क्या लौंडा शब्द का संबंध लड़का से है?
--
You received this message because you are subscribed to the Google Groups "शब्द चर्चा " group.
To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
For more options, visit https://groups.google.com/groups/opt_out.
ओह ,' लंड' अलग अर्थ में संस्कृतमें मौजूद है तो लड़के के अर्थ में लौंडा शब्द की व्युत्पत्ति की पंजाबी किताब में दी गयी व्यख्या ही फिलहाल सही जान पडती है .
--
You received this message because you are subscribed to the Google Groups "शब्द चर्चा " group.
To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
For more options, visit https://groups.google.com/groups/opt_out.
To better understand the meaning of "LAUNDA (लौंडा)", certain examples of its usage in Hindi are presented.
Examples from famous Hindi prose on the use of the word "LAUNDA (लौंडा)" वाक्यांश का उपयोग आलेख/ गद्य में
1.
"लौंडा चाहता है, मैं चाहे जिस राह जाऊँ, सुन्नी मेरी पूरा करती रहे।"
- लौंडा शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी शांति में इस प्रकार किया है.
2.
"गहकी यह सोचकर कि अभी लौंडा है, काम बिगाड़ देगा उसके पास न आते।"
- लौंडा शब्द का उपयोग हरी भटनागर ने अपनी कहानी सग़ीर और उसकी बस्ती के लोग में इस
प्रकार किया है.
Thesaurus and related words
Synonym words for "LAUNDA (लौंडा)"
(Cortesy: http://shabdkosh.raftaar.in/Meaning-of-LAUNDA-in-Hindi)
On 28 फरवरी, 09:27, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
> लिंग > लंड ? (संभावित परवर्ती देशज विकास।. संस्कृत में यह नहीं है)
> लण्ड (संस्कृत-मोवि) = मल excrement ( हिन्दी वाला अर्थ नहीं, लिंग वाली भाव
> नहीं)
>
> 2013/2/28 ashutosh kumar <ashuvand...@gmail.com>
>
>
>
>
>
> > वैसे परवर्ती देशज रूप हैं या संस्कृत रूप ? क्या हम निश्चित रूप से कुछ कह
> > सकते हैं ?
>
> > 2013/2/28 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>
>
> >> आप तो पंजाबी हैं:)
> >> मेरे पास एक दिलचस्प किताब है जिसमें आर्य-अनार्य संस्कृति पर काफ़ी दिलचस्प
> >> ढंग से तब्सरा किया गया है। लौंडा, लड़का, लड़की की व्युत्पत्तियों की
> >> अलग नज़रिये से व्याख्या की गई है। लड़का, लड़की, लौंडा आदि शब्दों का
> >> रिश्ता लिंग और उससे बने परवर्ती देशज रूपों से जोड़ा गया है।
>
> >> On Thu, Feb 28, 2013 at 7:29 PM, Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com> wrote:
>
> >>> निसंदेह यही अर्थ है!
>
> >>> On Thu, Feb 28, 2013 at 7:23 PM, Baljit Basi <baljit_b...@yahoo.com>wrote:
>
> >>>> क्या लौंडा शब्द का संबंध लड़का से है?
>
> >>>> --
> >>>> You received this message because you are subscribed to the Google
> >>>> Groups "शब्द चर्चा " group.
> >>>> To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send
> >>>> an email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
> >>>> For more options, visithttps://groups.google.com/groups/opt_out.
>
> >>> --
> >>> You received this message because you are subscribed to the Google
> >>> Groups "शब्द चर्चा " group.
> >>> To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send
> >>> an email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
> >>> For more options, visithttps://groups.google.com/groups/opt_out.
>
> >> --
>
> >> *
> >> अजित*
> >>http://shabdavali.blogspot.com/
> >> औरंगाबाद/भोपाल, 07507777230
>
> >> --
> >> You received this message because you are subscribed to the Google Groups
> >> "शब्द चर्चा " group.
> >> To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an
> >> email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
> >> For more options, visithttps://groups.google.com/groups/opt_out.
>
> > --
> > You received this message because you are subscribed to the Google Groups
> > "शब्द चर्चा " group.
> > To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an
> > email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
> > For more options, visithttps://groups.google.com/groups/opt_out.
