“अर्थक्रान्ति प्रस्ताव” यानी आर्थिक आज़ादी का प्रस्ताव लागू क्यों होना चाहिए? (Arthkranti Proposal : a big relief for salaried class)

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MahanDeshBharat

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Sep 21, 2013, 1:59:40 AM9/21/13
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"अर्थक्रान्ति प्रस्ताव" को बीजेपी "विजन डोकुमेंट" में शामिल होने के आसार......अवश्य पढ़े...

यह प्रस्ताव क्या है, जानने के लिए यह वीडियो प्रजेन्टेशन देखे जिसे पतंजलि आर्थिक सम्मेलनमें दिखाया गया था.

http://www.youtube.com/watch?v=JmeKtGO6eWo&feature=player_detailpage

 

भारत स्वाभिमानद्वारा  समर्थित अर्थक्रान्ति प्रस्तावयानी आर्थिक आज़ादी का प्रस्ताव लागू क्यों होना चाहिए?  पढकर जरुर जानिए और सब लोगो को इसे समझाइये जिससे भारत को विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनाया जा सके ! ! ! ! !

 http://www.deccanchronicle.com/130919/news-current-affairs/article/bjp-looks-tax-free-regime

आर्थिक आज़ादी के मुख्य बिंदु ये है:--(१) 50/- रुपए से बड़े नोट यानि 100. 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए जाएँ और सारे बड़े नोट सरकार वापस ले ले. (२)आयात कर को छोडकर बाकी सभी कर (Tax) समाप्त कर दिए जाएँ (३)सिर्फ 2% का अंतरण कर (Transaction Tax) लगाया जाये जो बैंक के द्वारा उपभोक्ता को प्राप्त धन पर काटा जायेगा. (४) 2000-3000 रुपये से बड़े अंतरण चेक या ड्राफ्ट से किये जाये और नकद अंतरण पर कोई टैक्स नहीं होगा. (५) हर गाव में बैंकों का प्रभावी जाल बनाकर करीब एक करोड अतिरिक्त युवाओ को नौकरी दी जाये जिससे चेक लेन-देन में दिक्कत न हो.. 

 

क्या होगा यदि 100. 500 और 1000 के नोट बंद हो जाते है :-

१-हर प्रकार का नगद लेन देन वाला भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा क्योकि घूसखोरी में बड़े नोट ही लिए जाते हैं.

२-कालाधन समाप्त होगा- जो बड़े नोट बोरो में भरकर छुपाया गया है वह बेकार हो जायेगा, सोना चांदी जमीन की महगाई कम होगी.

३-एक नोट को प्रिंट करने का खर्चा 39/- रुपये आता है, इसलिए 39/- रुपये में 50/- रुपये का नोट छापकर फर्जी नोट चलाना अपने आप बंद हो जायेगा क्योकि यह घाटे का सौदा होगा. भारत सरकार ने कुल नोटों का 93% नोट 100, 500 और 1000 का छापा है.

४-फर्जी नोट बंद होने और सारा बड़ा लेन देन बैंक से होने पर आतंकवाद मिट जायेगा, अपहरण और फिरौती तो तुरंत बंद हो जायेगी, 60 लाख में खरीदी जमीन की रजिस्ट्री 60000/- दिखाकर नहीं हो पायेगी. हर काम चेक/डीडी से ही हो सकेगा.

 

क्या होगा जब सभी टैक्स बंद कर दिए जायेंगे और बड़े लेन देन बैंको द्वारा किया जायगा :-

१-सारी उपभोक्ता वस्तुओ पर 35% से 52% तक टैक्स लगाये जाते है, टैक्स हटाने से चीजे सस्ती हो जायेगी, कृषि लागत कम होगी.

२-सस्ती होने से चीजों की खपत बढ़ेगी और उत्पादन बढ़ेगा, ज्यादा रोजगार का सृजन होगा. टैक्स समाप्त होने से खरीदने में चीजे सस्ती होने से लोगो के पास धन बचेगा. स्वदेशी कंपनियों को बढ़ावा देकर भारत में ही रोजगार के कई करोड अवसर पैदा किये जायेंगे.

३-टैक्स समाप्त होने पर भ्रष्टाचार रुकेगा और गुणवता की होड लगेगी, अच्छी चीजे मिलेंगी,व्यवसायी को सरकारी दखल से मुक्ति मिलेगी.

४-उपभोक्ता वस्तुओ पर सरकारी पकड़ खतम होगी और चोरी नहीं होगी. लाइसेंस राज समाप्त होगा. जाच के नाम पर वसूली से मुक्ति.

५-सभी टैक्स समाप्त होने पर सब लोग हर हाल में 2%अंतरण कर देने के लिए राजी होंगे जो 15 लाख करोड से 40 लाख करोड होगी.

६-टैक्स समाप्त होने से जनता की खरीद शक्ति में बढोत्तरी होगी, कृषि लागत कम होने से किसान का फायदा बढ़ेगा.

 

क्या होगा जब 2% अंतरण कर (Transaction Tax 2%) लागु हो जायेगा :-

१-भारत में आज बैंक अंतरण रोज 2.5 लाख करोड और सालाना 750 लाख करोड है. 2% अंतरण टैक्स लगाने पर सरकार को 15 लाख करोड राजस्व प्राप्त होगा. बैंक नेटवर्क बढ़ेगा और करीब 1 करोड नया रोजगार पैदा होगा.

