आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की पुस्तक 'कबीर' के परिशिष्ट-२ में दी गई कबीर-वाणी में कई जगह 'अंमृत' दिखाई दिया। पहले तो मैंने समझा कि छपाई में भूल रह गई होगी किंतु जब कई बार यही वर्तनी दिखी तो मुझे शंका हुई। शब्दकोश टटोले तो हिंदी शब्दसागर के अलावा और कहीं – बृहत् हिन्दी कोश, मोनियर-विलियम्स का संस्कृत-अंग्रेज़ी कोश, आप्टे का संस्कृत-हिन्दी कोश – यह वर्तनी नहीं दिखी।
यह वर्तनी कितनी प्रचलित है? साथी उदाहरण दे सकें तो पता चले।
सादर
पीयूष ओझा