>
> --
>
> *
> अजित*http://shabdavali.blogspot.com/
> औरंगाबाद/भोपाल, 07507777230- उद्धृत पाठ छिपाएँ -
>
> उद्धृत पाठ दिखाए
बलजीत बासी
On 28 फरवरी, 09:49, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
> संस्कृत के *लण्ड* का रिश्ता 'मल' पिण्ड के तौर पर बरते जाने वाले *लेंडा,
> लेंडी *शब्दों से है।
>
> 2013/2/28 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>
>
>
>
>
>
> > 'लोला', 'लुल्ली', 'लुल्ल' शब्द तो लटकने के सम्बन्ध में देशज बोलियों में
> > लिंग के लिए बोले जाते रहे हैं।
> > 'लोला' का अर्थ अंडकोश भी है और लिंग भी।
> > पर लौडा में जो 'ड' है वह अनायास नहीं आएगा।
>
> > 2013/2/28 Baljit Basi <baljit_b...@yahoo.com>
ਬਲਜੀਤ ਬਾਸੀ
On 28 फरवरी, 10:09, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
> ਇਹ ਕੰਮ ਮੇਰੇ ਲਈ ਖਾਸਾ ਮੁਸ਼ਕਲ ਸਾਬਤ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਹੈ
>
> 2013/2/28 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>
>
>
>
>
>
> > यह भी सम्भावना हो सकती है, पर लौढ़ा या जो भी उच्चारण हो, की व्यु्त्पत्ति
> > लघु से होने पर संदेह है।
> > हिन्दी शब्द सागर इसका रिश्ता लावण्य से जोड़ता है। पर वे भी पक्का तौर पर
> > नहीं कह रहे हैं।
> > लौंडा १ संज्ञा पुं० [सं० *लावण्य या लावण्यक या लुण्टक अथवा देशी*]
> > [स्त्री० *लौंडी, लौंडिया*] १. छोकरा । बालक । लड़का । २. खूवसूरत और नमकीन
> > लड़का । *यौ०*— *सौंडेवाज । लौंडेवाजी* ।
>
> > मैंने इस शब्द के बारे में लिखना अर्से से मुल्तवी किया हुआ है, फ़ाइल बनाए
> > हुए कई साल हो गए:)
>
> > 2013/2/28 Baljit Basi <baljit_b...@yahoo.com>
On 28 फरवरी, 10:09, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
> यह भी सम्भावना हो सकती है, पर लौढ़ा या जो भी उच्चारण हो, की व्यु्त्पत्ति
> लघु से होने पर संदेह है।
> हिन्दी शब्द सागर इसका रिश्ता लावण्य से जोड़ता है। पर वे भी पक्का तौर पर
> नहीं कह रहे हैं।
> लौंडा १ संज्ञा पुं० [सं० *लावण्य या लावण्यक या लुण्टक अथवा देशी*]
> [स्त्री० *लौंडी,
> लौंडिया*] १. छोकरा । बालक । लड़का । २. खूवसूरत और नमकीन लड़का । *यौ०*—
> *सौंडेवाज
> । लौंडेवाजी* ।
>
> मैंने इस शब्द के बारे में लिखना अर्से से मुल्तवी किया हुआ है, फ़ाइल बनाए
> हुए कई साल हो गए:)
>
> 2013/2/28 Baljit Basi <baljit_b...@yahoo.com>
इसका मूल अर्थ किशोर ही है, जैसे लौंडी/लौंडिया का अर्थ किशोरी हुआ लेकिन लौंडी का अर्थ बांदी अथवा दासी के लिए प्रयुक्त होता रहा है .... जैसे कि किशोर वयस के पुरुष को पंजाबी में लमडे कहकर भी संबोधित करते देखा जाता है पर मूल अर्थ तो वाही है यानी -- लौंडा का मतलब है किशोर .... !!
