आदरणीय सभी को नमस्ते ,
बाल विज्ञान शोधिका के अंतर्गत बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स कार्यशाला की संक्षिप्त रिपोर्ट आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं।
1). गतिविधि की तैयारी
सबसे पहले पूरी टीम ने मिलकर सेंटर पर बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स के मैनुअल को अच्छे से समझा। और सेंटर पर सभी एक्टिविटीज की प्रैक्टिस टीम ने की। टीम के हर एक मेंबर ने 2- 2 एक्टिविटी ली और मॉडल बनाकर उसका प्रेजेंटेशन दिया। फिर 2- 2 की टीम पेयर में जाकर हमने जितने भी नए स्कूल सिलेक्ट किए किए उन सभी स्कूलों में जाकर वर्कशॉप की एक्टिविटी ली। स्कूल में ब्लैकबोर्ड पर ड्राइंग के माध्यम से बच्चो को समझाया। जैसे साधा परिपथ, श्रेणी परिपथ, और समांतर परिपथ इन तीनों परिपथों की ड्राइंग निकालकर बच्चो को समझाया। कि इन परिपथों की जोड़नी किस प्रकार करनी है यह बच्चो को ड्राइंग के माध्यम से बच्चो को अच्छे समझ आया।
2). सामग्री वितरण और पहचान:-
सभी बच्चो को क्लास में बिठाकर बच्चो से इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित बातचित की जैसे बच्चो को इलेक्ट्रॉनिक्स के बारे में कितनी जानकारी है। बच्चो को सभी सामग्री का परिचय दिया हम इस वर्कशॉप में कौन कौन से इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं का उपयोग करने वाले है। सभी वस्तुएं के लिस्ट ब्लैकबोर्ड पर लिखकर सभी वस्तुएं एक टेबल पर रखकर बच्चो को दिखाई उन सभी वस्तुएं की जानकारी बच्चो को अच्छे दी।
3). बच्चो की भागीदारी और सिख
बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुअल के सभी मॉडल बच्चो ने खुद उनके हाथों से बनाए। मॉडल बनाते समय सभी बच्चे व्यस्त और मग्न थे। मॉडल बनाने के बाद बच्चो के साथ चर्चा की। इन मॉडल में से आपको क्या समझ में आया । सभी बच्चो ने मॉडल का प्रेजेंटेशन अच्छे से किया सभी बच्चो का बहुत अच्छा प्रयास रहा।
4). कुछ कठिनाइयां
बच्चो को मॉडल बनाते समय वायर जोड़ने मे थोड़ी दिक्कत जाती थी। जैसे कुछ बच्चो को coin सेल का पॉजिटिव और निगेटिव समझ नहीं आता था l.E.D का पॉजिटिव और निगेटिव समझ नहीं आता था।
5). बच्चो को सबसे ज्यादा पसंद आने वाली एक्टिविटी
१).बज्जर वायर गेम।
२). Coin सेल एक्टिविटी।
३). तीनों परिपथ बच्चो को पसंद आए।
6). मॉडल का प्रेजेंटेशन और प्रभाव ।
सभी एक्टिविटी होने के बाद लास्ट दिन हमने मिनी बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स मेला का आयोजन किया। उसमें सभी बच्चो ने अच्छी प्रतियोगिता दिखाई। मेले में बच्चो के आत्मविश्वास सभी बच्चे अच्छे से मॉडल का प्रेजेंटेशन दे रहे थे। मेले में अन्य बच्चे भी मॉडल समझ पा रहे थे।
देखने वाले शिक्षक और अन्य लोग भी प्रभावित हुए।
7). समय और आयोजन
मेले को ध्यान मे रखते हुए यह वर्कशॉप चार दिन चला।
हर दिन २ से २.३० घंटे बच्चो के साथ वर्कशॉप लिया गया ।
अनुभव
१). कुछ स्कूलों में शिक्षकों का यह कहना था कि यह तीनों परिपथ ९ वी के क्लास के सिलेबस में है तो आप यह वर्कशॉप ९ वी क्लास के साथ लेंगे तो अच्छा रहेगा।
२). और कुछ स्कूलों में कुछ शिक्षकों ने यह भी सवाल किए कि यह जो एक्टिविटी है वो बच्चे अच्छे से समझ रहे है।
३). बच्चो को मॉडल बनाते समय तीनों परिपथों को जो वायर की जोड़ने है वह जोड़ने में बच्चो को थोड़ी दिक्कतें आती थीं।
४). सभी स्कूलों में सभी बच्चो ने अच्छी प्रतियोगिता दिखाई अच्छे से सहभाग लिया सभी एक्टिविटीज बच्चो ने मजे से किया।
५). शिक्षकों ने कहा कि यह मॉडल हम बच्चो के साथ फिर से करेंगे इन प्रैक्टिकली चीजों से बच्चे अच्छे समझ सकते हैं।
Thanx & Regards
विजय गोपाल वानखडे
बाल विज्ञान शोधिका चिलठण, खालापूर महाराष्ट्र