हृषीकेश

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Baljit Basi

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Mar 12, 2013, 7:05:10 PM3/12/13
to शब्द चर्चा
ऋषिकेश है या हृषीकेश? विष्णु के प्रसंग में इसके कई अर्थ मिलते हैं .
किसको सही माना जाये ?

बलजीत बासी

Sandeep Tiwari

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Mar 12, 2013, 7:18:14 PM3/12/13
to shabdc...@googlegroups.com
मैं कुछ पक्के तौर पर नहीं कह सकता परन्तु  ऋषिकेश का प्रयोग बहुत मिलता है और  मानक हिंदी  के अनुसार हृषिकेश या हृषीकेश सही नहीं है। मैं पूरी तरह से निश्चित नहीं हूं।

narayan prasad

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Mar 12, 2013, 8:32:35 PM3/12/13
to shabdc...@googlegroups.com
भगवद्गीता में हृषीकेश शब्द कई बार आया है, जैसे -

एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत।
सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्॥१:२४॥

उसी तरह देखें 11.36, 18.1 आदि ।

--- नारायण प्रसाद


2013/3/13 Sandeep Tiwari <thesa...@gmail.com>

अजित वडनेरकर

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Mar 13, 2013, 1:08:49 AM3/13/13
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बलजीत भाई,
हृषिकेश ही सही है। इस पर 2006 में शब्दों का सफ़र में विस्तार से लिखा था। वह आलेख अब ब्लॉग पर से भी गायब है। प्रकाशित अंश खोज कर आपको भेजता हूँ। वक्त दें तो फिर विस्तार से भेजता हूँ।

2013/3/13 narayan prasad <hin...@gmail.com>
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अजित

http://shabdavali.blogspot.com/
औरंगाबाद/भोपाल, 07507777230


  

Sheo S. Jaiswal

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Mar 13, 2013, 1:39:30 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
वही सवाल फिर सामने है--सही है या प्रचलन में है? प्रचलन में तो ऋषिकेश/ऋषीकेश ही ज्यादा है। भगवद्गीता में हृषीकेश के बार-बार प्रयोग की बात बताई गई है जो सही है।    

2013/3/13 अजित वडनेरकर <wadnerk...@gmail.com>



--
Dr. S. S. Jaiswal

Abhay Tiwari

unread,
Mar 13, 2013, 1:58:54 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
महाभारत में भी हृषीकेश ही मिलता है.. उद्योग पर्व में श्रीकृष्ण के नामों की निरुक्ति दी गई है.. इसी में कहा है कि वे हर्ष से युक्त होने के कारण हृषीक और सुख-ऐश्वर्य से सम्पन्न होने के कारण ईश कहे गए हैं.. इस प्रकार हृषीकेश... 

पर लोक में इन दोनों के बदले ऋषिकेश अधिक प्रचलित हैं, जैसा कि जैसवाल जी ने बताया..  

2013/3/13 Sheo S. Jaiswal <jais...@gmail.com>

अजित वडनेरकर

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Mar 13, 2013, 2:35:08 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
जायसवाल जी,
यहाँ मुद्दा प्रचलन वाला नहीं है। प्रश्न यह था कि सही शब्द क्या है। निरुक्ति के आधार पर बहुत सी चीज़े स्पष्ट होती हैं। उसके आधार पर अगर भाषा में, चलन में बदलाव आता है तो ठीक वरना शुद्ध और प्रचलित जैसी ज्यादा बेहतर दृष्टि तो मिलती ही है। गूढ़ व्याकरण के आधार पर सही ग़लत में से दोनो को ही न समझ पाते हुए, पंडितों पर एहसान की मुद्रा से यह बेहतर है कि शब्दों का सफ़र जाना जाए और बहती भाषा के साथ तैरा जाए:)

2013/3/13 Abhay Tiwari <abha...@gmail.com>

narayan prasad

unread,
Mar 13, 2013, 2:45:10 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
<<प्रचलन में तो ऋषिकेश/ऋषीकेश ही ज्यादा है। भगवद्गीता में हृषीकेश के बार-बार प्रयोग की बात बताई गई है जो सही है।>>

