देवर

703 views
Skip to first unread message

प्रीतीश बारहठ

unread,
Sep 1, 2010, 4:37:54 AM9/1/10
to शब्द चर्चा
देवर शब्द कैसे बना है ? मुझे इसमें कुछ-कुछ द्वि+वर होने जैसी आशंका हो
रही है।

Abhay Tiwari

unread,
Sep 1, 2010, 4:41:43 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
सही है दूसरा वर ही है! पुरानी परम्परा रही है.. कई जगह आज भी है.. एक चादर
मैली सी इसी विषय पर बनी थी..

संजय | sanjay

unread,
Sep 1, 2010, 4:47:10 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
द्वितिय वर वाली प्रथा अगर व्यापक नहीं थी तो उससे उपजा शब्द व्यापक कैसे हो सकता था? मुझे नहीं लगता यह प्रथा सर्व स्वीकृत रही होगी. वैसे यह मेरा एक अनुमान ही है.

देवर का विलोम :) जेठ है जो ज्येष्ठ से आया है. स्वयं 'वर' वरण से आया है. पति स्वामी के अर्थ में है और पत्नि? 

2010/9/1 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com>



--
---------------------------------------------------------------
संजय बेंगाणी | sanjay bengani | 09601430808
छवि मीडिया एण्ड कॉम्यूनिकेशन
ए-507, स्मिता टावर, गुरूकुल रोड़, मेमनगर , अहमदाबाद, गुजरात. 
web : www.chhavi.inwww.tarakash.comwww.pinaak.org
blog:  www.tarakash.com/joglikhi


Pritish Barahath

unread,
Sep 1, 2010, 4:59:05 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
बात संजय जी की भी उचित लगती है। यह शब्द संस्कृत निष्ठ है, संस्कृत समाज का ही रहा होगा,
यदि दो वर की परंपरा रही तो उसमें क्या प्रथम और क्या द्वतीय अर्थात द्वितीय कौनसा हुआ? और यदि यह द्वितीय वर, वर से बड़ा रहा तो वह जेष्ठ्य क्यूं कहलाया ? देवर का सामान्य अर्थ तो पति का छोटा भाई ही है।
2010/9/1 संजय | sanjay <sanjay...@gmail.com>



--
Pritish Barahath
Jaipur

प्रीतीश बारहठ

unread,
Sep 1, 2010, 5:04:01 AM9/1/10
to शब्द चर्चा
क्या किसी पांड़व को भी द्रोपदी का देवर कहा गया है, नकुल और सहदेव को ?

On Sep 1, 1:59 pm, Pritish Barahath <pritish1...@gmail.com> wrote:
> बात संजय जी की भी उचित लगती है। यह शब्द संस्कृत निष्ठ है, संस्कृत समाज का ही
> रहा होगा,
> यदि दो वर की परंपरा रही तो उसमें क्या प्रथम और क्या द्वतीय अर्थात द्वितीय
> कौनसा हुआ? और यदि यह द्वितीय वर, वर से बड़ा रहा तो वह जेष्ठ्य क्यूं कहलाया ?
> देवर का सामान्य अर्थ तो पति का छोटा भाई ही है।

> 2010/9/1 संजय | sanjay <sanjaybeng...@gmail.com>


>
>
>
>
>
> > द्वितिय वर वाली प्रथा अगर व्यापक नहीं थी तो उससे उपजा शब्द व्यापक कैसे हो
> > सकता था? मुझे नहीं लगता यह प्रथा सर्व स्वीकृत रही होगी. वैसे यह मेरा एक
> > अनुमान ही है.
>
> > देवर का विलोम :) जेठ है जो ज्येष्ठ से आया है. स्वयं 'वर' वरण से आया है. पति
> > स्वामी के अर्थ में है और पत्नि?
>

> > 2010/9/1 Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com>


>
> > सही है दूसरा वर ही है! पुरानी परम्परा रही है.. कई जगह आज भी है.. एक चादर
> >> मैली सी इसी विषय पर बनी थी..
>

