अरविन्द केजरीवाल, नाम तो सुना ही होगा, इमानदारी का दूसरा नाम, लेकिन सर्टिफिकेट किसने दिया स्वंय
अरविन्द ने, मतलब वही प्राइमरी वाला मुहावरा अपने मुँह मियां मिठ्ठू बनना. इस व्यक्ति ने अन्ना का जैसा
उपयोग किया अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए वो कभी न कभी ऑक्सफ़ोर्ड और कैम्ब्रिज के मैनेजमेंट के
विद्यार्थियों को जरूर पढ़ाया जायेगा. सबसे मजे की बात ये है की अन्ना आजतक कंफ्यूज है की उनका
अरविन्द ने सदुपयोग किया, दुरूपयोग किया या फिर उनकी TRP का प्रयोग अपनी ब्रांडिंग करने के लिए
किया?
अरविन्द ने अन्ना के आन्दोलन के समय एक बार नहीं हज़ारो बार टीवी पर कहा था की जिन्दगी में वो
कभी चुनाव नहीं लड़ेगे, जंतर मंतर पर भूख हड़ताल शुरू की तो कहा की जान दे देंगे लेकिन जब तक मांग
पुरी नहीं होगी स्थल से नहीं हटेगे, इनको कोई हटाने भी नहीं गया और मनाने भी, खुद हही भूख बर्दास्त
नहीं हुई और मैदान खाली देख खुद ही हड़ताल ख़त्म कर दी. अब ऐसे ही कभी भी कुछ बोल देने वाले का
क्या भरोसा?
इनके कुछ कारनामे जो समझ में नहीं आते:-
१.जब इनको कोई नहीं बुलाता था तो बाबा रामदेव के बुलाने पर नंगे पाँव भागा आता था की मंच मिलेगा,
उनकी जयकार बोलता था, और उनको अगुआ मानता था, लेकिन इसी स्वार्थी ने काम निकलने के बाद बोला
की रामदेव के पास काला धन है.
२. अन्ना के आन्दोलन में "मै अन्ना" के नाम की टोपी लगाने वालो को अपने नाम की टोपी पहनाते इसे शर्म
न आयी, वे भूखे रहते थे तो इनका छप्पन भोग चलता था. फिर भी अपने नाम के टोपी बटवा दी.
अब जो आदमी अन्ना को टोपी पहना सकता है तो आम लोग क्या है??
३. साल भर पहले ही एक नहीं सैकड़ो बार चुनाव लड़ने के बारे में पूछने पर टीवी पर बोला था मेरा बयान
रिकॉर्ड करो कभी चुनाव नहीं लडुगा, वो बयान मीडिया के कुत्ते कभी नहीं दिखाते, जो मोदी के नाम से २००२
हटाने को तैयार नहीं है. कल यही कांग्रेस से हाथ मिला लेंगे क्या भरोसा जो आज बोल रहे है सच है?
४. आप पार्टी के उम्मीदवार और दान देने वालो में पहले नंबर पर प्रशांत भुषण है जिन्होंने
officially एक करोड़ रूपये दिए है, ये वही है जो कहते है की कश्मीर में वोटिंग करा लो की वो
किसके साथ रहना चाहते है, भारत, पाकिस्तान या फिर नया देश और वोटिंग के रिजल्ट को भारत सरकार
को मान लेना चाहिए, क्योंकि यही मानवाधिकार है. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो हर क्षेत्रीय नेता एक नए देश
की मांग करने लगे तो क्या भारत सरकार को हर जगह वोटिंग करनी चाहिए की वो भारत में रहना चाहते है
या फिर नया देश बनना चाहते है ?? अरविन्द इसको व्यक्तिगत राय बताता है ऐसे तो आप दाउद इब्राहीम
को टिकेट देदो और बोलो की आतंकवाद को बढावा देना उसका व्यक्तिगत मामला है.
5. कुमार बिसवास जो शंकर भगवान और विष्णु जी और मुहम्द साहब का मजाक अपने दो कौड़ी के हास्य
कार्यक्रमों में उडाता है, उस स्वार्थी भड़वे ने ऐसा क्या किया जो उसे टिकेट दे दिया.
६. आप पार्टी में २०% दलबदलू है जिन्हें कांग्रेस और बीजेपी ने भी नकार दिया उनको आपने टिकेट क्यों
दिया जब यही दुसरे पार्टी में थे तो उन्हें आप गली देते थे, तो अब ये अच्छे कैसे हो गए.
७. आम आदमी का दावा करने वाली पार्टी में करोडपतियो की लिस्ट इतनी लम्बी क्यों, यही लोग तो आप
आदमी का शोषण करते है तो दोनों बराबर कैसे??
८. स्टिंग ऑपरेशन में आप के १५% नेता कालाधन गैरकानूनी रूप से स्वीकार करते हुए पकडे गए तो आपने
स्टिंग को झूठा बता दिया तो क्या कैमरे पर आप के नेताओ के पुतले बोल रहे थे ???
९.स्टिंग ऑपरेशन की जाँच आप पार्टी के मेम्बर करेंगे और किसी को छोड़ा नहीं जायेगा, तो आप बताइए
आपने किसके खिलाफ कार्यवाही की. ये तो वही बात हुई की डाकुओ के गिरोह का जब किसी डाकू को लोग
पकड़ लें, तो डाकुओ का सरदार आके बोल दे की हम इसकी आंतरिक जाँच करायेगे और डाका डालने वाले
को छोड़ेगे नहीं.
ये तो कांग्रेस के एजेंट है जो कांग्रेस ने बीजेपी का वोट काटने के लिए मैदान में उतरा है, ये कुछ भी बोल
देते है, बिजली के तार काट देते है, इनके खिलाफ कभी कांग्रेस कोई कानूनी कार्यवाही नही करती, ३ लाख
करोड़ का कोयला घोटाले का आरोपी नवीन जिंदल इनका दोस्त है और सुना है आप पार्टी को back
door funding करने वाला वही है अगर ऐसा नहीं है तो अरविन्द ने आजतक उसके खिलाफ एक
भी शब्द क्यों नहीं बोला.
२० साल तक IRS में जॉब करते हुए अरविन्द और इनकी पत्नी का ट्रान्सफर कभी दिल्ली से बाहर क्यों
नहीं हुआ अगर ये कांग्रेस के लिए खतरा थे? आज भी ये अपने पत्नी को मिले सरकारी मकान में रहते है
तब कहा जाती है इनकी इमानदारी. सीधा सा मतलब है, इनका कांग्रेस के नेताओ से जबरदस्त
connection है नहीं तो सरकारी नौकरी में चपरासियों का भी २० साल में ७-८ बार ट्रान्सफर हो
जाता है और IRS का तो शायद २० बार... इमानदार हुआ तो लगभग ४० बार. अब आप समझ लो की
इन पति पत्नी का ट्रान्सफर क्यों नहीं हुआ.
अब अगर ऐसे लोगो को इमानदार और सत्य का पुजारी कहते है तो, बेईमान, झूठा और स्वार्थी किसको
कहते है?
जय हिन्द
संदीप कुमार मौर्य