छिनाल

3,853 views
Skip to first unread message

Ashutosh Kumar

unread,
Aug 2, 2010, 9:17:27 PM8/2/10
to शब्द चर्चा

आज कल इस पर खूब बवाल हो रहा है. देखें -
http://mohallalive.com/2010/08/02/textual-violence-by-vibhuti-inarayan-rai/
.सवाल है छिनाल केवल औरतें ही क्यों होतीं हैं ?मर्द क्यों नहीं होता ?
वह लफंगा , लम्पट और लुच्चा हो सकता है ,जो कोई ख़ास बात नहीं , लेकिन
छिनाल कभी नहीं ! इस शब्द की जन्मकुण्डली इस राज को कुछ रौशन कर सकती
है.

Arvind Mishra

unread,
Aug 2, 2010, 10:11:51 PM8/2/10
to शब्द चर्चा

छिनरा पुरुष भी तो है -जिसका चाल चलन /चरित्र ठीक न हो -गैर वैवाहिक
सम्बन्ध को लालायित रहता हो वह छिनाल और छिनरा है !
On Aug 3, 6:17 am, Ashutosh Kumar <ashuvand...@gmail.com> wrote:
>  आज कल इस पर खूब बवाल हो रहा है. देखें -http://mohallalive.com/2010/08/02/textual-violence-by-vibhuti-inaraya...

Rajendra Swarnkar

unread,
Aug 2, 2010, 10:30:49 PM8/2/10
to shabdc...@googlegroups.com
छिनाल शब्द को स्त्रीलिंग ही समझते-सुनते आए हैं …

राजेन्द्र स्वर्णकार

स्वागत है शस्वरं पर
http://shabdswarrang.blogspot.com


~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

2010/8/3 Arvind Mishra <drar...@gmail.com>

ई-स्वामी

unread,
Aug 2, 2010, 11:33:07 PM8/2/10
to shabdc...@googlegroups.com
एब्स्लोल्यूट तुक्का मार रहा हूं..
महिलाएं किसी भी चीज़ को त्यज्य बताते हुए छी: छी: छी: करती हैं.
छिनाल शायद छि:नार का अपभ्रंश हो गया हो.

बात जब शब्दों की ही हो रही है तो ये कह दूं कि जिस परिपेक्ष्य/घटनाक्रम में यह छिनाल शब्द इन दिनों हिन्दी मीडिया में प्रासंगिक हुआ है उस विषय में मुझे बस यह कहना है कि नारी मुक्ति के नाम पर स्वछंदता का ताण्डव करती महिलाओं के लिये इसके समानन्तर अंग्रेजी में "बिच्च" का खुल कर प्रयोग किया जाता रहा है - और वो मनोभाव की स्पष्ट अभिव्यक्ति है. नारीमुक्ति पर खुल कर/स्पष्टत: कुछ भी बोलना मतलब बर्र् के छत्ते में हाथ डालना है, लेकिन बिच्च के समानन्तर छिनाल शब्द का खडा किया जाना भदेसता की विजय पताका लग रहा है! जय हो! (याद रहे कि बात मात्र मनोभावों की अभिव्यक्ति की और उसके लिये सटीक शब्दों के चुनाव की हो रही है उनके सही/गलत/पुरुषप्रधान/स्त्रीविरोधी आदी होने का जजमेंट लिये बिना.)  वैसे भारत में ऐसे सांस्कृतिक आसार दिखने वाले हैं ये चेतावनी नाचीज़ नें २००८ में ही दे दी थी! सबकुछ आशानुरूप जा रहा है - अधोपतन कि दिशा में सीधा.


