हलकट

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narayan prasad

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Aug 4, 2010, 9:03:44 AM8/4/10
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हलकट मराठी शब्द है जिसका अर्थ (बृहत् मराठी-हिन्दी कोश के अनुसार) है -
(1) नीच; ओछा; बदतमीज; बदमाश; अशिष्ट; कमीना (2) हलका

---नारायण प्रसाद

2010/8/4 V S Rawat <vsr...@gmail.com>
On 8/4/2010 1:55 PM India Time, _Bodhi Sattva_ wrote:

धन्यवाद भाई
सहाय जी को हलकट के बारे में भी बता दें
हलक के माने अरबी में गला होता है
जो गला काटे वह हलकट होगा....
यानी
हलकट गरकटवा है

मुझे नहीं लगता कि हलकट को गला काटने वाले के अर्थ में प्रयोग करते हैं। ये तो मुन्नाभाई प्रकार की भाषा है, गुण्डे लोग किसी को चमकाने के लिए इस शब्द का प्रयोग करते हैं, अबे ओ हलकट। अब, जो गला काटने वाला है, उससे लोग डरेंगे, उसके लिए इस तरह से इस शब्द का प्रयोग कैसे करेंगे वरना उनका ही गला कट जाएगा।

कृपया इसके और अर्थ बताएँ।

रावत

अजित वडनेरकर

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Aug 4, 2010, 9:19:44 AM8/4/10
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हलका से हलकट की व्युत्पत्ति है न की हलक़ या हलाक़ से।
हालांकि मराठी में अरबी फारसी की भरमार हिन्दी से कहीं कमतर नहीं, बल्कि ज्यादा ही होगी।

2010/8/4 narayan prasad <hin...@gmail.com>



--
शुभकामनाओं सहित
अजित
http://shabdavali.blogspot.com/

narayan prasad

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Aug 4, 2010, 9:47:41 AM8/4/10
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<<मराठी में अरबी फारसी की भरमार हिन्दी से कहीं कमतर नहीं, बल्कि ज्यादा ही होगी। >>

मेरे मत में "कमतर" शब्द थोड़ा भद्दा लगता है । इसके स्थान पर "न्यूनतर" शब्द का प्रयोग बेहतर होगा, क्योंकि -तर प्रत्यय संस्कृत का है जिसे किसी तत्सम (संस्कृत) शब्द के साथ लगाना ही उचित होगा । ऐसे उपर्युक्त वाक्य में -तर प्रत्यय आवश्यक नहीं है ।

 ---नारायण प्रसाद 

2010/8/4 अजित वडनेरकर <wadnerk...@gmail.com>

अजित वडनेरकर

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Aug 4, 2010, 10:04:13 AM8/4/10
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सही कहा नारायणजी।

मंतव्य समझ में आ जाए यही प्रयोजन था।
मैं फिर कहूंगा, सामान्य व्यवहार में वर्तनी, व्याकरण पीछे है।
यहां साहित्य रचना नहीं संवाद उद्धेश्य है।

2010/8/4 narayan prasad <hin...@gmail.com>

अजित वडनेरकर

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Aug 4, 2010, 10:05:54 AM8/4/10
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संस्कृत का तर प्रत्यय फारसी में भी प्रचलित है।
कमतर को उर्दू फारसी का मानकर इस्तेमाल करता हूं।
बेहतर भी इसी कड़ी में है।

Kapil Swami

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Aug 4, 2010, 2:47:52 PM8/4/10
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कल एनडीटीवी के रिपोर्टर की कश्‍मीर से रिपोर्टिंग में एक शब्‍द आया था

''कश्‍मीर में हालात खराब से खराबतर होते जा रहे हैं।'' 
फारसी के कई शब्‍दों में तर प्रत्‍यय देखने में आता है।  मुझे भी लगता है तत्‍सम और फारसी दोनों शब्‍दों में यह प्रत्‍यय लगाया जा सकता है।

कपिल

अजित वडनेरकर

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Aug 4, 2010, 3:26:59 PM8/4/10
to shabdc...@googlegroups.com
खूब, बहुत खूब की कड़ी में खूबतर का संदर्भ भी याद आता है...

2010/8/5 Kapil Swami <kapi...@gmail.com>

anil janvijay

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Aug 4, 2010, 3:50:39 PM8/4/10
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ज़्यादातर, बेहतर, आदि शब्द भी संस्कृत मूल के तो नहीं ही हैं ।
===================================== 

2010/8/4 Kapil Swami <kapi...@gmail.com>



--
anil janvijay
कृपया हमारी ये वेबसाइट देखें
www.kavitakosh.org
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अजित वडनेरकर

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Aug 5, 2010, 7:45:57 AM8/5/10
to shabdc...@googlegroups.com
करीब दो साल पहले इसी तर - तम् प्रत्यय का एक प्रसंग ब्लागजगत में चला था।
रविकांत, मसिजीवी आदि ने इसमें काफी अच्छी बातें कहीं।
कुछ हस्तक्षेम मेरा भी रहा। पढ़े-


मसिजीवी देखें, कुछ बेहतर हुआ !

