आमंत्रण - निमंत्रण

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संजय | sanjay

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May 19, 2015, 8:41:04 AM5/19/15
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आमंत्रण  व निमंत्रण में क्या भेद है? 

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संजय बेंगाणी | sanjay bengani । 9601430808



Sanjeet

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May 19, 2015, 8:58:12 AM5/19/15
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November 2012 me is mudde par charcha aapne hi shuru ki thi aur wadnerkarji ne jawab diya tha...ye link dekhein

https://groups.google.com/forum/m/#!topic/shabdcharcha/TjpC0Dodbfg

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अजित वडनेरकर

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May 19, 2015, 9:01:19 AM5/19/15
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एक चर्चासूत्र में नारायणप्रसाद  जी ने लिखा था-
पाणिनीय सूत्र में आमन्त्रण और निमन्त्रण दोनों शब्दों का प्रयोग हुआ है । इसकी टीका में इन दोनों में अन्तर बताया गया है । 
= नियतरूपेण आह्वानं, नियोगकरणम् । आमन्त्रणम् = कामचारेण आह्वानम् आगच्छेत् वा न वा । 
अर्थात् निमन्त्रण का प्रयोग तब किया जाता है जब निमन्त्रित व्यक्ति का आना आवश्यक या कर्तव्य समझा जाता है ।
आमन्त्रण = कामचार से बुलाना, आवे या न आवे ।

संजय | sanjay

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May 19, 2015, 9:14:00 AM5/19/15
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अजितजी, आपका आभार. 
संजीतजी, भूल गया था कि पहले भी यह प्रश्न कर चुका हूँ. 

Suresh Mishra

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May 19, 2015, 10:12:18 PM5/19/15
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बहुत दिनों बाद आपकी बातचीत दिखी।  अच्छा यहाँ बताइये की कमरा विदेशी (पोर्तुगीस ) शब्दों से हिन्दी मैं आया है या कही और से. 

2015-05-19 18:31 GMT+05:30 अजित वडनेरकर <wadnerk...@gmail.com>:

अजित वडनेरकर

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May 20, 2015, 2:30:26 AM5/20/15
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यह पोस्ट करीब पाँच साल पुरानी है। कुछ सुधार की गुंजाइश है। व्युत्पत्ति सम्बन्धी काम में अन्तिम कुछ नहीं होता। सुधार और शोध लगातार चलती रहने वाली प्रक्रिया है। 

