यूनिकोड में Shringar, Shrinkhala कैसे लिखें

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Yashwant Gehlot

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Sep 12, 2011, 6:51:19 AM9/12/11
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मैं यूनिकोड इन्स्क्रिप्ट ले आउट का उपयोग करता हूं. क्या कोई विद्वान साथी बता सकते हैं कि Shringar, Shrinkhala जैसे शब्द किस तरह लिखे जाएं
 
यशवंत

--
Yashwant Gehlot

Anuradha R.

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Sep 12, 2011, 7:23:16 AM9/12/11
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सचमुच जटिल है। मुझे भी कई बार जरूरत पड़ी, पर किसी तरह काम चलाया। सही हिज्जे नहीं लिख पाई। कोई उपाय?
-अनुराधा

2011/9/12 Yashwant Gehlot <yge...@gmail.com>

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Vinod Sharma

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Sep 12, 2011, 7:53:40 AM9/12/11
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यूनीकोड में हूबहू अक्षर तो नहीं बनता है लेकिन इन शब्दों को इस प्रकार लिखा जा सकता है

शृंगार   शृंखला

2011/9/12 Anuradha R. <ranur...@gmail.com>



--
Best Regards,
Vinod Sharma
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Anuradha R.

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Sep 12, 2011, 9:07:04 AM9/12/11
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ऐसे तो बात नहीं बनती जनाब।

2011/9/12 Vinod Sharma <vinodj...@gmail.com>

AJAY

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Sep 12, 2011, 9:15:18 AM9/12/11
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श्रीनगर
श्रंगार
श्रंखला

यूनीकोड मे ंही लिखे हैं..

@jay


2011/9/12 Anuradha R. <ranur...@gmail.com>

Kavita Vachaknavee

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Sep 12, 2011, 9:26:08 AM9/12/11
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अजेय जी,

लगता है आप श्र / श्री व शृ  ( जिससे लोग श्रिंगार तक लिख कर अशुद्ध प्रयोग करते हैं ) में गड़बड़ा रहे हैं और मूल प्रश्न को नहीं समझे। 

  श्रंखला और श्रीनगर की भांति यहाँ में श् + र आदि की नहीं  अपितू (शृंगार में प्रयुक्त होने वाले) श् + ऋ के संयुक्त वर्ण की बात हो रही है। 
 

AJAY

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Sep 12, 2011, 9:33:19 AM9/12/11
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ओह, क्षमा कीजिएगा.. मैंने प्रश्न को समझा नहीं
श्+ऋ का संयुक्त वर्ण कौन सा है.. मैं सचमुच अज्ञानी ही हूं..
 
@jay


2011/9/12 Kavita Vachaknavee <kavita.va...@gmail.com>

ePandit | ई-पण्डित

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Sep 12, 2011, 9:55:27 AM9/12/11
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मित्रों इस पर पहले भी कई बार बात हो चुकी है। शृंगार, शृंखला ही सही शब्द होता है श्रृंगार, श्रृंखला नहीं। यह हिन्दी में प्रचलित एक आम अशुद्धि है।

यह अशुद्धि शायद इसलिये चली होगी कि श्रृ तथा शृ (सही रूप में) एक  जैसे दिखते हैं।

शृंगार का शृ, श के साथ ऋ की मात्रा (ृ) लगाकर ही बनता है यानि शृ = श +  ृ

बात यह है कि मंगल सहित विण्डोज़ के यूनिकोड फॉण्ट शृ को सही पारम्परिक रूप में नहीं दिखाते। इसके लिये आप संस्कृत २००३ नामक यूनिकोड फॉण्ट इंस्टाल करें। वह शृ को सही रूप में दिखायेगा।


शृ के सही रूप और श्रृ में अन्तर होता है कि नीचे पैर में र वाला तिरछा डंडा नहीं होता। आप उपर्युक्त फॉण्ट इंस्टाल करके उसे चुनकर शृ लिखें, वह सही रूप में दिखेगा।

