भवति

2,218 views
Skip to first unread message

अभय तिवारी

unread,
Apr 3, 2015, 5:12:26 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
 "भवति भिक्षां देहि!"

इस वाक्य में 'भवति' शब्द, क्रिया अर्थ वाले 'भवति' से कैसे भिन्न है? भिन्न तो हैं ही- क्योंकि इस 'भवति'  को सम्मानीय महिला के अर्थ में समझा जाता है। यह शब्द, किस शब्द का कौन सा रूप है? कृपया संस्कृत के विद्वान, जो इस समूह का समय-समय पर मार्गदर्शन करते हैं, इस मुश्किल को हल करने में सहायता करें!  

narayan prasad

unread,
Apr 3, 2015, 6:27:30 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
कहीं यह "भवती" (आप) का संबोधन एकवचन रूप तो नहीं है ? "नदी" के समान रूप ।
---नारायण प्रसाद

2015-04-03 14:42 GMT+05:30 अभय तिवारी <abha...@gmail.com>:
 "भवति भिक्षां देहि!"

इस वाक्य में 'भवति' शब्द, क्रिया अर्थ वाले 'भवति' से कैसे भिन्न है? भिन्न तो हैं ही- क्योंकि इस 'भवति'  को सम्मानीय महिला के अर्थ में समझा जाता है। यह शब्द, किस शब्द का कौन सा रूप है? कृपया संस्कृत के विद्वान, जो इस समूह का समय-समय पर मार्गदर्शन करते हैं, इस मुश्किल को हल करने में सहायता करें!  

--
You received this message because you are subscribed to the Google Groups "शब्द चर्चा " group.
To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
For more options, visit https://groups.google.com/d/optout.

Abhay Tiwari

unread,
Apr 3, 2015, 7:13:32 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
हम तो केवल अटकल लगा सकते हैं, नारायण जी, निश्चयात्मक उत्तर तो केवल आप जैसे विद्वान ही दे सकते हैं! 

Abhay Tiwari

unread,
Apr 3, 2015, 7:26:59 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
प्रयुक्त वाक्य में आप का बताया अर्थ बैठता तो है.. 

क्या इस सम्बोधन का प्रयोग अन्यत्र भी किया जा सकता है जैसे किसी भी संवाद में बहन या पत्नी आदि महिला पात्र को संबोधित करते हुए?

उदाहरण के तौर पर यदि कहा जाय- "भवति! आप कहीं जा रही हैं क्या?" तो क्या ऐसा प्रयोग सही होगा? 

narayan prasad

unread,
Apr 3, 2015, 7:36:06 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
मैं यहाँ निश्चयात्मक रूप से नहीं कह सका, क्योंकि सर्वनाम ("भवती" सर्वनाम है) का संबोधन रूप प्रयुक्त नहीं होता । हिन्दी में तो कम से कम नहीं ही होता है - जैसे - हे आप ! हे वह ! संस्कृत साहित्य का मेरा अध्ययन बहुत सीमित है । परन्तु चारुदेव शास्त्री कृत व्याकरण चन्द्रोदय, भाग-4, पृ॰125 में भवत् (आप) शब्द का संबुद्धि (अर्थात् संबोधन) रूप भी दिया गया है । "भवत्" (आप) का स्त्रीलिंग रूप "भवती" है । अतः मेरा वक्तव्य सही है ।
--- नारायण प्रसाद

2015-04-03 16:42 GMT+05:30 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com>:

Abhay Tiwari

unread,
Apr 3, 2015, 7:44:06 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
तो फिर  "भवति भिक्षां देहि!" में यह शब्द कैसे प्रयोग में लाया जा रहा है? यह वाक्य तो बहुप्रसिद्ध वाक्य है! 

श्री हनुमानजी सदा सहाय

अजित वडनेरकर

unread,
Apr 3, 2015, 7:51:49 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
सम्मानसूचक स्त्रीवाची सम्बोधन रूप ही है। पिता से भवान् भिक्षां देहि कहा जाता है।

narayan prasad

unread,
Apr 3, 2015, 8:04:45 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
<<पिता से भवान् भिक्षां देहि कहा जाता है। >>

यहाँ "भवान्" तो प्रथमा विभक्ति में है, संबोधन में नहीं । संबोधन में ह्रस्व होकर "भवन्" रूप होता है । उसी तरह, भगवान् से "हे भगवन् !"