2010/8/2 Rajendra Swarnkar <swarnkar...@gmail.com>



--
http://hindini.com
http://hindini.com/eswami

Rangnath Singh

unread,
Aug 3, 2010, 12:39:02 AM8/3/10
to shabdc...@googlegroups.com
बीमार मस्तिष्कों को जल्द मानसिक स्वास्थ्य लाभ हो इसके लिए हमारी शुभकामनाएं।

On 8/3/10, ई-स्वामी <esw...@gmail.com> wrote:
> एब्स्लोल्यूट तुक्का मार रहा हूं..
> महिलाएं किसी भी चीज़ को त्यज्य बताते हुए छी: छी: छी: करती हैं.
> छिनाल शायद छि:नार का अपभ्रंश हो गया हो.
>
> बात जब शब्दों की ही हो रही है तो ये कह दूं कि जिस परिपेक्ष्य/घटनाक्रम में यह
> छिनाल शब्द इन दिनों हिन्दी मीडिया में प्रासंगिक हुआ है उस विषय में मुझे बस
> यह कहना है कि नारी मुक्ति के नाम पर स्वछंदता का ताण्डव करती महिलाओं के लिये
> इसके समानन्तर अंग्रेजी में "बिच्च" का खुल कर प्रयोग किया जाता रहा है - और वो
> मनोभाव की स्पष्ट अभिव्यक्ति है. नारीमुक्ति पर खुल कर/स्पष्टत: कुछ भी बोलना
> मतलब बर्र् के छत्ते में हाथ डालना है, लेकिन बिच्च के समानन्तर छिनाल शब्द का

> खडा किया जाना भदेसता की विजय पताका लग रहा है! जय हो! *(याद रहे कि बात मात्र


> मनोभावों की अभिव्यक्ति की और उसके लिये सटीक शब्दों के चुनाव की हो रही है

> उनके सही/गलत/पुरुषप्रधान/स्त्रीविरोधी आदी होने का जजमेंट लिये बिना.) *वैसे


> भारत में ऐसे सांस्कृतिक आसार दिखने वाले हैं ये चेतावनी नाचीज़ नें २००८ में ही

> दे दी थी <http://hindini.com/hindini/archives/149>! सबकुछ आशानुरूप जा रहा है


> - अधोपतन कि दिशा में सीधा.
>
>
> 2010/8/2 Rajendra Swarnkar <swarnkar...@gmail.com>
>
>> छिनाल शब्द को स्त्रीलिंग ही समझते-सुनते आए हैं …
>>
>> राजेन्द्र स्वर्णकार

>> *
>> *स्वागत है
>> <http://goog_832044529>*शस्वरं<http://shabdswarrang.blogspot.com>
>> *पर*
>> *http://shabdswarrang.blogspot.com

anil janvijay

unread,
Aug 3, 2010, 1:08:47 AM8/3/10
to shabdc...@googlegroups.com
छिनाल का उपयोग पुरुष ज़्यादा करते हैं और प्राय: घर की बहू-बेटियों पर ही इसका उपयोग करने से भी नहीं चूकते। सासें भी अपनी बहुओं को छिनाल कहती हैं । इसलिए छिनाल शब्द ज़्यादा सुनाई देता है । लेकिन भोजपुरी आदि भाषाओं में ’छिनार’ भी है जो पुरुष के लिए उपयोग में आता है । लेकिन छिनाल शब्द का मतलब तो गन्दी लड़की या ख़राब औरत से ही लगता रहा है । किसी भी रूप में इस शब्द का मतलब वेश्या कभी नहीं रहा है । पता नहीं, हिन्दी में यह नई प्रवृत्ति कहाँ से आ रही है कि किसी भी शब्द का ग़लत अर्थ निकाल कर उसे उछाल दो । छिनाल का भी लगभग वही मतलब है जो मलेच्छ का ।

2010/8/3 Rangnath Singh <rangna...@gmail.com>



--
anil janvijay
कृपया हमारी ये वेबसाइट देखें
www.kavitakosh.org
www.gadyakosh.org



Moscow, Russia
+7 495 422 66 89 ( office)
+7 916 611 48 64 ( mobile)

ravikant

unread,
Aug 3, 2010, 2:42:15 AM8/3/10
to shabdc...@googlegroups.com
पुरुष ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं, पर उनके लिए भी ख़ूब चलता है, बतौर गाली, और मगहीभाषी
महिलाएँ व पुरुष दोनों के मुँह से मैंने सुनी है ये गाली. कई बार इंसान अपने लिए भी, मतलब
अपनी मासूमियत सिद्ध करने के लिए ये पूछता देखा जा सकता है: 'हम कोय चोर-छिनार हिऐ
की? (मतलब, हम कोई चोर-छिनार नहीं हैं!) 'छिनरपन' या 'छिनरपाना' 'विशेषण/संज्ञा
भी लिंग-निरपेक्ष हैं।