ऋषिकेश एक जगह का नाम है, जबकि हृषीकेश विष्णु / कृष्ण का एक नाम है ।


--- नारायण प्रसाद

2013/3/13 Sheo S. Jaiswal <jais...@gmail.com>

संजय | sanjay

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Mar 13, 2013, 2:50:37 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
ऋषिकेश. ऋषि की जटाओं से उपजा नाम?
ऋषि भी हृषि का बिगड़ा रूप है या अलग ही है. जैसे हृतिक का रितिक हुआ है :)  

2013/3/13 narayan prasad <hin...@gmail.com>
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संजय बेंगाणी | sanjay bengani । 9601430808

अजित वडनेरकर

unread,
Mar 13, 2013, 4:16:44 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
ऋषि के केश से कोई अर्थवत्ता नहीं उपजती। मैं अपने आलेख में इसे सिद्ध कर चुका हूँ।

2013/3/13 संजय | sanjay <sanjay...@gmail.com>



--

Baljit Basi

unread,
Mar 13, 2013, 7:54:53 AM3/13/13
to शब्द चर्चा
सभी का शुक्रिया . अजित जी के लेख की इन्न्त्ज़र रहेगी . मेरी दिलचस्पी
यह जानने में थी की क्या इसका हर्ष शब्द से संबंध है। मुझे लगता है की
इसका अर्थ 'खड़े वाल' है। अब चर्चा इस समूह में हो रही है तो अजित जी को
चाहिए सारा आलेख यहाँ ही रख दें . कोई नुक्ते विचारे जा सकते हैं।

Sheo S. Jaiswal

unread,
Mar 13, 2013, 8:08:15 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
"ऋषिकेश है या हृषीकेश? विष्णु के प्रसंग में इसके कई अर्थ मिलते  हैं .
किसको सही माना  जाये ?
"

"यहाँ मुद्दा प्रचलन वाला नहीं है। प्रश्न यह था कि सही शब्द क्या है।" 

 मैं मूल प्रश्न को सामने रखकर देख रहा हूँ. ऋषिकेश है या हृषीकेश-- किसको सही माना जाय? स्थान का नाम अथवा विष्णु/कृष्ण का नाम, यह नारायण प्रसाद जी द्वारा प्रश्न की परिधि बताई गई है. सम्भव है ऋषिकेश स्थान का नाम विष्णु/कृष्ण के नाम हृषीकेश पर पड़ा हो. लेकिन देवी-देवताओं के नाम पर स्थान के नाम का कोई और उदहारण तुरंत दिमाग में नहीं आ रहा है. स्थान के नाम तो खूब बदलते रहते हैं। थनेसर (स्थाणीश्वर) जैसे कई उदहारण मिल सकते हैं. अजित जी के विस्तृत आलेख के प्रकाश में बात ज्यादा समझ में आ सकती है.          



2013/3/13 अजित वडनेरकर <wadnerk...@gmail.com>
ऋषि के केश से कोई अर्थवत्ता नहीं उपजती। मैं अपने आलेख में इसे सिद्ध कर चुका हूँ।



--
Dr. S. S. Jaiswal

अजित वडनेरकर

unread,
Mar 13, 2013, 8:21:27 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
"देवी-देवताओं के नाम पर स्थान के नाम का कोई और उदहारण तुरंत दिमाग में नहीं आ रहा है"
लखनऊ (लक्ष्मणपुर), रामगढ़, रामनगर, रामकुईं, रामटेक आदि अनेक। बिशनपुर (विष्णुपुर)
पंढरपुर, हरिद्वार, हरद्वार, दुर्गापुर जैसे तत्काल ध्यान आ सकने वाले दर्जनों नाम हैं। सैकड़ों याद आ सकते हैं और हजारों खोजे जा सकते हैं इस
धर्मप्राण देश में:)

Sheo S. Jaiswal

unread,
Mar 13, 2013, 8:30:45 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
मेरा आशय ऋषिकेश जैसे नाम से था जो एक तरह से कृष्ण का पूरा नाम है. प्रस्तुत सभी उदाहरण भिन्न श्रेणी के हैं। इसलिए दिमाग में पर भी मैं कुछ और ढूंढ रहा था.  