> >> ----- Original Message ----- From: "प्रीतीश बारहठ" <pritish1...@gmail.com


>
> >> To: "शब्द चर्चा" <shabdc...@googlegroups.com>
> >> Sent: Wednesday, September 01, 2010 2:07 PM
> >> Subject: [शब्द चर्चा] देवर
>
> >> देवर शब्द कैसे बना है ? मुझे इसमें कुछ-कुछ द्वि+वर होने जैसी आशंका हो
> >>> रही है।
>
> > --
> > ---------------------------------------------------------------
> > संजय बेंगाणी | sanjay bengani | 09601430808

> > *छवि मीडिया एण्ड कॉम्यूनिकेशन*


> > ए-507, स्मिता टावर, गुरूकुल रोड़, मेमनगर , अहमदाबाद, गुजरात.
> > web :www.chhavi.inwww.tarakash.comwww.pinaak.org
> > blog:  www.tarakash.com/joglikhi
>
> --
> Pritish Barahath

> Jaipur- Hide quoted text -
>
> - Show quoted text -

ravikant

unread,
Sep 1, 2010, 5:06:50 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
जहाँ तक मुझे याद है वैदिक काल में इस पद्धति की शादी को नियोग कहा जाता था। 'एक
चादर मैली सी' को 'नदिया के पार' और 'हम आपके हैं कौन' में दुहराया गया।

रविकान्त

संजय | sanjay wrote:
> द्वितिय वर वाली प्रथा अगर व्यापक नहीं थी तो उससे उपजा शब्द व्यापक कैसे हो सकता
> था? मुझे नहीं लगता यह प्रथा सर्व स्वीकृत रही होगी. वैसे यह मेरा एक अनुमान ही है.
>
> देवर का विलोम :) जेठ है जो ज्येष्ठ से आया है. स्वयं 'वर' वरण से आया है. पति स्वामी
> के अर्थ में है और पत्नि?
>

> 2010/9/1 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com <mailto:abha...@gmail.com>>


>
> सही है दूसरा वर ही है! पुरानी परम्परा रही है.. कई जगह आज भी है.. एक चादर
> मैली सी इसी विषय पर बनी थी..
>
> ----- Original Message ----- From: "प्रीतीश बारहठ"

> <priti...@gmail.com <mailto:priti...@gmail.com>>


> To: "शब्द चर्चा" <shabdc...@googlegroups.com

> <mailto:shabdc...@googlegroups.com>>


> Sent: Wednesday, September 01, 2010 2:07 PM
> Subject: [शब्द चर्चा] देवर
>
>
>
> देवर शब्द कैसे बना है ? मुझे इसमें कुछ-कुछ द्वि+वर होने जैसी आशंका हो
> रही है।
>
>
>
>
>
> --
> ---------------------------------------------------------------
> संजय बेंगाणी | sanjay bengani | 09601430808

> *छवि मीडिया एण्ड कॉम्यूनिकेशन*


> ए-507, स्मिता टावर, गुरूकुल रोड़, मेमनगर , अहमदाबाद, गुजरात.

> web : www.chhavi.in <http://www.chhavi.in> । www.tarakash.com
> <http://www.tarakash.com> । www.pinaak.org <http://www.pinaak.org>
> blog: www.tarakash.com/joglikhi <http://www.tarakash.com/joglikhi>
>
>

Abhay Tiwari

unread,
Sep 1, 2010, 5:08:02 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
 आप्टे जी के संस्कृत कोष द्विवर नहीं मिलता.. देवर ही शुद्ध है। और उसकी व्युत्पत्ति देव्‌+अर या दिव्‌+ऋ दी है.. अर्थ मात्र पति का भाई है चाहे छोटा चाहे बड़ा। कहीं-कहीं बड़े से भी विवाह हो जाता था ऐसा याद सा पड़ता है.. नियोग में तो होने के प्रमाण महाभारत में ही हैं।
और पांडव, पाँचों, दौपदी के वर हैं, नकुल व सहदेव भी।  

Abhay Tiwari

unread,
Sep 1, 2010, 5:14:46 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
नहीं भाई रविकान्त, नियोग में एक बार का सहवास एक वर्ष की आध्यात्मिक तपस्या के
बाद ही होता है, सन्तान हो या न हो, उसी स्त्री या पुरुष के साथ दूसरी बार
सहवास वर्जित था। (ये एक वर्ष वाली बात को व्यास ने, सत्यवती के आग्रह पर
इन्सटैन्ट कर लिया था)

बाक़ी उदाहरणों में तो देवर के साथ विधिवत विवाह होता है.. और नदिया के पार में
(ह आ हैं कौ में भी) साली के साथ विवाह का मामला था..

