देदीप्यमान

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vishal srivastava

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Jun 15, 2022, 7:25:55 AM6/15/22
to शब्द चर्चा
देदीप्यमान या दैदीप्यमान
किसकी वर्तनी सही है और क्यों ?
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पीयूष ओझा

unread,
Jul 11, 2022, 7:01:23 PM7/11/22
to शब्द चर्चा
              

वामन शिवराम आप्टे के संस्कृत-हिन्दी कोश के अनुसार दीप् धातु में क्रमश: यङ् और शानच् प्रत्यय लगकर देदीप्यमान बनता है. इसके नियम आपको डा. बाबूराम सक्सेना की पुस्तक 'संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका' के सेक्शन 159 और 175 मिल जाएँगे। (मेरे लिए ये नियम समझना कठिन है।)

पुस्तक archive.org पर उपलब्ध है: https://archive.org/details/lkfN_sanskrit-vyakaran-praveshika-by-baburam-saksena-national-press-prayag

Narayan Prasad

unread,
Jul 11, 2022, 8:20:03 PM7/11/22
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>देदीप्यमान या दैदीप्यमान
>किसकी वर्तनी सही है और क्यों ?
>

"देदीप्यमान" शब्द सही है।

पाणिनिसूत्र 7.4.82 "गुणो यङ्लुकोः" से दीप् धातु के अभ्यास को गुण होता है।
image.png
यङ् प्रत्यय लगने पर धातु को द्वित्व होता है, जिसमें से पहले को अभ्यास कहते हैं।

दीप् दीप् यङ् शानच्

अभ्यास दीप् को गुण होकर देप् हो जाता है।
अ, ए, ओ - इन तीन वर्णों को गुण कहते हैं।

सूत्र 7.4.60 "हलादि शेषः" से अभ्यास का पहला हल् (व्यञ्जन) दकार शेष रहता है, प् का लोप हो जाता है।


-- नारायण प्रसाद
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