अखबार वालों द्वारा यह गलती प्रचलित होने का एक कारण यह भी है कि पुराने नॉन-यूनिकोड फॉण्टों में यह ग्लिफ होता तो है लेकिन वह ऑल्ट कोड के साथ प्राप्त होता है इसलिये वे लोग दिखने में इस जैसा श्रृ लिखने लगे।

ई-पण्डित आइऍमई में मैंने इसकी व्यवस्था की है तथा शृ लिखने पर यह सही रूप में प्रकट होता है।

१२ सितम्बर २०११ ६:५६ अपराह्न को, Kavita Vachaknavee <kavita.va...@gmail.com> ने लिखा:



--
Shrish Benjwal Sharma (श्रीश बेंजवाल शर्मा)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
If u can't beat them, join them.

ePandit: http://epandit.shrish.in/

ePandit | ई-पण्डित

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Sep 12, 2011, 9:56:59 AM9/12/11
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हाँ श से बनने वाले संयुक्ताक्षरों के विविध रूपों पर हरिराम जी का यह बेहतरीन आलेख पढ़ें, सब संशय दूर हो जायेंगे।

http://hariraama.blogspot.com/2007/10/secrets-of-devanaagarii-sh.html

१२ सितम्बर २०११ ७:२५ अपराह्न को, ePandit | ई-पण्डित <sharma...@gmail.com> ने लिखा:

Vinod Sharma

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Sep 12, 2011, 10:06:29 AM9/12/11
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पंडितजी संस्कृत 2003 फॉण्ट और जगह तो काम कर जाता है लेकिन यहाँ संदेशों में सीधे लिखने पर शृ का ही उपयोग करना होगा
क्योंकि लगभग सभी ब्राउजर मंगल और एरियल यूनीकोड का ही समर्थन करते हैं।

2011/9/12 ePandit | ई-पण्डित <sharma...@gmail.com>

Dr. Durgaprasad Agrawal

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Sep 12, 2011, 10:19:33 AM9/12/11
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संस्कृत 2003 में ये शुद्ध रूप से टाइप हो गए हैं
 
 शृंगार 


शृंखला 


दुर्गाप्रसाद 

१२ सितम्बर २०११ ७:३६ अपराह्न को, Vinod Sharma <vinodj...@gmail.com> ने लिखा:

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My blog 'Jog Likhee'
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ePandit | ई-पण्डित

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Sep 12, 2011, 10:19:55 AM9/12/11
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नहीं जी आप चाहें तो ब्राउजर का देवनागरी हेतु ़डिफॉल्ट फॉण्ट भी संस्कृत २००३ कर सकते हैं।

फायरफॉक्स में इसके लिये Options में Content टैब में जायें। वहाँ Font & Colors नामक फ्रेम में Advanced बटन पर क्लिक करें। अब एक डायलॉग बॉक्स खुलेगा, इसमें सबसे ऊपर Fonts for नामक ड्रॉपडाउन मैन्यू में Devanagari चुन लें। नीचे जहाँ जहाँ Mangal है उसकी जगह Sanskrit 2003 चुन लें।

गूगल क्रोम में इसके लिये ऍड्रैस बार में chrome://settings/fonts डालें। यहाँ Standard Font में Sanskrit 2003 चुन लें। क्रोम में लैंग्वेज स्पैसिफिक डिफॉल्ट फॉण्ट चुनने की सुविधा नहीं है।

अब आपके ब्राउजर में सभी वेबपन्नों पर हिन्दी इसी फॉण्ट में दिखेगी। हालाँकि मैं डिफॉल्ट फॉण्ट मंगल ही रखता हूँ, कारण ये है कि मंगल छोटे फॉण्ट साइज में भी स्पष्ट पढ़ा जा सकता है जबकि अपराजिता, संस्कृत २००३ आदि फॉण्ट ज्यादा छोटे आकार में स्पष्ट नहीं पढ़ने में आते।

१२ सितम्बर २०११ ७:३६ अपराह्न को, Vinod Sharma <vinodj...@gmail.com> ने लिखा:
पंडितजी संस्कृत 2003 फॉण्ट और जगह तो काम कर जाता है लेकिन यहाँ संदेशों में सीधे लिखने पर शृ का ही उपयोग करना होगा