संजय | sanjay

unread,
Sep 1, 2010, 5:22:18 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
ऐसे विवाह अपवाद/सहुलियत के लिए होते है. अनिवार्य प्रथा नहीं है. अतः सर्व स्वीकृत शब्द इससे आना हजम नहीं हो रहा. वैसे मेरे हाजमे से दुनिया नहीं चलती :)

2010/9/1 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com>
web : www.chhavi.inwww.tarakash.comwww.pinaak.org
blog:  www.tarakash.com/joglikhi


Abhay Tiwari

unread,
Sep 1, 2010, 5:25:42 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
सर्व स्वीकृत शब्द तो आप ही ले के आये.. :)

संजय | sanjay

unread,
Sep 1, 2010, 5:29:36 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
हा हा हा. नहीं, देवर तो प्रचलन में है ही जी. इससे ज्यादा स्वीकृत शब्द सम्भव ही नहीं.

2010/9/1 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com>

ravikant

unread,
Sep 1, 2010, 5:47:36 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
शुक्रिया, अभय, सही करने के लिए। वैसे वैदिक संदर्भ मैं इतिहासकारों के ज़रिए जानता हूँ, और
उसमें तपस्या वग़ैरह की चर्चा नहीं थी।

रविकान्त


>
>
> 2010/9/1 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com
> <mailto:abha...@gmail.com>>
>

> नहीं भाई रविकान्त, नियोग में एक बार का सहवास एक वर्ष की
> आध्यात्मिक तपस्या के बाद ही होता है, सन्तान हो या न हो, उसी स्त्री
> या पुरुष के साथ दूसरी बार सहवास वर्जित था। (ये एक वर्ष वाली बात
> को व्यास ने, सत्यवती के आग्रह पर इन्सटैन्ट कर लिया था)
>
> बाक़ी उदाहरणों में तो देवर के साथ विधिवत विवाह होता है.. और नदिया
> के पार में (ह आ हैं कौ में भी) साली के साथ विवाह का मामला था..
>
> ----- Original Message ----- From: "ravikant"

> <ravi...@sarai.net <mailto:ravi...@sarai.net>>
> To: <shabdc...@googlegroups.com
> <mailto:shabdc...@googlegroups.com>>


> Sent: Wednesday, September 01, 2010 2:36 PM
> Subject: Re: [शब्द चर्चा] देवर
>
>
>
> जहाँ तक मुझे याद है वैदिक काल में इस पद्धति की शादी को नियोग
> कहा जाता था। 'एक चादर मैली सी' को 'नदिया के पार' और 'हम
> आपके हैं कौन' में दुहराया गया।
>
> रविकान्त
>
> संजय | sanjay wrote:
>
> द्वितिय वर वाली प्रथा अगर व्यापक नहीं थी तो उससे उपजा
> शब्द व्यापक कैसे हो सकता था? मुझे नहीं लगता यह प्रथा सर्व
> स्वीकृत रही होगी. वैसे यह मेरा एक अनुमान ही है.
>
> देवर का विलोम :) जेठ है जो ज्येष्ठ से आया है. स्वयं 'वर' वरण
> से आया है. पति स्वामी के अर्थ में है और पत्नि?
> 2010/9/1 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com
> <mailto:abha...@gmail.com>

> <mailto:abha...@gmail.com


> <mailto:abha...@gmail.com>>>
>
> सही है दूसरा वर ही है! पुरानी परम्परा रही है.. कई जगह
> आज भी है.. एक चादर
> मैली सी इसी विषय पर बनी थी..
>
> ----- Original Message ----- From: "प्रीतीश बारहठ"
> <priti...@gmail.com
> <mailto:priti...@gmail.com>

> <mailto:priti...@gmail.com


> <mailto:priti...@gmail.com>>>
> To: "शब्द चर्चा" <shabdc...@googlegroups.com
> <mailto:shabdc...@googlegroups.com>