Monday, December 27, 2010

कॉमरेड का कमरा और कम्पनी

abook-002_thumb1दिल्ली के प्रगति मैदान में शनिवार से पुस्तक मेला शुरू हो चुका है। सफ़र के जो पाठक इस मौके पर वहाँ जाने की सोच रहे हैं, वे कृपया राजकमल प्रकाशन के स्टाल पर ज़रूर जाएं और शब्दों का सफ़र के प्रकाशित क़िताबी रूप को भी ज़रूर देखें। हो सके तो ख़रीदें भी।
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कॉ मरेड शब्द का शुमार भी उन शब्दों मे होता है जो विदेशी मूल से उठकर हिन्दी मे समा गए हैं। मोटे तौर पर कॉमरेड का अर्थ होता है साथी। कॉमरेड के दायरे में मित्र, सहचर, संगी यानी जो साथ रहे या साथ चले, सब आ जाते हैं। कॉमरेड में साथ रहने का भाव महत्वपूर्ण है। हिन्दी समेत दुनियाभर की भाषाओं में अब कॉमरेड साम्यवादी विचारधारी से जुड़ी शब्दावली का हिस्सा है कॉमरेड यानी ग़रीबों, किसानों, शोषितों, वंचितों, मेहनतकशों और सर्वहारा वर्ग का साथी। उनके हित में लड़नेवाला, उनके साथ संघर्ष के मोर्चे पर सबसे आगे खड़ा रहनेवाला दोस्त, हमदम, हमदर्द, रहनुमा ही कामरेड है। साम्यवादी विचारधारा के लोग एक दूसरे से कामरेड सम्बोधन के साथ ही संवाद स्थापित करते हैं।  अंग्रेजी का कॉम्पैनियन शब्द भी संगी, साथी या सहचर का भाव व्यक्त करता है। हालाँकि बोलचाल की हिन्दी में यह शब्द आम नहीं है अलबत्ता शहराती हिन्दी में अंग्रेजीदाँ लोगों की ज़बान से झरती हिंग्लिश का हिस्सा यह शब्द बन चुका है। कॉमरेड और कॉम्पैनियन के मूल में लैटिन है मगर अरबी और संस्कृत मूल से भी इनकी रिश्तेदारी है। जानते है इनकी हकीक़त क्या है।
रूम मेट या चैम्बर मेट शब्दों का जो अर्थ है वही किसी ज़माने में कॉमरेड शब्द का भी अर्थ था यानी कमरे में साथ साथ रहनेवाला। अंग्रेजी में कॉमरेड शब्द मध्यकालीन फ्रैंच शब्द केमेरादे camarade का रूपान्तर है। फ्रैंच में यह स्पैनी भाषा के कामारेडा camarada से आया है जिसका मूल है लैटिन का कैमेरा camera जिसका मतलब है छोटा कक्ष, मेहराब, कमानीदार या तोरण जैसी रचना जिस पर छत टिकी होती है। इसी मूल से निकला है कक्ष, कोठरी के अर्थ में कमरा शब्द। फोटो खींचनेवाले उपकरण को भी कैमेरा ही कहते हैं क्योंकि इसके भीतर भी कक्ष ही होता है। फ्रैंच का चैम्बर CHAMBER का रिश्ता भी इस सिलसिले से है। हिन्दी में रचा – बसा कमरा दरअसल हिन्दी का नहीं है। भाषाविज्ञानी इसकी आमद पुर्तगाली से मानते है मगर आधुनिक पोर्चगीज़ में कमरा शब्द का उल्लेख स्पष्ट रूप से नहीं मिलता। हो सकता है पाँच सदी पहले जब पुर्तगालियों की इस सरज़मीं पर आमद हुई हो तब देशज रूप में कक्ष या कोठरी के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा हो। कमरा शब्द चाहे यूरोपीयों की देन हो मगर यह है इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार का शब्द और इससे मिलते-जुलते शब्द हिन्दी और उसकी पड़ौसी ईरानी शाखा में साफ़ दिखते हैं।
ग्रीक भाषा का एक शब्द है kamara यानी कमरा जिसका मतलब था छोटा, बंद कक्ष। लैटिन में इसका रूप हुआ camera यानी कैमरा मतलब तब भी वही रहा। ग्रीक और लैटिन से होते हुए पुर्तगाली में इस शब्द ने फिर kamara का देशज रूप लिया होगा। बहरहाल, छवियाँ लेने वाले उपकरण के तौर पर कैमरा शब्द लैटिन भाषा के कैमरा ऑब्स्क्योरा जिसका मतलब होता है अंधेरा कक्ष, के संक्षिप्त रूप में सामने आया। पुराने ज़माने के कैमरे किसी कोठरी से कम नहीं होते थे और उनके नामकरण के पीछे यही वजह थी। मूलतः ग्रीक शब्द kamara बना है इंडो-यूरोपीय धातु kam से जिसका मतलब होता है महराब, वक्र, कोना, झुका हुआ वगैरह।  उर्दू फारसी का एक शब्द है ख़म जो इसी श्रंखला से जुड़ा है, जिसका मतलब भी वक्रता, टेढ़ापन, झुकाव ही होता है। पुराने ज़माने के मकानों में छत दोनो तरफ से ढलुआं होती थी क्योंकि बीच में खम देना ज़रूरी होता था। पेचोख़म शब्द भी हिन्दी में खूब इस्तेमाल होता है। गौर करें संस्कृत की कुट् धातु पर। kam से ध्वनिसाम्य वाली इस धातु में भी वक्रता, झुकाव का भाव है जो छप्पर डालने पर आता है। जाहिर है कुटि, कुटीर या
ancient-burial-chamberएक तरफ़ जब कम्पनी जैसी व्यवस्था जन्म ले रही थी, तभी उस व्यवस्था से लड़ने के लिए कॉमरेड जैसा शब्द भी नया चोला पहन कर तैयार हो रहा था। फिर चाहे ये दोनों शब्द एक ही कोख से चाहे क्यों न जन्में हों। कम्पनी और कॉमरेड की लड़ाई जारी है। हालाँकि अब काफी हद तक यह नूराकुश्ती में तब्दील हो गई है।
कुटिया जैसे शब्द इससे बन गए जो कक्ष, कमरा या कोठी के पर्याय है। इन शब्दों का अंतर्संबंध यहां स्पष्ट हो रहा है और विकासक्रम के साथ इनकी रचना प्रक्रिया भी उजागर हो रही है। लैटिन camera का फ्रैंच रूप हुआ chamber यानी चैम्बर जिसका मतलब भी छोटा कमरा या न्यायाधीश का कक्ष था। अब तो चैम्बर के कई तरह से प्रयोग होने लगे हैं।
