Winter -Sanskrit poem

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K.N.RAMESH

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Jan 14, 2022, 9:15:57 AM1/14/22
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शीतकालः
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हेमन्तस्य हिमेन तेन विपुलं कृत्वा स्वमत्या हिमं
शीतर्तुः सकलक्षितौ क्षिपति तच्छीतं ततो वर्धते।
लब्ध्वा ज्ञानकणं हि शिष्यपरमः शक्त्या यथा व्यापकं
तत् संपाद्य विकाशते निजधिया सर्वत्र भूमण्डलम्।।
                         (व्रजकिशोरः)
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