Devi Niraayasraya Ashtakam - Sanskrit

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K.N.RAMESH

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Oct 22, 2021, 7:03:00 AM10/22/21
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देवीनिराश्रयाष्टकम्
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(१)
मातस्त्वदीया करुणा विचित्रा 
लब्धुं हि तां को यतते न लोके।
तद्दुर्लभां मे सततं प्रदेहि 
निराश्रयं मां परिपाहि देवि !।।
(२)
भजन्ति देवा मुनयो नमन्ति
स्मरन्ति सिद्धा मनुजा जपन्ति।
भक्ता सरागं शरणं प्रयान्ति
निराश्रयं मां परिपाहि देवि !।।
(३)
त्वमेव मातर्जगदेकभक्ति
स्त्वमेव मातर्जगदेकमुक्तिः।
त्वमेव मातर्जगदेकधर्त्त्री
निराश्रयं मां परिपाहि देवि !।।
(४)
त्वमेव मातर्जगदेकमूर्त्ति
स्त्वमेव मातर्जगदेकशक्तिः।
त्वमेव मातर्जगदेककीर्त्ति
र्निराश्रयं मां परिपाहि देवि !।।
(५)
त्वमेव मातर्जगदेककान्ति
स्त्वमेव मातर्जगदेकशान्तिः।
त्वमेव मातर्जगदेकतृप्ति
र्निराश्रयं मां परिपाहि देवि !।।
(६)
त्वमेव विद्या विभवस्त्वमेव
त्वमेव बुद्धिर्विषयस्त्वमेव।
त्वमेव मोदो विजयस्त्वमेव
निराश्रयं मां परिपाहि देवि !।।
(७)
त्वमेव माता जनकस्त्वमेव
त्वमेव पुत्रस्तनया त्वमेव।
स्वामी च जाया स्वजनस्त्वमेव
निराश्रयं मां परिपाहि देवि !।।
(८)
त्वमेव वृत्तिर्जगती त्वमेव
त्वमेव मानं करणं त्वमेव।
त्वमेव पुण्यं सकलं त्वमेव
निराश्रयं मां परिपाहि देवि !।।
     (व्रजकिशोरत्रिपाठी)

Mohan Chettoor

unread,
Oct 22, 2021, 8:50:08 AM10/22/21
to sams...@googlegroups.com
देवीनिराश्रयाष्टकम्  is written as 'Devi Niraayasraya Ashtakam'. निराश्रया or Niraayasraya?
Please check.
Mohan Chettoor.

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