अंग्रेज़ी वाली 'बिच्च'(कुतिया), ज़्यादा खुली गाली है और इसके सेक्शुअल अभिप्राय हों, ज़रूरी
नहीं। पीठ-पीछे 'पर-निंदा' को बिचिंग तो कहते ही हैं।

रविकान्त

anil janvijay wrote:
> छिनाल का उपयोग पुरुष ज़्यादा करते हैं और प्राय: घर की बहू-बेटियों पर ही इसका
> उपयोग करने से भी नहीं चूकते। सासें भी अपनी बहुओं को छिनाल कहती हैं । इसलिए छिनाल
> शब्द ज़्यादा सुनाई देता है । लेकिन भोजपुरी आदि भाषाओं में ’छिनार’ भी है जो पुरुष के
> लिए उपयोग में आता है । लेकिन छिनाल शब्द का मतलब तो गन्दी लड़की या ख़राब औरत से
> ही लगता रहा है । किसी भी रूप में इस शब्द का मतलब वेश्या कभी नहीं रहा है । पता
> नहीं, हिन्दी में यह नई प्रवृत्ति कहाँ से आ रही है कि किसी भी शब्द का ग़लत अर्थ
> निकाल कर उसे उछाल दो । छिनाल का भी लगभग वही मतलब है जो मलेच्छ का ।
>
> 2010/8/3 Rangnath Singh <rangna...@gmail.com

> <mailto:rangna...@gmail.com>>


>
> बीमार मस्तिष्कों को जल्द मानसिक स्वास्थ्य लाभ हो इसके लिए हमारी शुभकामनाएं।
>

> On 8/3/10, ई-स्वामी <esw...@gmail.com <mailto:esw...@gmail.com>> wrote:
> > एब्स्लोल्यूट तुक्का मार रहा हूं..
> > महिलाएं किसी भी चीज़ को त्यज्य बताते हुए छी: छी: छी: करती हैं.
> > छिनाल शायद छि:नार का अपभ्रंश हो गया हो.
> >
> > बात जब शब्दों की ही हो रही है तो ये कह दूं कि जिस परिपेक्ष्य/घटनाक्रम में यह
> > छिनाल शब्द इन दिनों हिन्दी मीडिया में प्रासंगिक हुआ है उस विषय में मुझे बस
> > यह कहना है कि नारी मुक्ति के नाम पर स्वछंदता का ताण्डव करती महिलाओं के लिये
> > इसके समानन्तर अंग्रेजी में "बिच्च" का खुल कर प्रयोग किया जाता रहा है - और वो
> > मनोभाव की स्पष्ट अभिव्यक्ति है. नारीमुक्ति पर खुल कर/स्पष्टत: कुछ भी बोलना
> > मतलब बर्र् के छत्ते में हाथ डालना है, लेकिन बिच्च के समानन्तर छिनाल शब्द का
> > खडा किया जाना भदेसता की विजय पताका लग रहा है! जय हो! *(याद रहे कि
> बात मात्र
> > मनोभावों की अभिव्यक्ति की और उसके लिये सटीक शब्दों के चुनाव की हो रही है
> > उनके सही/गलत/पुरुषप्रधान/स्त्रीविरोधी आदी होने का जजमेंट लिये बिना.) *वैसे
> > भारत में ऐसे सांस्कृतिक आसार दिखने वाले हैं ये चेतावनी नाचीज़ नें २००८ में ही
> > दे दी थी <http://hindini.com/hindini/archives/149>! सबकुछ आशानुरूप
> जा रहा है
> > - अधोपतन कि दिशा में सीधा.
> >
> >
> > 2010/8/2 Rajendra Swarnkar <swarnkar...@gmail.com

