यूरेनियम का कहर16 जून 2010 फरीदकोट। फरीदकोट के मंदबुद्धि संस्थान “बाबा फ़रीद केन्द्र” के 149 बच्चों के बालों के नमूनों में यूरेनियम सहित अन्य सभी हेवी मेटल, सुरक्षित मानकों से बहुत अधिक पाये गये हैं। यह निष्कर्ष जर्मनी की प्रख्यात लेबोरेटरी माइक्रोट्रेस मिनरल लैब द्वारा पंजाब के बच्चों के बालों के नमूनों के गहन परीक्षण के पश्चात सामने आया है। मस्तिष्क की विभिन्न गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लगभग 80% बच्चों के बालों में घातक रेडियोएक्टिव पदार्थ यूरेनियम की पुष्टि हुई है और इसका कारण भूजल और पेयजल में यूरेनियम का होना माना जा रहा है।
रविवार, 13 जून 2010 को फ़रीदकोट में एक प्रेस वार्ता में जर्मनी की प्रख्यात लेबोरेटरी माइक्रोट्रेस मिनरल लैब की रिपोर्ट रखी गई। प्रेस वार्ता खेती विरासत मिशन की ओर से बुलाई गयी थी। प्रेस वार्ता में यह बात बताई गई कि समूचे क्षेत्र के पानी के नमूनों में यूरेनियम की मात्रा मानक स्तर (Maximum Permissible Counts) से काफ़ी अधिक है। पंजाब के कई क्षेत्रों, विशेषकर मालवा इलाके में भूजल और पेयजल में यूरेनियम पाये जाने की पुष्टि हो गई है। इस खतरनाक “भारी धातु” (Heavy Metal) के कारण पंजाब में छोटे-छोटे बच्चों को दिमागी सिकुड़न और अन्य विभिन्न तरह की जानलेवा बीमारियों का सामना करना पड़ रहा