--
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(Dr.) Kavita Vachaknavee

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Sep 12, 2011, 10:42:37 AM9/12/11
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इस रूप में तो ये देवनागरी यूनिकोड में भी हो जाते हैं। 

हम जिस रूप की बात कर रहे हैं, वह इस से भिन्न है, पारंपरिक; जिसमें प्र की भांति श्र के नीचे तिरछी पाई की अपेक्षा कृ की भांति ऋ की मात्रा उसके स्थान पर होती है। 

2011/9/12 Dr. Durgaprasad Agrawal <dpagr...@gmail.com>

V S Rawat g

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Sep 12, 2011, 11:57:08 AM9/12/11
to technic...@googlegroups.com
फ़ॉण्ट कोई भी इस्तेमाल की जा रही हो, अगर

श ् र = श्र लिखा है, या
श ृ = शृ लिखा है,

तो वो विभिन्न ही दिख पाएँगे। आप कैसे कह रहे हैं फ़ॉण्ट बदलने से श्र शृ दिखने लगेगा, या
इसका उल्टा?

--
रावत


On 9/12/2011 7:49 PM India Time, _ePandit | ई-पण्डित_ wrote:

> नहीं जी आप चाहें तो ब्राउजर का देवनागरी हेतु ़डिफॉल्ट फॉण्ट भी संस्कृत २००३ कर सकते हैं।
>
> फायरफॉक्स में इसके लिये Options में Content टैब में जायें। वहाँ Font & Colors नामक
> फ्रेम में Advanced बटन पर क्लिक करें। अब एक डायलॉग बॉक्स खुलेगा, इसमें सबसे ऊपर
> Fonts for नामक ड्रॉपडाउन मैन्यू में Devanagari चुन लें। नीचे जहाँ जहाँ Mangal है
> उसकी जगह Sanskrit 2003 चुन लें।
>
> गूगल क्रोम में इसके लिये ऍड्रैस बार में chrome://settings/fonts डालें। यहाँ
> Standard Font में Sanskrit 2003 चुन लें। क्रोम में लैंग्वेज स्पैसिफिक डिफॉल्ट फॉण्ट
> चुनने की सुविधा नहीं है।
>
> अब आपके ब्राउजर में सभी वेबपन्नों पर हिन्दी इसी फॉण्ट में दिखेगी। हालाँकि मैं डिफॉल्ट
> फॉण्ट मंगल ही रखता हूँ, कारण ये है कि मंगल छोटे फॉण्ट साइज में भी स्पष्ट पढ़ा जा
> सकता है जबकि अपराजिता, संस्कृत २००३ आदि फॉण्ट ज्यादा छोटे आकार में स्पष्ट नहीं पढ़ने
> में आते।
>
> १२ सितम्बर २०११ ७:३६ अपराह्न को, Vinod Sharma <vinodj...@gmail.com

> <mailto:vinodj...@gmail.com>> ने लिखा:


>
> पंडितजी संस्कृत 2003 फॉण्ट और जगह तो काम कर जाता है लेकिन यहाँ संदेशों में सीधे
> लिखने पर शृ का ही उपयोग करना होगा
> क्योंकि लगभग सभी ब्राउजर मंगल और एरियल यूनीकोड का ही समर्थन करते हैं।
>
>
> 2011/9/12 ePandit | ई-पण्डित <sharma...@gmail.com

> <mailto:sharma...@gmail.com>>


>
> मित्रों इस पर पहले भी कई बार बात हो चुकी है। शृंगार, शृंखला ही सही शब्द
> होता है श्रृंगार, श्रृंखला नहीं। यह हिन्दी में प्रचलित एक आम अशुद्धि है।
>
> यह अशुद्धि शायद इसलिये चली होगी कि श्रृ तथा शृ (सही रूप में) एक जैसे दिखते हैं।
>
> शृंगार का शृ, श के साथ ऋ की मात्रा (ृ) लगाकर ही बनता है यानि शृ = श + ृ
>
> बात यह है कि मंगल सहित विण्डोज़ के यूनिकोड फॉण्ट शृ को सही पारम्परिक रूप
> में नहीं दिखाते। इसके लिये आप संस्कृत २००३ नामक यूनिकोड फॉण्ट इंस्टाल करें।
> वह शृ को सही रूप में दिखायेगा।
>
> http://hi.wikipedia.org/wiki/संस्कृत_२००३

