तीसरा दिन: 13 सितम्बर
धरने के तीसरे दिन नरेगा मज़दूरों को प्रभावित कर रहे अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई, जैसे आधार के कारण अधिकार न मिल पाना, जन वितरण प्रणाली से सस्ते अनाज के बदले नकद देने का खतरा, गर्भवती महिलाओं को मातृत्व हक़ न मिलना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की अपर्याप्त राशि आदि. चाय बागानों में मज़दूरों के शोषण व दार्जिलिंग में राशन न मिलने पर भी बात रखी गयी.
एक प्रतिनिधिमंडल ने धरने की मांगो को वित्त मंत्री के सामने रखा. परन्तु मंत्री की बात से सरकार द्वारा धरने की मांगो पर अमल करने की कोई मंशा नहीं दिखी. वित्त मंत्री को दिया पत्र यहाँ पढ़ सकते हैं. तुरंत मातृत्व हक़ को लागू करने की मांग लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री से भी मिलने की कोशिश की गयी परन्तु उन्होंने समय नहीं दिया. महिला एवं बाल विकास सचिव को जो ज्ञापन सौंपा गया वह यहाँ देख सकते हैं.
तीसरे दिन की प्रेस विज्ञप्ति यहाँ देख सकते हैं और रीथिंक आधार कैम्पेन द्वारा बनाई गयी एक रिपोर्ट यहाँ उपलब्ध है.
चौथा दिन: 14 सितम्बर
धरने के चौथे दिन मज़दूरों ने अपने संघर्षों पर विस्तृत चर्चा की और नरेगा की उपलब्धियों को सांझा किया. दोपहर को नीती आयोग व श्रम मंत्रालय के सामने प्रदर्शन किए गए, सरकार की इन संस्थानों द्वारा मज़दूरों के अधिकारों की रक्षा न कर पाने के विरोध में.
शाम को धरने का एक प्रतिनिधि मंडल ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव से मिला. सचिव ने यह माना कि नरेगा के लिए पर्याप्त राशि नहीं है और वित्त मंत्रालय से इस वित्तीय वर्ष के लिए अतिरिक्त 17,000 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. उन्होंने मज़दूरों के अधिकारों के हो रहे हनन के कई मामलों को माना. परन्तु उन्होंने व उनकी टीम ने मंत्रालय द्वारा नरेगा मजदूरी पर गठित कमिटी की अनुशंसाओं का पक्ष लिया जिसके अनुसार सरकार नरेगा मज़दूरों को न्यूनतम मज़दूरी देने के लिए बाध्य नहीं है. सचिव को सौपा गया पत्र यहाँ उपलब्ध है व दिन की प्रेस विज्ञप्ति यहाँ उपलब्ध है.
पांचवा दिन: 15 सितम्बर
धरने का समापन आगे के कुछ महीनों की कार्य योजना पर चर्चा (नीचे देखें) व एक प्रेस वार्ता से हुआ. प्रेस वार्ता में दिया गया वक्तव्य यहाँ उपलब्ध है और नरेगा के बजट, मज़दूरी भुगतान में विलम्ब और मुआवज़े का भुगतान न होना, नरेगा के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता, MIS में समस्याएं व सामाजिक अंकेक्षण पर पर्चे यहाँ उपलब्ध हैं.
नरेगा संघर्ष मोर्चा की आने वाले महीनों में कार्य योजना
· धरने से मिली ऊर्जा को राज्यों में ले जाकर जनता के प्रतिनिधियों से मिलना, सरकारी कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करना आदि
· संसद के शीतकालीन सत्र में नरेगा संघर्ष मोर्चा की बैठक और सांसदों से मोर्चे की मांगों को लेकर मिलना
· संसद के बजट सत्र में भी दिल्ली में धरना
धरने से सम्बंधित मीडिया में आई खबरों को यहाँ देख सकते हैं. गौ रिपोर्टर द्वरा धरने पर एक वीडियो यहाँ उपलब्ध हैं. धरने से सम्बंधित अन्य खबरें, फ़ोटो और वीडियो नरेगा संघर्ष मोर्चा के Twitter और Facebook पेजों पर उपलब्ध है. सोशल मीडिया पर डाले गए धरने व नरेगा से सम्बंधित लेख, पोस्टर, तत्थ्य आदि यहाँ उपलब्ध हैं. धरने और आगे की कार्य योजना पर अपने सुझाव nrega.sangh...@gmail.com पर ज़रूर भेजें.
जिंदाबाद
सचिवालय, नरेगा संघर्ष मोर्चा