> <mailto:swarnkar...@gmail.com>>


> >
> >> छिनाल शब्द को स्त्रीलिंग ही समझते-सुनते आए हैं …
> >>
> >> राजेन्द्र स्वर्णकार
> >> *
> >> *स्वागत है
> >> <http://goog_832044529>*शस्वरं<http://shabdswarrang.blogspot.com>
> >> *पर*
> >> *http://shabdswarrang.blogspot.com
> >>
> >> ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
> >>
> >> 2010/8/3 Arvind Mishra <drar...@gmail.com

> <mailto:drar...@gmail.com>>


> >>
> >>
> >>> छिनरा पुरुष भी तो है -जिसका चाल चलन /चरित्र ठीक न हो -गैर वैवाहिक
> >>> सम्बन्ध को लालायित रहता हो वह छिनाल और छिनरा है !
> >>> On Aug 3, 6:17 am, Ashutosh Kumar <ashuvand...@gmail.com

> <mailto:ashuvand...@gmail.com>> wrote:
> >>> > आज कल इस पर खूब बवाल हो रहा है. देखें -
> >>>
> http://mohallalive.com/2010/08/02/textual-violence-by-vibhuti-inaraya...
> >>> > .सवाल है छिनाल केवल औरतें ही क्यों होतीं हैं ?मर्द क्यों नहीं होता ?
> >>> > वह लफंगा , लम्पट और लुच्चा हो सकता है ,जो कोई ख़ास बात नहीं , लेकिन
> >>> > छिनाल कभी नहीं ! इस शब्द की जन्मकुण्डली इस राज को कुछ रौशन कर सकती
> >>> > है.
> >>>
> >>
> >>
> >
> >
> > --
> > http://hindini.com
> > http://hindini.com/eswami
> >
>
>
>
>
> --
> anil janvijay
> कृपया हमारी ये वेबसाइट देखें

> www.kavitakosh.org <http://www.kavitakosh.org>
> www.gadyakosh.org <http://www.gadyakosh.org>

अजित वडनेरकर

unread,
Aug 3, 2010, 2:43:07 AM8/3/10
to shabdc...@googlegroups.com
साथियों,
करीब दो साल पहले छिनाल पर
शब्दों का सफर में पोस्ट लिखी जा चुकी है।

देखें यहां
1. छिनाल का जन्म
इस शब्द की छूटी हुई कड़ियों पर बोधिभाई ने भी एक दिलचस्प पोस्ट अपनी विनय पत्रिका में लिखी थी-

2. कौन बनाता है छिनाल


2010/8/3 anil janvijay <anilja...@gmail.com>



--
शुभकामनाओं सहित
अजित
http://shabdavali.blogspot.com/

अफ़लातून Aflatoon

unread,
Aug 3, 2010, 12:20:55 PM8/3/10
to शब्द चर्चा
मेरी जानकारी में”छिनरा ’ अथवा ’छिनरो के ’ का प्रयोग छिनाल पुत्र के लिए
है ,छिनाल के गुण वाले पुरुष के लिए नहीं। ’पुरुष तो कांसे का लोटा
है,माँज दो,सही हो जाता है ’।

On Aug 3, 11:43 am, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
> *साथियों,


> करीब दो साल पहले छिनाल पर
> शब्दों का सफर में पोस्ट लिखी जा चुकी है।
>
> देखें यहां

> **1. छिनाल का जन्म<http://shabdavali.blogspot.com/2008/06/blog-post_18.html>


> इस शब्द की छूटी हुई कड़ियों पर बोधिभाई ने भी एक दिलचस्प पोस्ट अपनी विनय
> पत्रिका में लिखी थी-
>
> 2. कौन बनाता है

> छिनाल<http://vinay-patrika.blogspot.com/2008/06/blog-post_18.html>
> *
>
> 2010/8/3 anil janvijay <aniljanvi...@gmail.com>