> <mailto:shabdc...@googlegroups.com


> <mailto:shabdc...@googlegroups.com>>>
> Sent: Wednesday, September 01, 2010 2:07 PM
> Subject: [शब्द चर्चा] देवर
>
>
>
> देवर शब्द कैसे बना है ? मुझे इसमें कुछ-कुछ द्वि+वर होने
> जैसी आशंका हो
> रही है।
>
>
>
>
>
> --
> ---------------------------------------------------------------
> संजय बेंगाणी | sanjay bengani | 09601430808
> *छवि मीडिया एण्ड कॉम्यूनिकेशन*
> ए-507, स्मिता टावर, गुरूकुल रोड़, मेमनगर , अहमदाबाद,
> गुजरात. web : www.chhavi.in <http://www.chhavi.in>
> <http://www.chhavi.in> । www.tarakash.com
> <http://www.tarakash.com>
> <http://www.tarakash.com> । www.pinaak.org

> <http://www.pinaak.org> <http://www.pinaak.org>

Pritish Barahath

unread,
Sep 1, 2010, 7:49:23 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
अभय जी ने आप्टे जी के कोश से जो व्युत्पत्ति बताई है वही सही लग रही है उसका प्रथा से कोई संबंध नहीं है मेरे दिमाग में देव्+अर जैसी  युक्ति पहले नहीं आयी थी। वैसे भी विधिवत विवाह हो जाने पर देवर, देवर नहीं रहता वर हो जाता है और यही कहलाता है।

2010/9/1 ravikant <ravi...@sarai.net>



--
Pritish Barahath
Jaipur

अजित वडनेरकर

unread,
Sep 1, 2010, 7:51:17 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
द्विवर ही देवर है।

2010/9/1 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com>



--
शुभकामनाओं सहित
अजित
http://shabdavali.blogspot.com/

Abhay Tiwari

unread,
Sep 1, 2010, 7:58:30 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
वैसे यह एक वर्ष की तपस्या का उल्लेख मैंने किया वह सिर्फ़ व्यास जैसे तपस्वी के
साथ सहवास की शर्त स्वयं व्यास ने रखी थी.. ताकि स्त्रियों की सही तैयारी हो
सके.. जिस के पूरा न होने के कारण ही बच्चों में विकृति आ गई.. सिवाय विदुर
के..

नियोग की शर्त में महाभारत में ही उल्लेख है शरीर में घी चुपड़ कर, वाणी में
संयम रखकर गुरुजनों द्वार नियत पुरुष सहवास करे.. और सिर्फ़ एक पुत्र पैदा करे..
अब इस का जो भी अर्थ हो.. एक पुत्र पैदा होने तक सहवास या एक बार का ही सहवास..
?

Abhay Tiwari

unread,
Sep 1, 2010, 7:59:28 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
मेरी भी समझ यही है.. आप्टे जी का सन्दर्भ तो जानकारी के लिए दे दिया.. लेकिन होना यही चाहिये.. अजित भाई इसे सिद्ध करें!

Abhay Tiwari

unread,
Sep 1, 2010, 8:11:43 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
कहीं से तीन बार तक सहवास की अनुमति का पता चला है.. चौथी बार करने वाली
स्वैरणी और पांचवी बार करने वाली कुलटा बताया है..

दिनेशराय द्विवेदी

unread,
Sep 1, 2010, 9:21:51 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
विद्वज्जन क्षमा करें, रक्षा बंधन का त्यौहार गुजरा है और कृष्ण जन्माष्टमी कल है। मुझे देवर पढ़ पढ़ कर घेवर याद आ रहा है और साथ ही मुहँ में पानी भी। जरा घेवर की व्युत्पत्ति बताई जाए।

2010/9/1 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com>



--
दिनेशराय द्विवेदी, कोटा, राजस्थान, भारत
Dineshrai Dwivedi, Kota, Rajasthan,
क्लिक करें, ब्लाग पढ़ें ...  अनवरत    तीसरा खंबा

