माफी के साथ दुहराने दीजिये कि दुष्यंत कुमार ने कविताई की छूट नहीं ली है , बल्कि यहाँ उर्दू या हिन्दुस्तानी के व्याकरण का अनुसरण किया है .
John Shakespear के कोश में यह प्रविष्टि मिलती है -
s. f. Dirt, mud, slime, mire. کيچڙ kīchaṛ
दुष्यंतप्रेमी जानते हैं कि वे अपने को हिन्दुस्तानी का शायर कहना पसंद करते थे !
जहां तक बिहारियों के लिंग -बोध की बात है , यह ध्यान रखना चाहिए कि जब वे बिहारी हिंदी के व्याकरण का अनुसरण करते हैं , तब मानक हिंदी व्याकरण के अनुसार उनका लिंग- बोध गड़बड़ जान पड़ता है , जैसे कि उनके अपने व्याकरण के हिसाब से मानक हिंदी के लिंग व्यवस्था गड़बड़ जान पड़ेगी. यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मानक हिंदी एक संपर्क भाषा है , जबकि बिहारी या पहाड़ी या मुम्बइया हिंदी ख़ास इलाकों की जीवित जनभाषाएँ हैं .