फारूकी साहब के उपन्यास कई चांद थे सरे आसमां में मिर्जा साहब गली में जा रहे दाग देहलवी और उनके दो दोस्तों से कहते हैं- ऐ लमडो, कहां जा रहे हो। कृपया पता करें कि रवां उर्दू में यह शब्द कहां से आया है। क्या इसकी कोई फारसी व्युत्पत्ति है। मुझे तो यह लगभग तय लगता है कि लौंडा शब्द इस फारसी मूल के लमडा से ही आया है- संस्कृत शब्द लिंग के देशज प्रयोग से नहीं।
अजित जी,
मैंने कुछ भी नया नहीं घुसेड़ा, बस प्रचलित पर पूछा भर जिसे अनिल जी ने बता दिया। बात खत्म, चर्चा तो अपनी पटरी पर जारी ही है। यदि इस पर गम्भीरता पर प्रश्न लगता है तो यही कहूँगा कि ऐसा इस मंच पर पहली बार नहीं हुआ है। इसमें कोई अगम्भीरता नहीं है।
@
गिरिजेश भाई,
--
-- 631 --
Ku.gng. haü ʻ light ʼ, N. halũ, °laũ, °luṅo; OAw. haruā ʻ light,
worthless ʼ, H. harū, haruā; OG. halūu ʻ small ʼ, G. haḷu ʻ softly,
gently ʼ, haḷvũ ʻ light, slow, soft ʼ; M. haḷū ʻ light ʼ, haḷvā ʻ
ripening quickly ʼ; Ko. haḷu ʻ slow ʼ; -- ext. -- kk -- with metath.:
S. halko ʻ light ʼ (← P. H.), P. WPah.cam. halkā, Ku. halko, N.
haluko, B. hā̆lkā, Or. hāḷukā, Mth. Bhoj. haluk, H. halukā, halkā (→
G. halkũ, M. halkā), M. haḷkā. -- Kal. lihoċ ʻ light ʼ, Kho. lhoċ
(+?). -- See Add.
> > > >> > >> For more options, visithttps://groups.google.com/groups/opt_out.
>
> > > >> > > --
> > > >> > > You received this message because you are subscribed to the Google
> > > >> Groups
> > > >> > > "शब्द चर्चा " group.
> > > >> > > To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it,
> > > >> send an
> > > >> > > email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
इससे साफ़ है कि आप यही कहना चाहते हैं कि आप पर हमेशा मसखरी हावी रहती है। मैने क्या ग़लत कहा? अपने कहे शब्द से अगर चिढ़ है तो इस मंच पर सबके लिए प्रयुक्त "लौडों" शब्द पर भी चिढ़ औरअफ़सोस ज़ाहिर करिये। आप तो बहस को न्योता दे रहे हैं, जिसका कोई अर्थ नहीं है।
ज़िद, चिढ़ जैसे तमाम शब्दों का प्रयोग बच्चों की तरह उलट कर मुझ पर करने की शैली पुरानी पड़ चुकी है मित्र। आगे बढ़ो, बड़प्पन दिखाओ, उदार बनो:)
इससे साफ़ है कि आप य
बलजीत बासी
On 1 मार्च, 09:13, अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com> wrote:
> महामना, ये मेरे नहीं आपके ही शब्द हैं। अपनी तरफ़ से मैं हमेसा सावधानी से
> शब्दों का प्रयोग करता हूँ। आपने ही खुद के लिए मसखरी शब्द का प्रयोग किया था।
>
> 2013/3/1 eg <girijesh...@gmail.com>
>
>
>
> > @ वैसे शब्दों का सफ़र में एक बार आप कबूल कर चुके हैं कि आप पर मसखरी हमेशा
> > हावी रहती है।
> > &
> > विदा होने या न होने की बात
>
> > चिढ़ किसे है यह तो स्पष्ट ही है। 'घुसा देते' और 'घुसेड़ा' के अंतर-बोध में भी
> > वही दिख रही है। यदि आप को इतनी सी बात पर इतनी चिढ़ है तो मुझे भी 'मसखरी'
> > प्रयोग पर भी उतनी ही चिढ़ है।
> > प्रणाम।
>
> > 2013/3/1 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>
>
> >> आप अपनी जिद बनाए रखिए।
> >> कम से कम मैं तो
> >> "लौंडों ने अच्छी चर्चा की 'लौंडा' शब्द पर"