अजित वडनेरकर

unread,
Sep 1, 2010, 10:08:39 AM9/1/10
to shabdc...@googlegroups.com
हिन्दी शब्दसागर इसकी व्युत्पत्ति घृतपूर से बताता है।
घृतपूर>घृतवर> घयबर> घेवर

2010/9/1 दिनेशराय द्विवेदी <drdwi...@gmail.com>

Baljit Basi

unread,
Sep 1, 2010, 1:21:39 PM9/1/10
to शब्द चर्चा

देवर का अर्थ मोनिअर- विलिअम्ज़ ने किसी और तरह बताया है. इसको
संस्कृत के 'दिव' से बना दर्शया गया है जिस का एक मतलब मोनिअर-
विलिअम्ज़ के अनुसार to play , sport , joke , trifle with है. इस तरह
देवर का शाब्दिक अर्थ (भाबी के साथ) हँसी-खेल करने वाला, दिल-लगी करने
वाला है. मोनिअर- विलिअम्ज़ ने देवृ शब्द लिया है और इसके एक अर्थ इस
तरह दिए हैं : a husband's brother ( his younger brother) (prob. as
the player , because he has less to do than his elder brother) ; the
husband of a woman previously married . यहाँ मुझे लगता है मोनिअर-
विलिअम्ज़ द्वारा देवर को प्लयेर कह कर करने वाली व्याख्या इतनी ठीक
नहीं. देवर भाबी से हंसी-खेल करता है इस लिए उस को ऐसा कहा गया है न कि
इस लिए कि उसको बडी भाई के मुकाबले करने के लिए कम काम होता है. यहाँ
उसने पहले शादी-शुदा औरत के पती को भी देवर बतलाया है लेकिन यह नहीं
कहा कि देवर पती का छोटा, बड़ा भाई अथवा कोई और है. चादर डालने की एक रसम
मैंने देखी है, उसमें चादर बड़े भाई को डाली गई थी. देवर शब्द के रूसी,
पोलिश, लिथुनियन, जर्मन, ग्रीक, आर्मीनियन और कुर्द में सुजाति शब्द
मिलते हैं. पुरानी अंग्रेज़ी में tācor- शब्द है जिस का मतलब पती का भाई
है. इससे बना एक शब्द है levirate जिसका मतलब 'विधवा की अपने देवर के
साथ लाजमी शादी है.'
देवर की भाबी के साथ हंसी-खेल करने वाली व्याख्या की इस बात से पुष्टि
मिलती है कि ऐसा परचलन हमारी संस्कृति में आम है. पंजाबी के लोक-गीतों का
यह एक मुख्य विषय रहा है. दूसरी बात यह कि 'ननद' शब्द की व्याख्या भी
'भाबी को खुश करने, बहलाने वाली है.' धातु 'नंद' के साथ लगा एक और 'न'
इसके भावों को नकारता नहीं बल्कि पुनरावृत्ति reduplication द्वारा तीव्र
करता है.
बलजीत बासी

On 1 सित, 10:08, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
> हिन्दी शब्दसागर इसकी व्युत्पत्ति घृतपूर से बताता है।
> *घृतपूर>घृतवर> घयबर> घेवर*
>
> 2010/9/1 दिनेशराय द्विवेदी <drdwive...@gmail.com>

>
>
>
>
>
> > विद्वज्जन क्षमा करें, रक्षा बंधन का त्यौहार गुजरा है और कृष्ण जन्माष्टमी कल
> > है। मुझे देवर पढ़ पढ़ कर घेवर याद आ रहा है और साथ ही मुहँ में पानी भी। जरा
> > घेवर की व्युत्पत्ति बताई जाए।
>
> > 2010/9/1 Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com>

>
> >> कहीं से तीन बार तक सहवास की अनुमति का पता चला है.. चौथी बार करने वाली
> >> स्वैरणी और पांचवी बार करने वाली कुलटा बताया है..
>
> >> ----- Original Message ----- From: "ravikant" <ravik...@sarai.net>

