Hindi and FOSS/Linux

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Narendra Sisodiya

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Feb 28, 2011, 8:52:44 PM2/28/11
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हिंदी और FOSS/Linux को  बढावा देने के लिए क्या क्या कर सकते है ?
कुछ विचार जो मेरे दिमाग में आते है वो ये है...

१)  लिनुक्स का एक पूरा हिंदी संस्करण बनाया जाये .. उसमे सुरु से अंत तक हिंदी ही हो. मेरा कहने का मतलब ये है कि उपभोक्ता को कोई भी software डाउनलोड ना करना पड़े. न ही कोई अलग से setting करना  पड़े.
२) इंग्लिश में लिखी लिनुक्स/FOSS कि बुक्स को हिंदी में अनुवाद करे. अनुवाद को स्तर का होना चाहिए. एक जिसमे पूरी तरह से हिंदी का उपयोग हो और दूसरी अनुवाद जिसमे हिंगलिश का उप्योह हुआ हो.. जेसे कि मेने लिखा है, कुछ कुछ terms english में होंगी. हिंगलिश को पड़ना और समझना बहुत ही आसन होगा.
३) ओपन सौर्स में हिंदी का keyboard बनाया जा सकता है. जो कि RAM को राम और Hona को होना में कोन्वेर्ट करे. गूगल एंड कुछ और website hai  (quillpad) जो ये कम करती है परन्तु वो ओपन नहीं है,
अगर मुझे सारे हिंदी शब्दों  कि लिस्ट/Database मिल जाये तो में उन सबको अपनी प्रोजेक्ट वेबसाइट पर दाल दूंगा और जब भी जो visiter आएगा उसके सामने ये लिखा आएगा
++++++++++++++++++
Type This word in English  (like योग्य = Yogya , बलवान = balvan)
सबको  =  [  ----------     ] ??
+++++++++++++++++++
ये यहाँ पर user को ये शब्द "सबको" randomly मिल यहाँ वेसे ही हर user  को नए नए शब्द मिलेंगे. में एक embed script publish कर लूँगा ताकि आप लोग भी इसको अपनी websites and blogs पर जोड़ सकेंगे. धीरे  धीरे हमारे पास सारे हिंदी शब्दों का इंग्लिश वर्ड होगा. फिर इस dababase का उपयोग करके हम Egnlish se hindi ki reverse mapping कर पाएंगे , जेसा कि गूगल एंड quillpad वाले करते है.

और भी काफी कम कियाजा सकता है,, आप लोग ideas दीजिये. इसके आलावा ये भी बताये कि इन कामो को करने के लिए धन कहा से आएगा ?


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│    Narendra Sisodiya
│    http://narendrasisodiya.com
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Anunad Singh

unread,
Feb 28, 2011, 10:27:53 PM2/28/11
to penc...@googlegroups.com
मेरे विचार से -
१) हिन्दी  जगत कम से कम दस मुक्तस्रोत प्रोग्रामों के अनुवाद का कार्य अपने हाथ में ले।  लिनक्स, ओपेनआफिस, मोजिला फायरफॉक्स, नोटपैड++, वर्डप्रेस आदि प्रोग्राम  इनमें सम्मिलित हैं।

२) हिन्दी में सन्दर्भ-सामग्री को बढ़ाने में  सैकड़ों लोगों को जुड़ना चाहैये। हिन्दी विकिपिडिया,  भारतकोश आदि से अधिकाधिक विद्वान जुड़ें।

३) हिन्दी और भारतीय भाषाओं  के बीच की खाई को पाटने के लिये भारतीय लिपियों एवं  देवनागरी के बीच  परिवर्तन के लिये अच्छे प्रोग्राम विकसित  किये जा चुके हैं। उनका अधिकाधिक प्रयोग किया जाय और आवश्यक हो तो उन्हे और अन्नत बनाया जाय।

४) हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच शब्दकोशों का अभाव है। अधिकांश शब्दकोश भारतीय भाषाओं एवं अंग्रेजी के बीच हैं। अब समय आ गया है कि हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के बीच ऐसे शब्दकोश उपलब्ध कराये जाँय।