> <http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%A4_%E0%A5%A8%E0%A5%A6%E0%A5%A6%E0%A5%A9>


>
> शृ के सही रूप और श्रृ में अन्तर होता है कि नीचे पैर में र वाला तिरछा डंडा
> नहीं होता। आप उपर्युक्त फॉण्ट इंस्टाल करके उसे चुनकर शृ लिखें, वह सही रूप में
> दिखेगा।
>
> अखबार वालों द्वारा यह गलती प्रचलित होने का एक कारण यह भी है कि पुराने
> नॉन-यूनिकोड फॉण्टों में यह ग्लिफ होता तो है लेकिन वह ऑल्ट कोड के साथ
> प्राप्त होता है इसलिये वे लोग दिखने में इस जैसा श्रृ लिखने लगे।
>

> ई-पण्डित आइऍमई <http://epandit.shrish.in/labs/ePanditIME> में मैंने


> इसकी व्यवस्था की है तथा शृ लिखने पर यह सही रूप में प्रकट होता है।
>
> १२ सितम्बर २०११ ६:५६ अपराह्न को, Kavita Vachaknavee
> <kavita.va...@gmail.com

> <mailto:kavita.va...@gmail.com>> ने लिखा:

Hariraam

unread,
Sep 12, 2011, 3:34:26 PM9/12/11
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बन्धुओं,

Devenagari Unicode हो या 8bit font. सभी में फिलहाल glyph replacement or glyph subsitution तकनीकी के आधार पर संयुक्ताक्षरों की rendering होती है।
क्योंकि न तो पूर्णाक्षरों की encoding हुई है। न ही मूल व्यंजनों की encoding हुई है।

श+्+ऋ
या
श+ृ

दोनों की rendering एक ही होगी। किन्तु जिस फोंट में
shrri
का glyph नहीं होगा उसमें शृ रूप में प्रकट होता है।

संस्कृत 2003 फोंट में यह ग्लीफ है।

-- हरिराम

ePandit | ई-पण्डित

unread,
Sep 12, 2011, 9:55:51 PM9/12/11
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रावत जी मेरे इतना विस्तार से बताने पर भी आप मेरा आशय नहीं समझे।

MS Word में शृ लिखकर पहले मंगल फॉण्ट में देखें फिर फॉण्ट बदलकर संस्कृत २००३ फॉण्ट में देखें, आप खुद समझ जायेंगे।

१२ सितम्बर २०११ ९:२७ अपराह्न को, V S Rawat g <vsr...@gmail.com> ने लिखा:
फ़ॉण्ट कोई भी इस्तेमाल की जा रही हो, अगर

श ् र = श्र लिखा है, या
श ृ = शृ लिखा है,

तो वो विभिन्न ही दिख पाएँगे। आप कैसे कह रहे हैं फ़ॉण्ट बदलने से श्र शृ दिखने लगेगा, या इसका उल्टा?

--
रावत

On 9/12/2011 7:49 PM India Time, _ePandit | ई-पण्डित_ wrote:

नहीं जी आप चाहें तो ब्राउजर का देवनागरी हेतु ़डिफॉल्ट फॉण्ट भी संस्कृत २००३ कर सकते हैं।

फायरफॉक्स में इसके लिये Options में Content टैब में जायें। वहाँ Font & Colors नामक
फ्रेम में Advanced बटन पर क्लिक करें। अब एक डायलॉग बॉक्स खुलेगा, इसमें सबसे ऊपर
Fonts for नामक ड्रॉपडाउन मैन्यू में Devanagari चुन लें। नीचे जहाँ जहाँ Mangal है
उसकी जगह Sanskrit 2003 चुन लें।