> >> To: <shabdc...@googlegroups.com>
>
> >> Sent: Wednesday, September 01, 2010 3:17 PM
> >> Subject: Re: [शब्द चर्चा] देवर
>
> >>  शुक्रिया, अभय, सही करने के लिए। वैसे वैदिक संदर्भ मैं इतिहासकारों के
> >>> ज़रिए जानता हूँ, और उसमें तपस्या वग़ैरह की चर्चा नहीं थी।
>
> >>> रविकान्त
>
> >>>>        2010/9/1 Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com
> >>>>        <mailto:abhay...@gmail.com>>

>
> >>>>            नहीं भाई रविकान्त, नियोग में एक बार का सहवास एक वर्ष की
> >>>>            आध्यात्मिक तपस्या के बाद ही होता है, सन्तान हो या न हो, उसी
> >>>> स्त्री
> >>>>            या पुरुष के साथ दूसरी बार सहवास वर्जित था। (ये एक वर्ष वाली
> >>>> बात
> >>>>            को व्यास ने, सत्यवती के आग्रह पर इन्सटैन्ट कर लिया था)
>
> >>>>            बाक़ी उदाहरणों में तो देवर के साथ विधिवत विवाह होता है.. और
> >>>> नदिया
> >>>>            के पार में (ह आ हैं कौ में भी) साली के साथ विवाह का मामला
> >>>> था..
>
> >>>>            ----- Original Message ----- From: "ravikant"
> >>>>            <ravik...@sarai.net <mailto:ravik...@sarai.net>>

> >>>>            To: <shabdc...@googlegroups.com
> >>>>            <mailto:shabdc...@googlegroups.com>>
> >>>>            Sent: Wednesday, September 01, 2010 2:36 PM
> >>>>            Subject: Re: [शब्द चर्चा] देवर
>
> >>>>                जहाँ तक मुझे याद है वैदिक काल में इस पद्धति की शादी को
> >>>> नियोग
> >>>>                कहा जाता था। 'एक चादर मैली सी' को 'नदिया के पार' और 'हम
> >>>>                आपके हैं कौन' में दुहराया गया।
>
> >>>>                रविकान्त
>
> >>>>                संजय | sanjay wrote:
>
> >>>>                    द्वितिय वर वाली प्रथा अगर व्यापक नहीं थी तो उससे उपजा
> >>>>                    शब्द व्यापक कैसे हो सकता था? मुझे नहीं लगता यह प्रथा
> >>>> सर्व
> >>>>                    स्वीकृत रही होगी. वैसे यह मेरा एक अनुमान ही है.
>
> >>>>                    देवर का विलोम :) जेठ है जो ज्येष्ठ से आया है. स्वयं
> >>>> 'वर' वरण
> >>>>                    से आया है. पति स्वामी के अर्थ में है और पत्नि?
> >>>>                    2010/9/1 Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com
> >>>>                    <mailto:abhay...@gmail.com>
> >>>>                    <mailto:abhay...@gmail.com
> >>>>                    <mailto:abhay...@gmail.com>>>

>
> >>>>                       सही है दूसरा वर ही है! पुरानी परम्परा रही है.. कई
> >>>> जगह
> >>>>                    आज भी है.. एक चादर
> >>>>                       मैली सी इसी विषय पर बनी थी..
>
> >>>>                       ----- Original Message ----- From: "प्रीतीश बारहठ"
> >>>>                       <pritish1...@gmail.com
> >>>>                    <mailto:pritish1...@gmail.com>
> >>>>                    <mailto:pritish1...@gmail.com
> >>>>                    <mailto:pritish1...@gmail.com>>>
> > *क्लिक करें, ब्लाग पढ़ें ...  अनवरत <http://anvarat.blogspot.com/>    तीसरा
> > खंबा <http://teesarakhamba.blogspot.com/>*

>
> --
> शुभकामनाओं सहित
> अजितhttp://shabdavali.blogspot.com/- उद्धृत पाठ छिपाएँ -
>
> उद्धृत पाठ दिखाए

Baljit Basi

unread,
Sep 1, 2010, 1:29:06 PM9/1/10
to शब्द चर्चा
कृपया 'विधवा की अपने देवर के साथ लाजमी शादी है.' की जगह
'विधवा की अपने मृत पती के भाई के साथ लाजमी शादी है' पढ़िये.
बलजीत बासी

