प्रिय सभी,
पुरुलिया जिले के जयपुर प्रखंड में स्थित हसिमुद्दीन अंसारी मेमोरियल पब्लिक स्कूल में शिशुदेर विज्ञान अनुसंधान केंद्र द्वारा आयोजित विज्ञान मेला का अनुभव आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ।
यह विद्यालय हमारे केंद्र से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रशिक्षण एवं छात्रों से फीडबैक प्राप्त करने में कुल तीन दिन का समय लगा।
विज्ञान मेला आयोजित करने का विचार हमारे पुराने ( 2016 साल ) स्वयंसेवक कल्पेश्वर के माध्यम से आया। वे पूर्व में रहरदागा गांव में पढ़ाई के साथ-साथ हमारे कार्यों में सक्रिय रूप से स्वयंसेवक रहे हैं। वर्ष 2024 में जब उन्हें इस विद्यालय में नौकरी मिली, तब उन्होंने अपने स्कूल में विज्ञान गतिविधियाँ कराने की इच्छा व्यक्त की। इसी क्रम में 19 नवंबर 2025 को वे विद्यालय के प्रिंसिपल एवं सभापति के साथ हमारे केंद्र आए और औपचारिक अनुरोध पत्र देकर हमें आमंत्रित किया।
मेले की तैयारी के अंतर्गत दो दिनों तक कुल 25 मॉडलों का प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 5 मॉडल गणित आधारित थे। प्रत्येक मॉडल के लिए दो छात्रों को जिम्मेदारी दी गई। तीसरे दिन सभी छात्रों ने शिक्षकों के समक्ष अभ्यास किया, जिससे वे मेले के दिन आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति दे सकें।
विज्ञान मेले का शुभारंभ 15 दिसंबर 2025 को सुबह 11 बजे विद्यालय के सभापति, प्रिंसिपल एवं शिक्षकों की उपस्थिति में किया गया। यह मेला दोपहर 3 बजे तक चला। मेले का अवलोकन लगभग 12 शिक्षक, 30 से अधिक अभिभावक तथा कक्षा 1 से 10 तक के 300 से अधिक छात्रों ने किया।
बैलून से ग्लास उठाना, मैं आपका उम्र जनता हूँ, बोतल शावर एवं पिंजरे में पक्षी जैसे मॉडल विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहे। छात्रों के प्रदर्शन और उनकी वैज्ञानिक समझ की सभी ने सराहना की।
फीडबैक के रूप में अभिभावकों एवं शिक्षकों ने मेले की भूरि-भूरि प्रशंसा की। विद्यालय के प्रिंसिपल ने भविष्य में इसे और बड़े स्तर पर आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की। छात्रों में वैज्ञानिक सोच और आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। कुछ छात्रों ने अपनी स्वयं की सोच से पेंसिल बैलेंस और स्थैतिक विद्युत के मॉडल भी तैयार किए।
चुनौतियों में प्रमुख रूप से सजावट एवं स्थान की कमी रही, जिसके कारण मेले का आयोजन खुले मैदान में करना पड़ा। अधिक रोशनी के कारण लाइट से संबंधित मॉडलों की सही व्यवस्था सुनिश्चित करनी पड़ी।
विद्यालय द्वारा डेकोरेशन सामग्री एवं छात्रों के टिफिन का पूरा खर्च वहन किया गया। इस आयोजन को सफल बनाने में कल्पेश्वर एवं विद्यालय के सभापति बिस्वनाथ बाबू का विशेष योगदान रहा।
कुल मिलाकर यह विज्ञान मेला छात्रों में जिज्ञासा, नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में अत्यंत सफल रहा।
धन्यवाद एवं सादर,
शिशुदेर विज्ञान अनुसंधान केंद्र
झालदा-२, पुरुलिया, पछिम बंगाल