Sheo S. Jaiswal

unread,
Mar 13, 2013, 8:32:04 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
इसलिए दिमाग में इनके आने पर भी मैं कुछ और ढूंढ रहा था.  

2013/3/13 Sheo S. Jaiswal <jais...@gmail.com>

Baljit Basi

unread,
Mar 13, 2013, 9:02:54 AM3/13/13
to शब्द चर्चा
हरयाणा, पंजाब, हिमाचल देवियों के स्थान नामों से भरा हुआ है: अम्बाला,
चंडीगढ़, कालका, चिन्तपुरनी, शिमला, मनसा,, जवालाजी ....... कितने नाम
गिनाएं

On 13 मार्च, 08:32, "Sheo S. Jaiswal" <jaiswa...@gmail.com> wrote:
> इसलिए दिमाग में इनके आने पर भी मैं कुछ और ढूंढ रहा था.
>

> 2013/3/13 Sheo S. Jaiswal <jaiswa...@gmail.com>


>
>
>
>
>
> > मेरा आशय ऋषिकेश जैसे नाम से था जो एक तरह से कृष्ण का पूरा नाम है. प्रस्तुत
> > सभी उदाहरण भिन्न श्रेणी के हैं। इसलिए दिमाग में पर भी मैं कुछ और ढूंढ रहा
> > था.
>

> > 2013/3/13 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>


>
> >> "देवी-देवताओं के नाम पर स्थान के नाम का कोई और उदहारण तुरंत दिमाग में
> >> नहीं आ रहा है"
> >>  लखनऊ (लक्ष्मणपुर), रामगढ़, रामनगर, रामकुईं, रामटेक आदि अनेक। बिशनपुर
> >> (विष्णुपुर)
> >> पंढरपुर, हरिद्वार, हरद्वार, दुर्गापुर जैसे तत्काल ध्यान आ सकने वाले
> >> दर्जनों नाम हैं। सैकड़ों याद आ सकते हैं और हजारों खोजे जा सकते हैं इस
> >> धर्मप्राण देश में:)
>

> >> 2013/3/13 Sheo S. Jaiswal <jaiswa...@gmail.com>


>
> >>> "ऋषिकेश है या हृषीकेश? विष्णु के प्रसंग में इसके कई अर्थ मिलते  हैं .
> >>> किसको सही माना  जाये ?"
>
> >>> "यहाँ मुद्दा प्रचलन वाला नहीं है। प्रश्न यह था कि सही शब्द क्या है।"
>
> >>>  मैं मूल प्रश्न को सामने रखकर देख रहा हूँ. ऋषिकेश है या हृषीकेश-- किसको
> >>> सही माना जाय? स्थान का नाम अथवा विष्णु/कृष्ण का नाम, यह नारायण प्रसाद जी
> >>> द्वारा प्रश्न की परिधि बताई गई है. सम्भव है ऋषिकेश स्थान का नाम विष्णु/कृष्ण
> >>> के नाम हृषीकेश पर पड़ा हो. लेकिन देवी-देवताओं के नाम पर स्थान के नाम का
> >>> कोई और उदहारण तुरंत दिमाग में नहीं आ रहा है. स्थान के नाम तो खूब बदलते रहते
> >>> हैं। थनेसर (स्थाणीश्वर) जैसे कई उदहारण मिल सकते हैं. अजित जी के विस्तृत
> >>> आलेख के प्रकाश में बात ज्यादा समझ में आ सकती है.
>

> >>>  2013/3/13 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>


>
> >>>> ऋषि के केश से कोई अर्थवत्ता नहीं उपजती। मैं अपने आलेख में इसे सिद्ध कर
> >>>> चुका हूँ।
>

