[Sai Dham Family] 9/17/2012 06:00:00 PM

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Sunil

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Sep 17, 2012, 8:30:48 AM9/17/12
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छोड़ न तू उम्मीद का दामन, चल के रुक ना जाना ...
हिम्मत हार के ...
एक सवेरा दूर नहीं है, आखिरी डेरा दूर नहीं है
डूब चुका है शाम का सूरज, दूर नहीं है ठिकाना ...
हिम्मत हार के ...
बन्द दरवाज़े खुल जायेंगे, साईं तुम्हाते काम आयेंगे
कोई न देगा साथ तुम्हारा, अपना या बेगाना
हिम्मत हार के भाग न जाना, घबराहट से क्या घबराना
आँख मिचोली होती रहेगी, खाली झोली होती रहेगी
किसको खबर है कौन से दर से, मिल जाएगा ख़ज़ाना ...
हिम्मत हार के ...
पूछ न क्यों ऐसा होता है, होने दे जैसा होता है
छोड़ न तू उम्मीद का दामन, चल के रुक ना जाना ...
हिम्मत हार के ...
एक सवेरा दूर नहीं है, आखिरी डेरा दूर नहीं है
डूब चुका है शाम का सूरज, दूर नहीं है ठिकाना ...
हिम्मत हार के ...
तू समझा यह तेरा घर है, वो कहता है एक सफ़र है
यहाँ से वहाँ और वहाँ से यहाँ, दुनियाँ मुसाफिर खाना
हिम्मत हार के भाग न जाना, घबराहट से क्या घबराना
आँख मिचोली होती रहेगी, खाली झोली होती रहेगी
किसको खबर है कौन से दर से, मिल जाएगा ख़ज़ाना ...
हिम्मत हार के ...
पूछ न क्यों ऐसा होता है, होने दे जैसा होता है
छोड़ न तू उम्मीद का दामन, चल के रुक ना जाना ...
हिम्मत हार के ...
एक सवेरा दूर नहीं है, आखिरी डेरा दूर नहीं है
डूब चुका है शाम का सूरज, दूर नहीं है ठिकाना ...
हिम्मत हार के ...
हिम्मत हार के भाग न जाना, घबराहट से क्या घबराना
आँख मिचोली होती रहेगी, खाली झोली होती रहेगी
किसको खबर है कौन से दर से, मिल जाएगा ख़ज़ाना ...
हिम्मत हार के

OM SAI RAM


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Posted By Sunil to Sai Dham Family at 9/17/2012 06:00:00 PM
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