> >> जैसी प्रतिक्रिया में मित्रता के दायरे से बाहर ही रहना चाहूँगा। मित्रता
> >> में भी खुद के लिए लौंडा शब्द चाहे सामूहिक तौर पर कहा हो, नहीं सुनना
> >> चाहूँगा।
> >> मैने "घुसा देते हैं' कहा है। इसे जैसे ही आप "घुसेड़ा" में तब्दील करते
> >> हैं, मेरी गंभीर प्रतिक्रिया के प्रति आपकी चिढ़ भी उजागर होती है।
> >> वैसे शब्दों का सफ़र में एक बार आप कबूल कर चुके हैं कि आप पर मसखरी हमेशा
> >> हावी रहती है। आपकी समझ पर यहाँ हास-परिहास और दूसरी चीज़े तय होनी हैं तब
> >> मेरे विदा होने का वक्त आ गया है।
> >> नमस्कार।
>
> >> 2013/3/1 eg <girijesh...@gmail.com>
>
> >>> अजित जी,
> >>> मैंने कुछ भी नया नहीं घुसेड़ा, बस प्रचलित पर पूछा भर जिसे अनिल जी ने बता
> >>> दिया। बात खत्म, चर्चा तो अपनी पटरी पर जारी ही है। यदि इस पर गम्भीरता पर
> >>> प्रश्न लगता है तो यही कहूँगा कि ऐसा इस मंच पर पहली बार नहीं हुआ है। इसमें
> >>> कोई अगम्भीरता नहीं है।
>
> >>> @
> >>> एक ही शब्द के प्रयोग अर्थ में पूर्व पश्चिम के अंतर और मित्रजनों के बीच
> >>> अनौपचारिक guys, boys, jokers, जवानों आदि जैसे प्रयोगों के समान इसे रखते
> >>> हुये सम्मिलित हास्यप्रयोग है यह जिसमें पड़ने वाले प्रभाव की ओर संकेत
> >>> है। रही बात आपत्ति की तो आप ने स्पष्ट नहीं किया कि क्यों है इसलिये उस पर
> >>> कुछ नहीं कहना।
>
> >>> 2013/3/1 Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com>
>
> >>>> लौंडा की कठोरता को उर्दू वालों ने लमडा करके मुलायम बना लिया.. ये है
> >>>> उनका स्वभाव!
>
> >>>> 2013/3/1 Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com>
>
> >>>>> फ़ैलन में लौंडा हिन्दी मूल का दिया हुआ है.. और रवां उर्दू में बहुतेरे
> >>>>> घिसे हुए देशज शब्द मिलते हैं.. या तो घिसे हुए देशज या फिर फ़ारसी.. दोनों की
> >>>>> मुलायमियत से ही निकलता है उर्दू का मुखसुख!
>
> >>>>> 2013/3/1 Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com>
>
> >>>>>> चन्दू भाई! फारसी में मूर्धन्य ध्वनियाँ-ट ठ ड ढ नहीं हैं..
>
> >>>>>> 2013/3/1 chandra bhushan <patraka...@gmail.com>
>
> >>>>>>> फारूकी साहब के उपन्यास *कई चांद थे सरे आसमां* में मिर्जा साहब गली
> >>>>>>> में जा रहे दाग देहलवी और उनके दो दोस्तों से कहते हैं- ऐ लमडो, कहां जा रहे
> >>>>>>> हो। कृपया पता करें कि रवां उर्दू में यह शब्द कहां से आया है। क्या इसकी कोई
> >>>>>>> फारसी व्युत्पत्ति है। मुझे तो यह लगभग तय लगता है कि लौंडा शब्द इस फारसी मूल
> >>>>>>> के लमडा से ही आया है- संस्कृत शब्द लिंग के देशज प्रयोग से नहीं।
>
> >>>>>>> 2013/3/1 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>
>
> >>>>>>>> "लौंडों ने अच्छी चर्चा की 'लौंडा' शब्द पर"
>
> >>>>>>>> इसका स्पष्टीकरण भी दें कि इस वाक्य से आपका अभिप्राय क्या है।
> >>>>>>>> मुझे इस पर आपत्ति है।
>
> >>>>>>>> 2013/3/1 अजित वडनेरकर <wadnerkar.a...@gmail.com>
>
> >>>>>>>>> गिरिजेश भाई...आप एक चर्चा पूरी नहीं होने देते और नया सूत्र पुरानी
> >>>>>>>>> चर्चा में घुसा देते हैं।
> >>>>>>>>> कैसे माने कि आप गंभीर हैं ?
