क्वार्क एक्सप्रेस में युनिकोड समर्थन?

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रजनीश मंगला

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Feb 12, 2009, 7:11:59 AM2/12/09
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
क्या क्वार्क एक्सप्रेस और एडोब फ़ोटोशॉप में अब युनिकोड समर्थन है? यदि
नहीं तो कब तक होने की संभावना है या किस कारण ये नहीं हो पा रहा?

अजित वडनेरकर

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Feb 12, 2009, 7:15:10 AM2/12/09
to technic...@googlegroups.com
क्वार्क और एडोब में यूनिकोड सपोर्ट न होना बडे आश्चर्य की बात है। प्रिंट मीडिया से जुडा होने की वजह से अक्सर मैं अपने दफ्तर के आईटी वालों से यह पूचता हूं। दुर्भाग्य से अभी भी ज्यादातर लोगों को यूनिकोड के बारे में जानकारी नहीं है....सो मेरी जिज्ञासा का क्या हश्र होता होगा आप सोच सकते हैं 

2009/2/12 रजनीश मंगला <rajnees...@googlemail.com>

क्या क्वार्क एक्सप्रेस और एडोब फ़ोटोशॉप में अब युनिकोड समर्थन है? यदि
नहीं तो कब तक होने की संभावना है या किस कारण ये नहीं हो पा रहा?




--
शुभकामनाओं सहित
अजित
http://shabdavali.blogspot.com/

रजनीश मंगला

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Feb 12, 2009, 7:27:07 AM2/12/09
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
यही बहुत बड़े दुख की बात है अभी भी प्रिंट मीडिया और सरकारी कार्यलयों
में युनिकोड के बारे में जानकारी लगभग शून्य है। इसे फैलाने के लिए बहुत
बड़ा अभियान चलाया जाना चाहिए।

अजित वडनेरकर

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Feb 13, 2009, 6:41:08 AM2/13/09
to technic...@googlegroups.com

रजनीश भाई,

क्वार्क पर यूनिकोड सपोर्ट के संदर्भ में कृपया इस प्रेस विज्ञप्ति को देखें। मुझे बहुत ज्यादा समझ में नहीं आया। तकनीकी निरक्षर हूं 

कृपया इसे देखें-  Quark to Demonstrate Support for Unicode 

Quark Inc. today announced it will showcase the Unicode and OpenType support that will be available in QuarkXPress 7 at TypoTechnica, the international typography conference for font technology developers, application developers, and designers.


2009/2/12 रजनीश मंगला <rajnees...@googlemail.com>
यही बहुत बड़े दुख की बात है अभी भी प्रिंट मीडिया और सरकारी कार्यलयों

में युनिकोड के बारे में जानकारी लगभग शून्य है। इसे फैलाने के लिए बहुत
बड़ा अभियान चलाया जाना चाहिए।

Ravishankar Shrivastava

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Feb 13, 2009, 6:55:09 AM2/13/09
to technic...@googlegroups.com
क्वार्क में यूनिकोड समर्थन बहुत पहले से है, परंतु हिन्दी (इंडिक) यूनिकोड समर्थन नहीं है. पर कुछ वर्कअराउण्ड हैं. यह थ्रेड देखिये-

http://www.summitindia.com/publishers_editorial.asp?media_technology_solutions=70

रवि

2009/2/13 अजित वडनेरकर <wadnerk...@gmail.com>



--
सधन्यवाद,
रवि
http://raviratlami.blogspot.com/
http://rachanakar.blogspot.com/
330.gif

रजनीश मंगला

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Feb 13, 2009, 8:48:20 AM2/13/09
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
क्वार्क एक्सप्रेस के वेबसाईट में लिखा है कि वे भारत के लिए खास संस्करण
बनाते हैं जिसका नाम है 'मुद्रा'। क्या मुद्रा युनिकोड समर्थित नहीं है?
क्या मोहाली में उनके कार्यलय से कुछ पता चल सकता है?