> ...
>
> और पढ़ें »- उद्धृत पाठ छिपाएँ -

Baljit Basi

unread,
Sep 1, 2010, 1:28:40 PM9/1/10
to शब्द चर्चा
कृपया 'विधवा की अपने देवर के साथ लाजमी शादी है.' की जगह
'विधवा की अपने मृत पती के भाई के साथ लाजमी शादी है' पढ़िये.
बलजीत बासी

> ...
>
> और पढ़ें »- उद्धृत पाठ छिपाएँ -

संजय | sanjay

unread,
Sep 2, 2010, 12:40:25 AM9/2/10
to shabdc...@googlegroups.com
मुझे लगता था घेवर "घेरे" से बना है. घेवर का आकार देखें.

2010/9/1 Baljit Basi <balji...@yahoo.com>

--
---------------------------------------------------------------
संजय बेंगाणी | sanjay bengani | 09601430808
छवि मीडिया एण्ड कॉम्यूनिकेशन
ए-507, स्मिता टावर, गुरूकुल रोड़, मेमनगर , अहमदाबाद, गुजरात. 
web : www.chhavi.inwww.tarakash.comwww.pinaak.org
blog:  www.tarakash.com/joglikhi


अविनाश वाचस्पति

unread,
Sep 2, 2010, 12:49:05 AM9/2/10
to shabdc...@googlegroups.com
देवर मतलब जो वर को देता है मतलब अपने बड़े भाई को। इससे सरल अर्थ भी है क्‍याकोई ? न जाने कब से इसी में उलझे हुए हैं सब। समस्‍या हल हो गई अब। 
सादर/सस्‍नेह

2010/9/2 संजय | sanjay <sanjay...@gmail.com>
मुझे लगता था घेवर "घेरे" से बना है. घेवर का आकार देखें.

2010/9/1 Baljit Basi <balji...@yahoo.com>

कृपया  'विधवा की अपने देवर के साथ लाजमी शादी है.' की जगह
'विधवा की अपने मृत पती के भाई के साथ लाजमी शादी है' पढ़िये.
बलजीत बासी

On 1 सित, 13:21, Baljit Basi <baljit_b...@yahoo.com> wrote:
> देवर का अर्थ मोनिअर- विलिअम्ज़  ने किसी और तरह बताया  है. इसको
> संस्कृत के 'दिव' से बना दर्शया गया  है जिस का एक मतलब  मोनिअर-
> विलिअम्ज़ के अनुसार to play , sport , joke , trifle with है. इस तरह
> देवर का शाब्दिक अर्थ (भाबी के साथ)  हँसी-खेल करने वाला, दिल-लगी करने
> वाला है. मोनिअर- विलिअम्ज़ ने  देवृ  शब्द लिया है और इसके एक अर्थ  इस
> तरह दिए हैं : a husband's brother ( his younger brother)  (prob. as
> the player , because he has less to do than his elder brother) ; the
> husband of a woman previously married . यहाँ मुझे लगता है मोनिअर-
> विलिअम्ज़ द्वारा  देवर को प्लयेर कह कर करने वाली व्याख्या इतनी ठीक
> नहीं. देवर भाबी से हंसी-खेल करता है इस लिए उस को ऐसा कहा गया है न कि
> इस लिए कि उसको बडी भाई के मुकाबले  करने के लिए कम काम होता है. यहाँ
> उसने  पहले शादी-शुदा औरत के पती को भी   देवर बतलाया  है लेकिन यह नहीं
> कहा कि देवर पती का छोटा, बड़ा भाई अथवा कोई और है. चादर डालने की एक रसम
> मैंने देखी है, उसमें चादर बड़े भाई को डाली गई थी. देवर शब्द के रूसी,
> पोलिश, लिथुनियन, जर्मन, ग्रीक, आर्मीनियन और कुर्द में सुजाति शब्द
> मिलते हैं. पुरानी अंग्रेज़ी में tācor- शब्द है जिस का मतलब पती का भाई
> > >>>>            बाक़ी उदाहरणों में तो देवर के साथ विधिवत विवाह होता है.. और



--
ए-507, स्मिता टावर, गुरूकुल रोड़, मेमनगर , अहमदाबाद, गुजरात. 
Reply all
Reply to author
Forward
0 new messages