ऋषभ का अर्थ बैल नहीं साँड होना चाहिए. जो शक्ति का प्रतिक है. नंदी बैल था.
दुसरी ओर जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान ऋषभ (भारतीय संस्कृति से द्वैष या अज्ञान जो भी समझे, वाम इतिहासकार जैन धर्म का प्रवर्तक महावीर को बताते रहे है) को खेती व पशुपालन का प्रवर्तक भी माना जाता है. इस हिसाब से बैल के साथ उनकी तुलना या उसी से उनका नाम पड़ा हुआ हो सकता है. इस तरह ऋषभ बैल भी हो सकता है.
जहाँ तक मुझे याद है पाली भाषा में ऋषभ के लिए उभमं जैसा शब्द है. जो ध्वनी में ऋषभ के आस-पास है. ऐसे में ऋषि तथा उभम शब्दों को खंगालना चाहिए. यह युति लग रहे हैं.
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संजय बेंगाणी | sanjay benganiछवि मीडिया एण्ड कॉम्यूनिकेशनए-507, स्मिता टावर, गुरूकुल रोड़,
मेमनगर
, अहमदाबाद, गुजरात.