अजित वडनेरकर

unread,
Apr 3, 2015, 9:07:12 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
संस्कृत में अपन अंगूठा टेक हैं। आपके जैसी विद्वत्ता भी नहीं। हाँ जनेऊ करवाया है और अपने ही मौसा से करवाया है जो संस्कृत-ज्योतिषशास्त्र के उद्भट विद्वान हैं। उन्होंने ही बताया कि माँ के लिए भवती और पिता के लिए भवान उच्चारें। तब बचपन में पाँचवीं तक संस्कृत में पढ़े पाठ भी याद आ गए भवान किम् करोति/ भवान वदतु / कः भवान। जाहिर है ये सम्बोधन ही हैं।  

narayan prasad

unread,
Apr 3, 2015, 11:35:41 AM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
<<भवान किम् करोति/ भवान वदतु / कः भवान। जाहिर है ये सम्बोधन ही हैं।>>

संस्कृत में "भवान" नहीं, बल्कि "भवान्" लिखा जाता है ।
उपर्युक्त वाक्यों में "भवान्" प्रथमा विभक्त्यन्त हैं । मोटामोटी इसे कर्ताकारक (nominative case) कह सकते हैं, vocative case नहीं । संबोधन में "भवन्" रूप होता है ।

अजित वडनेरकर

unread,
Apr 3, 2015, 12:38:17 PM4/3/15
to shabdc...@googlegroups.com
मैं व्याकरण की नज़र से इस पर चर्चा करने की योग्यता नहीं रखता, आप पता नहीं क्यों उस दायरे मे देख रहे हैं जबकि यहाँ उसकी आवश्यकता नहीं थी। बहरहाल, मूल विषय के सन्दर्भ में स्त्री अर्थात माँ के लिए भवती और पिता के लिए भवान् उच्चारने की मुझे सलाह दी गई। यह जो भवान् या भवती है इसे व्याकरण में क्या कहते हैं, ये व्याकरणाचार्य जानें, मैं तो इसे ही सम्बोधन कहूँगा। क्योंकि उससे किसी व्यक्ति का बोध हो रहा है। यही मेरा तात्पर्य है। व्याकरण गलत ठहराना अभीष्ठ नहीं है। जो उदाहरण मैने दिए वे भी इसी आधार पर हैं। मैने पहले भी आपको गलत नहीं कहा, अब भी नहीं कह रहा।
तुम या आप के अर्थ में अगर भवान् प्रयुक्त हो रहा है तो इसे कर्ताकारक चाहे कहा जाए। जीवन व्यवहार में यह सम्बोधन है।

आराधना चतुर्वेदी

unread,
Apr 4, 2015, 8:52:33 PM4/4/15
to shabdc...@googlegroups.com
नारायण जी का कथन सही है. अभय जी ने जिस 'भवति' का उल्लेख किया है, वह 'भवत्' शब्द का संबोधन का रूप है, जिसका प्रथमा एकवचन में "भवती' होता है, किन्तु संबोधन में अंतिम स्वर दीर्घ से लघु हो जाता है, जैसे देवी का देवि. अतः भवत्' सर्वनाम शब्द है.
दूसरा 'भवति' क्रिया रूप है 'भू' धातु का- प्रथम पुरुष एकवचन

आराधना चतुर्वेदी

unread,
Apr 4, 2015, 9:00:25 PM4/4/15
to shabdc...@googlegroups.com
हाँ, एक और बात संस्कृत में एक जैसे दो रूप नहीं हो सकते. इसलिए 'भवती' को संस्कृत में 'भवति' नहीं कहा जा सकता. संबोधन में भी नहीं. लेकिन हिंदी में प्रयोग होता है. हम स्वयं जब हिंदी लिखते हैं तो बहुत से ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, जिन्हें संस्कृत में उचित नहीं माना जाता है.
Reply all
Reply to author
Forward
0 new messages