>
>
>
> > छिनाल का उपयोग पुरुष ज़्यादा करते हैं और प्राय: घर की बहू-बेटियों पर ही इसका
> > उपयोग करने से भी नहीं चूकते। सासें भी अपनी बहुओं को छिनाल कहती हैं । इसलिए
> > छिनाल शब्द ज़्यादा सुनाई देता है । लेकिन भोजपुरी आदि भाषाओं में ’छिनार’ भी है
> > जो पुरुष के लिए उपयोग में आता है । लेकिन छिनाल शब्द का मतलब तो गन्दी लड़की या
> > ख़राब औरत से ही लगता रहा है । किसी भी रूप में इस शब्द का मतलब वेश्या कभी नहीं
> > रहा है । पता नहीं, हिन्दी में यह नई प्रवृत्ति कहाँ से आ रही है कि किसी भी
> > शब्द का ग़लत अर्थ निकाल कर उसे उछाल दो । छिनाल का भी लगभग वही मतलब है जो
> > मलेच्छ का ।
>

> > 2010/8/3 Rangnath Singh <rangnathsi...@gmail.com>

> >> > 2010/8/2 Rajendra Swarnkar <swarnkarrajen...@gmail.com>


>
> >> >> छिनाल शब्द को स्त्रीलिंग ही समझते-सुनते आए हैं …
>
> >> >> राजेन्द्र स्वर्णकार
> >> >> *
> >> >> *स्वागत है
> >> >> <http://goog_832044529>*शस्वरं<http://shabdswarrang.blogspot.com>
> >> >> *पर*
> >> >> *http://shabdswarrang.blogspot.com
>
> >> >> ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
>

> >> >> 2010/8/3 Arvind Mishra <drarvi...@gmail.com>

सतीश पंचम

unread,
Aug 3, 2010, 9:41:00 PM8/3/10
to शब्द चर्चा
छिनाल का ही समानार्थी शब्द लग रहा है - 'पूँछउठावन' अबकी गाँव जाने पर
यह शब्द एक शख्स के मुँह से सुना था।


On Aug 3, 9:20 pm, अफ़लातून Aflatoon <aflat...@gmail.com> wrote:
> मेरी जानकारी में”छिनरा ’ अथवा ’छिनरो के ’ का प्रयोग छिनाल पुत्र के लिए
> है ,छिनाल के गुण वाले पुरुष के लिए नहीं। ’पुरुष तो कांसे का लोटा
> है,माँज दो,सही हो जाता है ’।
>
> On Aug 3, 11:43 am, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
>
>
>
> > *साथियों,
> > करीब दो साल पहले छिनाल पर
> > शब्दों का सफर में पोस्ट लिखी जा चुकी है।
>
> > देखें यहां
> > **1. छिनाल का जन्म<http://shabdavali.blogspot.com/2008/06/blog-post_18.html>
> > इस शब्द की छूटी हुई कड़ियों पर बोधिभाई ने भी एक दिलचस्प पोस्ट अपनी विनय
> > पत्रिका में लिखी थी-
>
> > 2. कौन बनाता है
> > छिनाल<http://vinay-patrika.blogspot.com/2008/06/blog-post_18.html>
> > *
>
> > 2010/8/3 anil janvijay <aniljanvi...@gmail.com>
>

> > > छिनाल का उपयोग पुरुष ज़्यादा करते हैं और प्राय: घर की बहू-बेटियों पर ही इसका


> > > उपयोग करने से भी नहीं चूकते। सासें भी अपनी बहुओं को छिनाल कहती हैं । इसलिए

> > > छिनाल शब्द ज़्यादा सुनाई देता है । लेकिन भोजपुरी आदि भाषाओं में ’छिनार’ भी है
> > > जो पुरुष के लिए उपयोग में आता है । लेकिन छिनाल शब्द का मतलब तो गन्दी लड़की या
> > > ख़राब औरत से ही लगता रहा है । किसी भी रूप में इस शब्द का मतलब वेश्या कभी नहीं


> > > रहा है । पता नहीं, हिन्दी में यह नई प्रवृत्ति कहाँ से आ रही है कि किसी भी

> > > शब्द का ग़लत अर्थ निकाल कर उसे उछाल दो । छिनाल का भी लगभग वही मतलब है जो


> > > मलेच्छ का ।
>
> > > 2010/8/3 Rangnath Singh <rangnathsi...@gmail.com>
>
> > > बीमार मस्तिष्कों को जल्द मानसिक स्वास्थ्य लाभ हो इसके लिए हमारी शुभकामनाएं।
>
> > >> On 8/3/10, ई-स्वामी <esw...@gmail.com> wrote:
> > >> > एब्स्लोल्यूट तुक्का मार रहा हूं..