Quark India Pvt Ltd.
Gyan Prakash (VP Sales- Asia, Middle East & Africa)
A-45 Industrial Area Phase 8-B
Mohali Punjab 160059
फोन 0091 172 2237801 (to 816)
फ़ैक्स: 0091 172 2237414


हैरानी है कि हिंदी प्रिंट मीडिया में कुछ लोग खुद ब्लॉग तो युनिकोड में
लिखते हैं (यानि वे युनिकोड के बारे में जानते हैं), लेकिन प्रिंट के
मामले में उनके विचार से युनिकोड की कोई इतनी ज़बरदस्त मांग नहीं हैं। मैं
ये आज तक समझ नहीं पाया हूँ। हिंदी मीडिया में अंग्रेज़ी शब्दों नामों के
लिए भी केवल देवनागरी का प्रयोग हिंदी पाठकों को अनपढ़ ही रख रहा है।
मेरे ख्याल में हिंदी मीडिया में जब तब थोड़ी रोमन लिपी का प्रयोग हिंदी
वालों की छवि को भी बेहतर बनाएगा और अंग्रेज़ी समाचार पत्र पढ़ने वालों का
ध्यान भी आकर्षित करेगा। लेकिन जब तक क्वार्क एक्सप्रेस जैसे साफ़्टवेयर
हिंदी युनिकोड समर्थित नहीं होंगे, ये वैसे भी संभव नहीं। लेकिन कम से कम
मीडिया की ओर से प्रबल मांग तो होनी चाहिए जो नहीं है। समझ नहीं आता कैसे
काम चला रहे हैं वे लोग।

अजित वडनेरकर

unread,
Feb 13, 2009, 8:56:41 AM2/13/09
to technic...@googlegroups.com

रजनीश भाई, 

हिन्दी मीडियावालों से आपका तात्पर्य अगर पत्रकारों से है तो उनकी तादाद भी अत्यल्प है जो ब्लागिंग और यूनिकोड के बारे में जानते हैं। क्वार्क के सात यूनिकोड जोड़ने का मामला भी प्रबंधन से जुड़ा है। आईटी और प्रोडक्शन से जुड़े लोग जब तक इसके लाभ प्रबंधन को नहीं समझाएंगे, काम नहीं बनेगा। इसके लिए तो यूनिकोड को बढ़ावा देने वाले जो अंतरराष्ट्रीय संगठन, फोरम वगैरह हैं उन्हें आगे आकर इन लोगों के लिए कोई सेमिनार, प्रचार अभियान जैसी मुहिम शुरू करनी होगी। इससे उत्पाद और उत्पादन लागत का गणित उन्हें समझाना पड़ेगा। एक दूसरे से अलग दिखने के प्रयास के चलते हिन्दी मीडिया में हजारों तरह के फांट प्रचलित हैं। इस मामले में यूनिकोड क्या मदद करेगा अर्थात यूनिकोड में भी कई तरह के फांट प्रयोग किए जा सकते हैं या नहीं यह महत्वपूर्ण है।  


2009/2/13 रजनीश मंगला <rajnees...@googlemail.com>

रजनीश मंगला

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Feb 13, 2009, 9:52:01 AM2/13/09
to Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)
हां तो तरह तरह के युनिकोड फ़ांट बनाने में क्या दिक्कत है? जब इतने सारे
आस्की फ़ांट बन सकते हैं तो युनिकोड फ़ांट भी बन सकते हैं, कम से कम
देवनागरी के लिए। मेरे ख्याल से ये कोई बड़ी तकनीकी समस्या नहीं है, बस
थोड़े पैसे का स्वाल है। लेकिन युनिकोड के फ़ायदे समझाने का कोई बड़ा
अभियान तो चलना चाहिए, भले बाहर वाले करें या अंदर वाले। चिट्ठाजगत में
से कुछ लोगों ने ऐसा कुछ शुरू किया था (जैसे हिंदी युग्म), क्या हुआ उनका?