२-सभी टैक्स बंद होने और बड़े नोट बंद होने से बैंक अंतरण 3 से 4 गुना बढ़ जायेगा और सालाना अंतरण कम से कम 2000 लाख करोड हो जायेगा जिससे 2% अंतरण कर के रूप में सरकार को 40 लाख करोड का राजस्व मिलेगा. इस दशा में यह टैक्स 1% से 1.5% किया जा सकता है. अभी इस समय सरकार अपनी इतनी बड़ी कर व्यवस्था से भी 13 लाख करोड का भी राजस्व  इकठ्ठा नहीं कर पा रही है.

३-अंतरण कर से सरकार का टैक्स बेस बढ़ेगा और गरीब लोग अपने आप कर दायरे से बाहर हो जायेंगे. जिसकी जितनी कमाई होगी उतना टैक्स देना होगा. नकद लेन देन पर कोई टैक्स नहीं होगा, किसान को कोई टैक्स नहीं होगा.

४-अंतरण पर 2% कर लेने की व्यवस्था से नौकरीपेशा लोगो को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी और जो लोग पैसा कमाते हुए भी टैक्स नहीं दे रहे हैं वे भी टैक्स के दायरे में आ जायेंगे यानि टैक्स देने वालो की संख्या में बहुत ज्यादा बढोत्तरी हो जायेगी.

५-सरकार चाहे तो आपदा काल में एक ही पॉइंट पर कर की दर बढाकर कुछ समय के लिए अतिरिक्त  राजस्व (Revenue) ले सकती है और राजस्व पर पूरा नियंत्रण होगा. जैसे 2% से बढाकर 2.15% कर दे आदि. कर विभागों में लगे लोगो को बैंकिंग में लगाया जा सकता है.

६-आयकर विभाग और अन्य विभागों की कर में लूट और छूट दोनों ही बंद हो जायेंगे.

 

यह भी जानिए:- (१) उदाहरण स्वरुप 2%अंतरण कर में से केन्द्र सरकार 0.80%, राज्य सरकार 0.70%, स्थानीय निकाय (Local Body) 0.40% और बैक व्यवस्था 0.1% ले सकते है (२) शराब, गुटखा, सिगरेट आदि बेचकर कर कमाने की जरुरत नहीं होगी. (३) पैसा कमाने के लिए सरकार को गाय के मांस का निर्यात करने की जरुरत ही नहीं होगी. (४) सरकार इसके साथ ही हर साल 10-15 लाख करोड रुपये भु सम्पदा (Mining) के दोहन से कमा सकती है जिसमे अभी गैर सरकारी लोगो द्वारा अंधाधुंध लूट मची हुई है. (५) घूसखोरी बंद होने पर सरकारी सेवाओ में लोग काम काज पर ध्यान देंगे और जनता की परेशानी समाप्त होगी. सेवा निवृत्ति की उम्र 62 साल से 58 साल करके उसी खर्चे में 14% नए  लोगो को नौकरी दी जा सकती है.(६) राजस्व अधिकता से रोजगार सृजन बढ़ेगा और आरक्षण की जरुरत समाप्त होगी. (७) मुफ्त शिक्षा और देश की भाषा में सामान शिक्षा से अच्छे नागरिक पैदा किये जा सकेंगे. (८) कर की वजह से ही 35/- रुपये लीटर का पेट्रोल 78/- रुपये लीटर बिक रहा है और 7/- रुपये का साबुन 18/- रुपये में बिक रहा है. (९) जो कोयला बाज़ार में 8000/-से 10000/- रुपये टन बिक रहा है, सरकार उसे गैरसरकारी लोगो को 100/- रुपये टन बेच रही है. (१०) कालाधन रखने वाले भ्रष्टाचारियों ने सोने और चांदी की कीमत को असमान पर पंहुचा दिया है क्योकि बोरो में भरे नोट बेकार हो जाने के डर से यह लोग सोना,चांदी, जमीन आदि किसी भी रेट में खरीद ले रहे है और भाव बढ़ा दे रहे है. (११) भारत स्वाभिमान समर्थित  आर्थिक आज़ादी के सभी प्रस्तावों को बिना किसी संबैधानिक छेड़ छाड के तुरंत लागु किया जा सकता है.

Pl Share it ………….



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(नोट : यदि आपको मेरे मेल पसंद नहीं हैं / मेल नहीं चाहिये, तो कृपया उत्तर देकर अवश्य सूचित करें) 

--संजय कुमार मौर्य, अयोध्या, फैजाबाद, उ.प्र.

(सामाजिक और प्राकृतिक अर्थशाश्त्र विश्लेषक : भारत को युवाओ के नैतिक-विकास के साथ पशुधन-कृषि-योग-आयुर्वेद-सूर्यशक्ति-जलसंरक्षण-भूसंपदा के विवेकपूर्ण  उपयोग से विश्वशक्ति बनाया जा सकता है) 

आपने स्वयं और अपने परिवार के लिए सब कुछ किया, देश के लिए भी कुछ करिये,

क्या यह देश सिर्फ उन्ही लोगो का है जो सीमाओं पर मर जाते हैं??? सोचिये...... 

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