गूगल क्रोम में इसके लिये ऍड्रैस बार में chrome://settings/fonts डालें। यहाँ
Standard Font में Sanskrit 2003 चुन लें। क्रोम में लैंग्वेज स्पैसिफिक डिफॉल्ट फॉण्ट
चुनने की सुविधा नहीं है।

अब आपके ब्राउजर में सभी वेबपन्नों पर हिन्दी इसी फॉण्ट में दिखेगी। हालाँकि मैं डिफॉल्ट
फॉण्ट मंगल ही रखता हूँ, कारण ये है कि मंगल छोटे फॉण्ट साइज में भी स्पष्ट पढ़ा जा
सकता है जबकि अपराजिता, संस्कृत २००३ आदि फॉण्ट ज्यादा छोटे आकार में स्पष्ट नहीं पढ़ने
में आते।

१२ सितम्बर २०११ ७:३६ अपराह्न को, Vinod Sharma <vinodj...@gmail.com
<mailto:vinodjisharma@gmail.com>> ने लिखा:


   पंडितजी संस्कृत 2003 फॉण्ट और जगह तो काम कर जाता है लेकिन यहाँ संदेशों में सीधे
   लिखने पर शृ का ही उपयोग करना होगा
   क्योंकि लगभग सभी ब्राउजर मंगल और एरियल यूनीकोड का ही समर्थन करते हैं।


   2011/9/12 ePandit | ई-पण्डित <sharma...@gmail.com
   <mailto:sharma.shrish@gmail.com>>


       मित्रों इस पर पहले भी कई बार बात हो चुकी है। शृंगार, शृंखला ही सही शब्द
       होता है श्रृंगार, श्रृंखला नहीं। यह हिन्दी में प्रचलित एक आम अशुद्धि है।

       यह अशुद्धि शायद इसलिये चली होगी कि श्रृ तथा शृ (सही रूप में) एक  जैसे दिखते हैं।

       शृंगार का शृ, श के साथ ऋ की मात्रा (ृ) लगाकर ही बनता है यानि शृ = श +  ृ

       बात यह है कि मंगल सहित विण्डोज़ के यूनिकोड फॉण्ट शृ को सही पारम्परिक रूप
       में नहीं दिखाते। इसके लिये आप संस्कृत २००३ नामक यूनिकोड फॉण्ट इंस्टाल करें।
       वह शृ को सही रूप में दिखायेगा।

       http://hi.wikipedia.org/wiki/ंस्कृत_२००३
       <http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%A4_%E0%A5%A8%E0%A5%A6%E0%A5%A6%E0%A5%A9>


       शृ के सही रूप और श्रृ में अन्तर होता है कि नीचे पैर में र वाला तिरछा डंडा
       नहीं होता। आप उपर्युक्त फॉण्ट इंस्टाल करके उसे चुनकर शृ लिखें, वह सही रूप में
       दिखेगा।

       अखबार वालों द्वारा यह गलती प्रचलित होने का एक कारण यह भी है कि पुराने
       नॉन-यूनिकोड फॉण्टों में यह ग्लिफ होता तो है लेकिन वह ऑल्ट कोड के साथ
       प्राप्त होता है इसलिये वे लोग दिखने में इस जैसा श्रृ लिखने लगे।

       ई-पण्डित आइऍमई <http://epandit.shrish.in/labs/ePanditIME> में मैंने

       इसकी व्यवस्था की है तथा शृ लिखने पर यह सही रूप में प्रकट होता है।

       १२ सितम्बर २०११ ६:५६ अपराह्न को, Kavita Vachaknavee
       <kavita.va...@gmail.com
       <mailto:kavita.vachaknavee@gmail.com>> ने लिखा:


           अजेय जी,

           लगता है आप श्र / श्री व शृ  ( जिससे लोग श्रिंगार तक लिख कर अशुद्ध
           प्रयोग करते हैं ) में गड़बड़ा रहे हैं और मूल प्रश्न को नहीं समझे।

              श्रंखला और श्रीनगर की भांति यहाँ में श् + र आदि की नहीं
             अपितू (शृंगार में प्रयुक्त होने वाले) श् + ऋ के संयुक्त वर्ण की बात हो
--
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