2010/8/5 anil janvijay <anilja...@gmail.com>

अजित वडनेरकर

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Aug 5, 2010, 8:11:24 AM8/5/10
to shabdc...@googlegroups.com
प्रस्तुत पोस्ट के अंत में रविकांतजी से असहमत होने की बात कही है जो उसी समय संक्षिप्त से संवाद के बाद दूर हो गई थी। मैं पूर्णतः रविभाई और विजेन्द्रभाई से सहमत हूं।

2010/8/5 अजित वडनेरकर <wadnerk...@gmail.com>

Baljit Basi

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Aug 5, 2010, 5:31:54 PM8/5/10
to शब्द चर्चा
पंजाबी में -तर प्रत्यय तो लगता ही है इसका आपना भी है जो 'एरा' लगाने से
प्रकट होता है जैसे चंगा> चंगेरा, थोडा> थोडेरा, घना> घनेरा;
चौड़ा>चौड़ेरा आदि. इनके स्त्रीलिंग और बहुवचन भी बनते हैं जैसे चंगेरी,
चंगेरे. कमतर,जयादातर तो चलते ही हैं.
Baljit Basi

On 5 अग, 08:11, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
> *मसिजीवी देखें, कुछ बेहतर हुआ
> !<http://shabdavali.blogspot.com/2009/02/blog-post_21.html>


> प्रस्तुत पोस्ट के अंत में रविकांतजी से असहमत होने की बात कही है जो उसी समय
> संक्षिप्त से संवाद के बाद दूर हो गई थी। मैं पूर्णतः रविभाई और विजेन्द्रभाई
> से सहमत हूं।

> *
> 2010/8/5 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>
>
>
>
>
>
> > *करीब दो साल पहले इसी तर - तम् प्रत्यय का एक प्रसंग ब्लागजगत में चला था।


> > रविकांत, मसिजीवी आदि ने इसमें काफी अच्छी बातें कहीं।

> > कुछ हस्तक्षेम मेरा भी रहा। पढ़े-*
>
> > *मसिजीवी देखें, कुछ बेहतर हुआ !<http://shabdavali.blogspot.com/2009/02/blog-post_21.html>
> > *
>
> > 2010/8/5 anil janvijay <aniljanvi...@gmail.com>


>
> > ज़्यादातर, बेहतर, आदि शब्द भी संस्कृत मूल के तो नहीं ही हैं ।
> >> =====================================
>

> >> 2010/8/4 Kapil Swami <kapil....@gmail.com>


>
> >> कल एनडीटीवी के रिपोर्टर की कश्‍मीर से रिपोर्टिंग में एक शब्‍द आया था
>
> >>> ''कश्‍मीर में हालात खराब से खराबतर होते जा रहे हैं।''
> >>> फारसी के कई शब्‍दों में तर प्रत्‍यय देखने में आता है।  मुझे भी लगता है
> >>> तत्‍सम और फारसी दोनों शब्‍दों में यह प्रत्‍यय लगाया जा सकता है।
>
> >>> कपिल
>

> >>> 2010/8/4 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>
>
> >>>> संस्कृत का *तर *प्रत्यय फारसी में भी प्रचलित है।


> >>>> कमतर को उर्दू फारसी का मानकर इस्तेमाल करता हूं।
> >>>> बेहतर भी इसी कड़ी में है।
>

> >>>> 2010/8/4 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>


>
> >>>>> सही कहा नारायणजी।
>
> >>>>> मंतव्य समझ में आ जाए यही प्रयोजन था।
> >>>>> मैं फिर कहूंगा, सामान्य व्यवहार में वर्तनी, व्याकरण पीछे है।
> >>>>> यहां साहित्य रचना नहीं संवाद उद्धेश्य है।
>
> >>>>> 2010/8/4 narayan prasad <hin...@gmail.com>
>
> >>>>>> <<मराठी में अरबी फारसी की भरमार हिन्दी से कहीं कमतर नहीं, बल्कि ज्यादा
> >>>>>> ही होगी। >>
>
> >>>>>> मेरे मत में "कमतर" शब्द थोड़ा भद्दा लगता है । इसके स्थान पर "न्यूनतर"
> >>>>>> शब्द का प्रयोग बेहतर होगा, क्योंकि -तर प्रत्यय संस्कृत का है जिसे किसी तत्सम
> >>>>>> (संस्कृत) शब्द के साथ लगाना ही उचित होगा । ऐसे उपर्युक्त वाक्य में -तर
> >>>>>> प्रत्यय आवश्यक नहीं है ।
>
> >>>>>>  ---नारायण प्रसाद
>

> >>>>>> 2010/8/4 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>

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