> >>>> 2013/3/13 संजय | sanjay <sanjaybeng...@gmail.com>


>
> >>>>> ऋषिकेश. ऋषि की जटाओं से उपजा नाम?
> >>>>> ऋषि भी हृषि का बिगड़ा रूप है या अलग ही है. जैसे हृतिक का रितिक हुआ है
> >>>>> :)
>
> >>>>> 2013/3/13 narayan prasad <hin...@gmail.com>
>
> >>>>>> <<प्रचलन में तो ऋषिकेश/ऋषीकेश ही ज्यादा है। भगवद्गीता में हृषीकेश के
> >>>>>> बार-बार प्रयोग की बात बताई गई है जो सही है।>>
>
> >>>>>> ऋषिकेश एक जगह का नाम है, जबकि हृषीकेश विष्णु / कृष्ण का एक नाम है ।
>
> >>>>>> --- नारायण प्रसाद
>

> >>>>>> 2013/3/13 Sheo S. Jaiswal <jaiswa...@gmail.com>
>
> >>>>>>> वही सवाल फिर सामने है--*सही है या प्रचलन में है?* प्रचलन में तो


> >>>>>>> ऋषिकेश/ऋषीकेश ही ज्यादा है। भगवद्गीता में हृषीकेश के बार-बार प्रयोग की बात
> >>>>>>> बताई गई है जो सही है।
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संजय | sanjay

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Mar 13, 2013, 9:27:20 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
श्रीनगर भी तो लक्ष्मी के नाम से है. दक्षिण के भी बहुत से शहर देवी-देवताओं के नाम से है.
अगर रूद्र का अक्ष हो सकता है तो ऋषि के केश हो सकते है. नदी की धाराएं पहाड़ से उतरती है तब जटाओं जैसी लगती है तो उन्हें देख कर ऋषि की जटाएं कोई कह भी सकता है. कम से कम मैं कल्पना कर सकता हूँ. 

2013/3/13 Baljit Basi <balji...@yahoo.com>
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--
संजय बेंगाणी | sanjay bengani । 9601430808
छवि ब्रांड कंसलटींग
ए-511, स्मिता टावर, गुरूकुल रोड़,
मेमनगर , अहमदाबाद, गुजरात. 


Sheo S. Jaiswal

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Mar 13, 2013, 9:30:07 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
जी, धन्यवाद. 

2013/3/13 संजय | sanjay <sanjay...@gmail.com>
श्रीनगर भी तो लक्ष्मी के नाम से है. दक्षिण के भी बहुत से शहर देवी-देवताओं के नाम से है.



--
Dr. S. S. Jaiswal

eg

unread,
Mar 13, 2013, 9:40:09 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
महाभारत में विष्णु और केशव के हृषीकेश होने को ऐसे बताया गया है: 

हृषीकाणीन्द्रियाण्याहुस्तेषामीशो यतो भवान्
हृषीकेशस्ततो विष्णो ख्यातो देवेषु केशव। 

हृष् प्रसन्न और खड़े होने से सम्बन्धित है जैसे हृष्यंति रोमकूपानि, हृषितास्तनूरहा:। लिंग के खड़े होने के लिये भी इसका प्रयोग होता है। 
(सन्दर्भ - वामन शिवराम आप्टे का कोश) 


2013/3/13 Sheo S. Jaiswal <jais...@gmail.com>
जी, धन्यवाद. 

अजित वडनेरकर

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Mar 13, 2013, 9:41:33 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
त्र्यंबकेश्वर, जगन्नाथपुरी.

eg

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Mar 13, 2013, 9:51:53 AM3/13/13
to shabdc...@googlegroups.com
हृषीक = इन्द्रिय, ईश = स्वामी 
इन्द्रियों का स्वामी हृषीकेश कहलाता है जो विष्णु के लिये प्रयुक्त है। 

2013/3/13 eg <girij...@gmail.com>
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