आरसी

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Aflatoon अफ़लातून

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Aug 22, 2018, 5:05:52 AM8/22/18
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'हाथ कंगन तो आरसी क्या?' इसमें आरसी स्त्रीलिंग है या पुलिंग?
मदद की गुजारिश।

Pratik Pandey

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Aug 22, 2018, 7:41:16 AM8/22/18
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कहते हैं कि "आरसी" शब्द फ़ारसी भाषा का है। यूँ उर्दू में भी चलता है स्त्रीलिंग की तरह --

آرسی ٹوٹ گئی
आरसी टूट गई

मेरा उर्दू वाचन बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। विद्वज्जन बताएँ सही पढ़ा है या नहीं।

On Wed, Aug 22, 2018 at 2:35 PM Aflatoon अफ़लातून <afla...@gmail.com> wrote:
'हाथ कंगन तो आरसी क्या?' इसमें आरसी स्त्रीलिंग है या पुलिंग?
मदद की गुजारिश।

--
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अजित वडनेरकर

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Aug 22, 2018, 8:30:24 AM8/22/18
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हिन्दी में स्त्रीवाची है। फ़ारसी का नहीं, हिन्दी का ही है। इसीलिए उर्दू ने भी अपनाया। मराठी में आरसा पुल्लिंग है। दरअसल आरसी और फ़ारसी वाली कहावत की वजह से कुछ भ्रम हो जाता है। मूलतः यह प्राकृत-संस्कृत परम्परा की उक्ति है और फ़ारसी के उत्कर्ष काल से भी सदियों पहले यह कहावत प्रचलित थी। आठवीं-नवीं सदी के ख्यात संस्कृत साहित्यकार राजशेखर के प्रसिद्ध प्राकृत नाट्य ‘कर्पूरमंजरी’ में “हत्थकंकणं किं दप्पणेण पेक्खि अदि” का उल्लेख मिलता है। इसी बात को संस्कृत में इस तरह कहा गया है- “हस्ते कंकणं किं दर्पणेन”। यह नहीं कहा जा सकता कि संस्कृत उक्ति के आधार पर प्राकृत रूप बना या प्राकृत उक्ति के आधार पर संस्कृत उक्ति गढ़ी गई। पर हिन्दी में जो कहावत है, उसका आधार यही है। चूँकि यह मुस्लिम दौर में में कही गई बात है इसलिए इसमें फ़ारसी का उल्लेख आना ही था। पहला पद जस का तस प्राकृत-संस्कृत का ही है। 






  


संजय | sanjay

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Aug 23, 2018, 1:44:29 AM8/23/18
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🙏 अजित वडनेरकर 

SANJAY BENGANI | संजय बेंगाणी    

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Aflatoon अफ़लातून

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Aug 23, 2018, 8:11:35 PM8/23/18
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बहुत शुक्रिया, प्रिय अजित जी।
प्राकृत-संस्कृत तो ठीक है।हिन्दी-उर्दू मूल कहना कहां तक उचित है? 
हिंदी-उर्दू से मराठी और ओड़िया पुरानी भाषाएं नहीं हैं?
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