कुछ अन्य शब्द भी q-a-m क़ अ म धातु मूल से ही निकले हैं। जैसे क़ियाम जिसे हिन्दी में कयाम के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। क़ियाम शब्द में अस्थायी निवास, रहना, थोड़े दिनों का वास जैसे भाव भी हैं। क़ियाम या क़याम में निश्चय, भरोसा, यक़ीन का भाव भी है। नमाज़ में खड़े होने की मुद्रा भी क़याम कहलाती है। रहने की जगह को क़यामगाह भी कहते हैं। q-a-m में निहित स्थिरता के भाव ही इसे आश्रय से भी जोड़ते हैं। इस धातु की रिश्तेदारी संभव है किसी काल में प्रोटो इंडो-यूरोपीय धातु k-a-m से भी रही होगी जिससे ही कमरा, कैमेरा, कमान, कमानी जैसे शब्द बने हैं। क़याम में जो q की ध्वनि है अर्थात नुक्ते का प्रयोग वह इसे देवनागरी वर्ण ख के करीब पहुंचाता है। क़ाम में स्थिरता के भाव से ही बनता है अरबी का क़ाइम शब्द जिसका हिन्दी रूप कायम है और यह खूब इस्तेमाल होता है। कायम का अर्थ भी स्थिर होना, मज़बूती से डटे रहना, दृढ़ रहना आदि। किसी भी भवन को स्तम्भ ही आधार प्रदान करते है। स्तम्भ का एक अन्य रूप संस्कृत में स्कम्भ होता है। खम्भा इससे ही बना है अर्थात पाया। गौरतलब है कि पाया अर्थात पैर ही स्थिरता प्रदान करते हैं।
रबी, फारसी का खम (खम ठोकना) इसी स्कम्भ से जुड़ रहा है। खम्भे से ही बना है खेमा क्योंकि वह स्तम्भ पर टिका आश्रय होता है। स्कम्भ की रिश्तेदारी अगर खम्भे को देखते हुए खेमा से जोड़ी जा सकती है तब तम्बू के मूल में स्तम्भ भी हो सकता है। अरबी के कमान या कमानी का मतलब होता है वह आधार जिस पर छत डाली जाए। कोई ताज्जुब नहीं कि सेमिटिक भाषा परिवार की धातु q-a-m से उपजे इस शब्द समूह की रिश्तेदारी प्राचीन भारोपीय भाषा परिवार k-a-m से हो। यह साबित होता है अरबी शब्द काइमाह से जिसका अर्थ होता है स्तम्भ, पाया, नब्बे अंश का कोण क्षैतिज रेखा से मिलकर नब्बे अंश का कोण बनाती हुई खड़ी लकीर को भी क़ाइमाह कहते हैं। स्थिरता का, खड़े होने का यह भाव जबर्दस्त है। इस काइमाह का ही रूपांतर है कायम, जिसमें टिकने, स्थिर होने, खड़े रहने जैसे भाव समाए हैं।
हिन्दी में कम्पनी या कंपनी शब्द खूब आम है और इस कम्, q-a-m या k-a-m से इसकी भी रिश्तेदारी है। कम्पनी का अर्थ है लोगों का समूह, जत्था, साथ या साथी, सोहबत आदि। कम्पनी शब्द बना है अंग्रेजी के कॉम्पैनियन से जिसका अर्थ है संगी साथी, हिस्सेदार, साझेदार, जोड़ीदार, हमराही आदि। कम्पैनियन बना है लैटिन के कॉम्पैनियो से जिसमें एक थाली में खाने का भाव है और अर्थ है रोटी का हिस्सेदार अर्थार ब्रैडफैलो। यह बना है कॉम- साथ + पैनिस- रोटी से। जाहिर है साथ रहनेवाले ही साथ साथ खाएंगे भी। यही भाव है कैमेरा से बने कामरेड में जिसका अर्थ हुआ कमरे में साथ रहनेवाला अर्थात साथी, सहचर।  बाद के दौर में इसमें गरीबों का हिमायती, सर्वहारा का साथी जैसे भाव विकसित हो गए। लैटिन का कॉम com बना है भारोपीय धातु kom से जिसका रिश्ता निश्चित तौर पर कम् यानी kam से जुड़ता है। कॉम में साथ, साहचर्य। सहकार या सह के अर्थ में अंग्रेजी के प्रसिद्ध उपसर्ग co- का जन्म भी इसी कॉम से हुआ है। स्पष्ट है कि kam धातु में निहित कमानी, कमान, कमरा, महराब जैसे भावों का विकास जब आश्रय को अभिव्यक्त करनेवाला कमरा में हुआ उसके बाद साथ या साहचर्य के तौर पर कॉम com धातु सामने आई। बाद में सभ्यता के विकास के साथ साथ कॉम्पैनियन शब्द से एक नया शब्द बना कम्पनी जिसका अर्थ हुआ समूह, जत्था आदि। बाद में औद्योगिक और व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एकत्र लोगों के समूह को कम्पनी कहा जाने लगा। यूरोप में औद्योगिक क्रान्ति का दौर शुरु होने के वक्त ही कम्पनी शब्द भी सामने आया। गौरतलब है कि एक तरफ़ जब कम्पनी जैसी व्यवस्था जन्म ले रही थी, तभी उस व्यवस्था से लड़ने के लिए कॉमरेड जैसा शब्द भी नया चोला पहन कर तैयार हो रहा था। फिर चाहे ये दोनों शब्द एक ही कोख से चाहे क्यों न जन्में हों। कम्पनी और कॉमरेड की लड़ाई जारी है। हालाँकि अब काफी हद तक यह नूराकुश्ती में तब्दील हो गई है।

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Suresh Mishra

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May 20, 2015, 3:14:00 AM5/20/15
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बहुत बहूत धन्यवाद। . 

abhishek singhal

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May 23, 2015, 4:48:56 AM5/23/15
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धन्यवाद ...
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abhishek singhal
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