> > >> > महिलाएं किसी भी चीज़ को त्यज्य बताते हुए छी: छी: छी: करती हैं.


> > >> > छिनाल शायद छि:नार का अपभ्रंश हो गया हो.
>
> > >> > बात जब शब्दों की ही हो रही है तो ये कह दूं कि जिस परिपेक्ष्य/घटनाक्रम
> > >> में यह
> > >> > छिनाल शब्द इन दिनों हिन्दी मीडिया में प्रासंगिक हुआ है उस विषय में मुझे
> > >> बस
> > >> > यह कहना है कि नारी मुक्ति के नाम पर स्वछंदता का ताण्डव करती महिलाओं के
> > >> लिये
> > >> > इसके समानन्तर अंग्रेजी में "बिच्च" का खुल कर प्रयोग किया जाता रहा है -
> > >> और वो
> > >> > मनोभाव की स्पष्ट अभिव्यक्ति है. नारीमुक्ति पर खुल कर/स्पष्टत: कुछ भी
> > >> बोलना
> > >> > मतलब बर्र् के छत्ते में हाथ डालना है, लेकिन बिच्च के समानन्तर छिनाल शब्द
> > >> का
> > >> > खडा किया जाना भदेसता की विजय पताका लग रहा है! जय हो! *(याद रहे कि बात
> > >> मात्र
> > >> > मनोभावों की अभिव्यक्ति की और उसके लिये सटीक शब्दों के चुनाव की हो रही है
> > >> > उनके सही/गलत/पुरुषप्रधान/स्त्रीविरोधी आदी होने का जजमेंट लिये बिना.)
> > >>  *वैसे

> > >> > भारत में ऐसे सांस्कृतिक आसार दिखने वाले हैं ये चेतावनी नाचीज़ नें २००८

दिनेशराय द्विवेदी

unread,
Aug 3, 2010, 10:15:37 PM8/3/10
to shabdc...@googlegroups.com
सतीश जी गावों के लोगों के पास जब समय होता है तो शब्दों के नए प्रयोग करते हैं और नए शब्द गढ़ते हैं और उन्हें प्रचलन में भी ले आते हैं।

2010/8/4 सतीश पंचम <satish...@gmail.com>



--
दिनेशराय द्विवेदी, कोटा, राजस्थान, भारत
Dineshrai Dwivedi, Kota, Rajasthan,
क्लिक करें, पढ़ें ...
अनवरत
तीसरा खंबा


Abha Mishra

unread,
Aug 3, 2010, 11:04:10 PM8/3/10
to shabdc...@googlegroups.com
बहुत सुन्दर ,यह बात तो एक बनारसी ही कह सकता है -'पुरूष तो कांसे का
लोटा है, माज दो ,सही हो जाता है'।

2010/8/3 अफ़लातून Aflatoon <afla...@gmail.com>:

--
aabha
mumbai-67

Rangnath Singh

unread,
Aug 4, 2010, 12:02:52 AM8/4/10
to shabdc...@googlegroups.com
आभा जी,ऐसा न कहे, सारे बनारसी फतून ही नहीं होते :-)

अविनाश वाचस्पति

unread,
Aug 4, 2010, 12:14:29 AM8/4/10
to shabdc...@googlegroups.com
मर्द वाला भला कैसे हो सकता है छिनाल
वो तो सदा से ही है छीननेवाला
उसे कह सकते हो छिनाला
सादर

2010/8/4 Rangnath Singh <rangna...@gmail.com>
आभा जी,ऐसा न कहे, सारे बनारसी फतून ही नहीं होते :-)

On 8/4/10, Abha Mishra <apna...@gmail.com> wrote:
> बहुत सुन्दर ,यह बात तो एक बनारसी ही कह सकता है -'पुरूष तो कांसे का
> लोटा है, माज दो ,सही हो जाता है'।
>
> 2010/8/3 अफ़लातून Aflatoon <afla...@gmail.com>:

>> मेरी जानकारी में”छिनरा ’ अथवा ’छिनरो के ’ का प्रयोग छिनाल पुत्र के लिए
>> है ,छिनाल के गुण वाले पुरुष के लिए नहीं। ’पुरुष तो कांसे का लोटा
>> है,माँज दो,सही हो जाता है ’।
>>
>> On Aug 3, 11:43 am, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
>>> *साथियों,
>>> करीब दो साल पहले छिनाल पर
>>> शब्दों का सफर में पोस्ट लिखी जा चुकी है।
>>>
>>> देखें यहां
>>> **1. छिनाल का
>>> जन्म<http://shabdavali.blogspot.com/2008/06/blog-post_18.html>
>>> इस शब्द की छूटी हुई कड़ियों पर बोधिभाई ने भी एक दिलचस्प पोस्ट अपनी विनय
>>> पत्रिका में लिखी थी-
>>>
>>> 2. कौन बनाता है
>>> छिनाल<http://vinay-patrika.blogspot.com/2008/06/blog-post_18.html>
>>> *
>>>
>>> 2010/8/3 anil janvijay <aniljanvi...@gmail.com>
>>>
>>>
>>>
>>> > छिनाल का उपयोग पुरुष ज़्यादा करते हैं और प्राय: घर की बहू-बेटियों पर ही

>>> > इसका
>>> > उपयोग करने से भी नहीं चूकते। सासें भी अपनी बहुओं को छिनाल कहती हैं ।
>>> > इसलिए
>>> > छिनाल शब्द ज़्यादा सुनाई देता है । लेकिन भोजपुरी आदि भाषाओं में ’छिनार’

>>> > भी है
>>> > जो पुरुष के लिए उपयोग में आता है । लेकिन छिनाल शब्द का मतलब तो गन्दी
>>> > लड़की या
>>> > ख़राब औरत से ही लगता रहा है । किसी भी रूप में इस शब्द का मतलब वेश्या कभी

>>> > नहीं
>>> > रहा है । पता नहीं, हिन्दी में यह नई प्रवृत्ति कहाँ से आ रही है कि किसी
>>> > भी
>>> > शब्द का ग़लत अर्थ निकाल कर उसे उछाल दो । छिनाल का भी लगभग वही मतलब है जो

>>> > मलेच्छ का ।
>>>
>>> > 2010/8/3 Rangnath Singh <rangnathsi...@gmail.com>
>>>
>>> > बीमार मस्तिष्कों को जल्द मानसिक स्वास्थ्य लाभ हो इसके लिए हमारी
>>> > शुभकामनाएं।
>>>
>>> >> On 8/3/10, ई-स्वामी <esw...@gmail.com> wrote:
>>> >> > एब्स्लोल्यूट तुक्का मार रहा हूं..
>>> >> > महिलाएं किसी भी चीज़ को त्यज्य बताते हुए छी: छी: छी: करती हैं.
>>> >> > भारत में ऐसे सांस्कृतिक आसार दिखने वाले हैं ये चेतावनी नाचीज़ नें

अफ़लातून Aflatoon

unread,
Aug 4, 2010, 9:30:11 PM8/4/10
to शब्द चर्चा
@ रंगनाथ ,
सच,सारे बनारसी फतून नहीं हो सकते ।
आभा द्वारा उद्धृत बात मैंने भी उद्धृत की है, कही नहीं है ।

On Aug 4, 9:02 am, Rangnath Singh <rangnathsi...@gmail.com> wrote:
> आभा जी,ऐसा न कहे, सारे बनारसी फतून ही नहीं होते :-)
>

> On 8/4/10, Abha Mishra <apnaag...@gmail.com> wrote:
>
> > बहुत सुन्दर ,यह बात तो एक बनारसी ही कह सकता है -'पुरूष तो कांसे का
> > लोटा है, माज दो ,सही हो जाता है'।
>

> > 2010/8/3 अफ़लातून Aflatoon <aflat...@gmail.com>:

Rangnath Singh

unread,
Aug 5, 2010, 12:20:18 AM8/5/10
to shabdc...@googlegroups.com
जानकर खुशी हुई। :-)
Reply all
Reply to author
Forward
0 new messages