Hariram

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May 7, 2009, 12:54:12 PM5/7/09
to technic...@googlegroups.com
क्वार्क एक्सप्रेस, एडोबे इनडिजाइन, पब्लिसर आदि प्रिंट-डिजाइन सॉफ्टवेयरों में युनिकोड का समर्थन तो है, किन्तु हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के अक्षर मूल रूप में (सिर्फ encoded characters) में प्रकट/प्रिंट होते हैं। छोटी-इ की मात्रा अपने मूल व्यंजन के बाद में प्रकट होती है। संयुक्ताक्षर हलन्त रूप में प्रकट/प्रिंट होते हैं।
 
इसका कारण यह है कि देवनागरी आदि लिपियाँ complex script वर्ग में हैं। process/save/sort/index आदि के लिए केवल code-points ही काम में आते हैं। प्रचलित संयुक्ताक्षर रूप में डिस्प्ले/प्रिंट के लिए विण्डोज आपरेटिंग सीस्टम का script processor या rendering engine तथा OT fonts के un-standardised glyphs का सहारा लिया जाता है।
 
चूँकि उपरोक्त डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर का advanced उपयोग image-setter, colour separator, plate maker, इत्यादि मुद्रण के तकनीकी क्षेत्रों तक विस्तृत है, जिसका अपना स्वतन्त्र प्रचालन तन्त्र होता है, अतः वे OS के rendering engine का सहारा नहीं ले सकते।
 
इसके निम्न समाधान हैं--
 
1. देवनागरी आदि भारतीय लिपियों के सभी पूर्णाक्षरों/संयुक्ताक्षरों के glyph बनाकर OT fonts में शामिल कर लिया जाए। किन्तु दुर्भाग्य से आज तक कोई भी देवनागरी के समस्त पूर्णाक्षरों की सूची बनाना तो दूर, कुल संख्या तक की गणना नहीं कर पाया है।
 
2. OS के rendering engine के निरपेक्ष रूप से उन्नत यन्त्रों के लिए विशेष प्रोग्राम बनाए जाएँ।
 
या 
 
देवनागरी आदि लिपियों को एकमुखी व सरल बनाया जाए।
 
विस्तार से जानने के लिए यहाँ देखें--
 
तथा
 
 
हालांकि कुछ प्लग-इन भी बने हैं, देवनागरी युनिकोड का समर्थन के लिए। किन्तु बहुत मंहगे हैं तथा इनकी उपयोगिता का परीक्षण किया जाना बाकी है।

 
2009/2/13 रजनीश मंगला <rajnees...@googlemail.com>
हां तो तरह तरह के युनिकोड फ़ांट बनाने में क्या दिक्कत है? जब इतने सारे

आस्की फ़ांट बन सकते हैं तो युनिकोड फ़ांट भी बन सकते हैं, कम से कम
देवनागरी के लिए।
 
 
देवनागरी के युनिकोड समर्थित लगभग 300 प्रकार के ओपेन टाइप फोंट हैं, जो निःशुल्क उपलब्ध हैं।
--
हरिराम
प्रगत भारत http://hariraama.blogspot.com

Shree Devi Kumar

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May 7, 2009, 11:50:18 PM5/7/09
to technic...@googlegroups.com
Please see http://www.wazu.jp/gallery/Fonts_Devanagari.html for a list of some devanagri opentype fonts.
 
of these, I have used mangal and sanskrit2003.
 
Mangal    [ show all samples ]  (mangal.ttf)
Source: Comes with Microsoft's Windows XP and Windows 2000.
Stats: Version 1.20 has 675 glyphs and no kerning pairs
Support: Devanagari
OpenType Layout Tables: Devanagari
 
 
Sanskrit 2003    [ show all samples ]  (Sanskrit2003.ttf)
Source: Free download from Omkarananda Ashram Himalayas
Stats: Version 1.05 (August 22, 2004) has 1,608 glyphs and no kerning pairs
Support: Devanagari, Latin
OpenType Layout Tables: Devanagari
 


 
2009/5/7 Hariram hari...@gmail.com

 
 
1. देवनागरी आदि भारतीय लिपियों के सभी पूर्णाक्षरों/संयुक्ताक्षरों के glyph बनाकर OT fonts में शामिल कर लिया जाए। किन्तु दुर्भाग्य से आज तक कोई भी देवनागरी के समस्त पूर्णाक्षरों की सूची बनाना तो दूर, कुल संख्या तक की गणना नहीं कर पाया है।
 
 
 
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