>
> >>>>>>>>> 2013/3/1 Anil Janvijay <aniljanvi...@gmail.com>
>
> >>>>>>>>>> उर्दू में नसीब भाग्य को कहते हैं। नसीबन एक पुराना नाम है, जिसका
> >>>>>>>>>> मतलब है - अच्छे भागों वाली (अच्छे भाग्य वाली) पंजाबी में और हिन्दी की
> >>>>>>>>>> बोलियों में भाग का बहुवचन भागों भी इस्तेमाल किया जाता है।
>
> >>>>>>>>>> 2013/3/1 eg <girijesh...@gmail.com>
>
> >>>>>>>>>>> लौंडों ने अच्छी चर्चा की 'लौंडा' शब्द पर। एक गाने की शुरुआत पर
> >>>>>>>>>>> बरबस ही ध्यान चला गया - लौंडा बदनाम हुआ नसीबन तेरे लिये!
> >>>>>>>>>>> 'नसीबन' का क्या अर्थ? 'भाग्य से' या कोई नाम है?
>
> >>>>>>>>>>> 2013/3/1 Abhay Tiwari <abhay...@gmail.com>
>
> >>>>>>>>>>>> पश्चिमी उत्तर प्रदेश के घर-परिवार में लड़के-लड़की को
> >>>>>>>>>>>> लौंडा-लौंडिया ही बोलते हैं.. और अरब से इसका कोई सम्बंध नहीं.. निहायत
> >>>>>>>>>>>> 'आर्य-द्रविड़ परम्परा' का खालिस शब्द है ये! :)
>
> >>>>>>>>>>>> 2013/3/1 ashutosh kumar <ashuvand...@gmail.com>
>
> >>>>>>>>>>>>> भोजपुरी में लौंडा एक नकारात्मक टोन भले ही रखता हो , बृजभाषा या
> >>>>>>>>>>>>> पश्चिमी बोलियों में ऐसा नहीं है .शब्दों के भाव जगह और समय के हिसाब से
> >>>>>>>>>>>>> यत्किंचित बदल जाते हैं .
>
> >>>>>>>>>>>>> 2013/3/1 nandkishore arya <nandguru...@gmail.com>
>
> >>>>>>>>>>>>>> कहीं ये अरबी से आया शब्द तो नहीं है मुसलमानों में इसका प्रचलन
> >>>>>>>>>>>>>> होता रहा है
>
> >>>>>>>>>>>>>> 28 फरवरी 2013 10:33 pm को, अजित वडनेरकर <
> >>>>>>>>>>>>>> wadnerkar.a...@gmail.com> ने लिखा:
>
> ...
>
> और पढ़ें »- उद्धृत पाठ छिपाएँ -
--
You received this message because you are subscribed to the Google Groups "शब्द चर्चा " group.
To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
For more options, visit https://groups.google.com/groups/opt_out.
जी, अफ़सोस है। क्षमा करें। आगे ध्यान रखूँगा।
--
You received this message because you are subscribed to the Google Groups "शब्द चर्चा " group.
To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to shabdcharcha...@googlegroups.com.
For more options, visit https://groups.google.com/groups/opt_out.
"मीर क्या सादे हैं बीमार हुए जिसके सबब
उसी अत्तार के लड़के से दवा लेते हैं ।
शे'र तो यही सही है। 'लौंडे' शब्द लोगों ने बदल दिया होगा। कदाचित लाहौर के किसी नुस्ख़े में 'लौंडे' ही लिखा है। लेकिन कुल्लियात-ए-मीर जिल्द अव्वल, दीवान-ए-चहारुम में 'लड़के' लिखा है। यही प्रामाणिक है। दूसरा शे'र कुल्लियात-ए-मीर जिल्द अव्वल, दीवान-ए-दोम में यूं है:
कैफ़ियतें अत्तार के लौंडे में बहुत थीं
उस नुस्ख़े की कोई न रही हैफ़ दवा याद
इस वाले में लौंडे ही लिखा है।"
--