बाल विज्ञान शोधिका – चिल्ठन सेंटर द्वारा जीरो शैडो डे आयोजन की संक्षिप्त रिपोर्ट
दिनांक: 15 मई 2025
स्थान: बाल विज्ञान शोधिका, चिल्ठन सेंटर, खालापुर।
आदरणीय सभी को नमस्ते,
दिनांक 15 मई 2025 को बाल विज्ञान शोधिका, चिल्ठन सेंटर पर "जीरो शैडो डे" का आयोजन बड़े उत्साह और वैज्ञानिक चेतना के साथ किया गया। यह कार्यक्रम बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने और खगोलीय घटनाओं की समझ को गहरा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
इस आयोजन के लिए पूर्व तैयारी की गई, जिसमें बच्चों को केंद्र में आमंत्रित करने की सूचना देना, आवश्यक सामग्री (जैसे लकड़ी, प्लास्टिक की बोतलें आदि) एकत्र करना तथा टीम के सदस्यों को कार्य वितरण करना शामिल था। इस ईवेंट को बच्चों के साथ करने के लिए टीम के सदस्य विजय और अमोल ने विशेष तैयारी कर के ईवेंट को लीड किया एवं टीम ने उन्हे आवश्यक मदत की।
कार्यक्रम में 30 से 35 बच्चों ने भाग लिया। सभी बच्चे अत्यंत उत्साहित थे और उन्होंने पूरे मनोयोग से भाग लिया। रंजीत सर ने बच्चों को सरल भाषा में जीरो शैडो डे की वैज्ञानिक व्याख्या दी, जिससे बच्चों की जिज्ञासा और ज्ञान में वृद्धि हुई। बच्चों ने गोल घेरे में हाथ पकड़कर खड़े होकर इस घटना को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया।
बच्चों की भागीदारी को और रोचक बनाने के लिए प्रश्नोत्तरी सत्र एवं वैज्ञानिक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। बच्चों ने जिज्ञासावश कई प्रश्न पूछे जैसे:
यह घटना क्यों होती है?
यह वर्ष में कितनी बार होती है?
क्या यह हर जगह होती है?
टीम के सदस्यों ने सरल व सहज भाषा में इन प्रश्नों के उत्तर देकर बच्चों की वैज्ञानिक समझ को मजबूती प्रदान की।
यह आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि बच्चों और टीम सदस्यों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव भी बना।
कई बच्चों ने पहली बार अपनी परछाई को गायब होते देखा, जिससे वे चकित हो उठे।
बच्चों ने विज्ञान के प्रति उत्सुकता दिखाई और कई उपयोगी प्रश्न पूछे।
टीम ने उत्तरदायित्वपूर्वक अपने कार्यों का निर्वहन किया, जिससे कार्यक्रम सफल रहा।
इस अनुभव ने बच्चों के भीतर वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित किया।
टीम के लिए भी यह जीरो शैडो डे का पहला अनुभव था, जिससे हमने भी बहुत कुछ सीखा।
यह आयोजन विज्ञान को बच्चों के समीप लाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ।
यह आयोजन विज्ञान के प्रति बच्चों की जिज्ञासा, रुचि और समझ को प्रोत्साहित करने में अत्यंत सफल रहा। हम आशा करते हैं कि भविष्य में भी इस प्रकार के प्रयोगात्मक और अनुभवात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के भीतर वैज्ञानिक चेतना का विकास होता रहेगा।
धन्यवाद!
बाल विज्ञान शोधिका, चिल्ठन सेंटर टीम
Ranjeet Waghmare
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