मित्रगण,
प्राचीन भारत में समाज का वर्गीकरण काम-धंधों के आधार पर होता था।
लोहे का काम करने वाला- लुहार
कुम्भ (घड़े) बनाने वाला -कुम्भकार या कुम्हार
इसी प्रकार सुनार, सुथार, आदि शब्द बने।
लेकिन ठठेरा शब्द कैसे बना? शायद बरतन बनाते समय होने वाली ठक-ठक से?
क्या आप इस पर प्रकाश डालेंगे?
सादर,
विनोद शर्मा