर इसे और रोचक बना दिया। तो यह होती है डबल कल्पनाशीलता।
साधुवाद।
रावत