५) भारतीय भाषाओं को आपस में अनुदित करने के लिये प्रोग्रामों के विकास पर जोर दिया जाय। इंजीनियरी के विद्यार्थी, एम टेक एवं  पीएचडी के शोधार्थी ऐसे प्रोजेक्ट लेकर समाजोपयोगी अनुसंधान एवं विकास करें।

-- अनुनाद सिंह

Narendra Sisodiya

unread,
Feb 28, 2011, 11:50:16 PM2/28/11
to penc...@googlegroups.com, Anunad Singh
2011/3/1 Anunad Singh <anu...@gmail.com>

मेरे विचार से -
१) हिन्दी  जगत कम से कम दस मुक्तस्रोत प्रोग्रामों के अनुवाद का कार्य अपने हाथ में ले।  लिनक्स, ओपेनआफिस, मोजिला फायरफॉक्स, नोटपैड++, वर्डप्रेस आदि प्रोग्राम  इनमें सम्मिलित हैं।

२) हिन्दी में सन्दर्भ-सामग्री को बढ़ाने में  सैकड़ों लोगों को जुड़ना चाहैये। हिन्दी विकिपिडिया,  भारतकोश आदि से अधिकाधिक विद्वान जुड़ें।


हर स्कूल जहा पर Internet का तार गया हुआ है वहा पर हमें हिंदी विकिपीडिया के बारे में बाते पहुचना चाहिए.
रेडियो या pumplates की मदद से सारे स्कूल तक ये बात पहचानी चाहिए. सारे अध्यापक लोगो को भी बताना चाहिए .
 
३) हिन्दी और भारतीय भाषाओं  के बीच की खाई को पाटने के लिये भारतीय लिपियों एवं  देवनागरी के बीच  परिवर्तन के लिये अच्छे प्रोग्राम विकसित  किये जा चुके हैं। उनका अधिकाधिक प्रयोग किया जाय और आवश्यक हो तो उन्हे और अन्नत बनाया जाय।


I can do it but I need money to develop it, or provide funds to NGO.
 
४) हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच शब्दकोशों का अभाव है। अधिकांश शब्दकोश भारतीय भाषाओं एवं अंग्रेजी के बीच हैं। अब समय आ गया है कि हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के बीच ऐसे शब्दकोश उपलब्ध कराये जाँय।

५) भारतीय भाषाओं को आपस में अनुदित करने के लिये प्रोग्रामों के विकास पर जोर दिया जाय। इंजीनियरी के विद्यार्थी, एम टेक एवं  पीएचडी के शोधार्थी ऐसे प्रोजेक्ट लेकर समाजोपयोगी अनुसंधान एवं विकास करें।


नियम होना चाहिए की भारत में सभी शोधार्थी एंड विद्याथ्री को हिंदी में भी प्रोजेक्ट सुब्मित करना होगा.
 पूर्णतया हिंदी में पूरी शिक्षा हो  इस प्रकार के भी कुछ colleges होने चाहिए . कुछ लोग वहा जाना पसंद करेंगे.
 
-- अनुनाद सिंह


बहुत बढ़िया लिखा. आपसे अनुरोध हे की आप अपने कमेंट्स ब्लॉग पर लिख दे - http://tinyurl.com/4p8m3yl
http://blog.narendrasisodiya.com/2011/02/fosslinux.html
इसके अलावा में चाहता हूँ की में एक NGO चालू करू. मेने IIT Delhi से पड़ाइ  की है Open source ki sari technical मदद दे सकता हूँ . अगर NGO को फुन्ड्स मिले तो काफी कम किया जा पायेगा.

मुझे हिंदी और technical (FOSS) में जिन लोगो के काफी योगदान दिया है उनकी सूचि चाहिए. जेसे रवि रतलामी भाई etc . ताकि हम सब लोग मिल कर NGO बना कर अपना कम चालू कर दे...

ePandit | ई-पण्डित

unread,
Mar 1, 2011, 8:31:36 PM3/1/11
to penc...@googlegroups.com
भाई नरेन्द्र जी एवं अन्य साथियों,
स्थानीकरण के क्षेत्र में रविरतलामी जी तो हैं ही, सराय वाले रविकान्त जी अन्य लोगों के नाम बता सकते हैं। मोजिला फायरफॉक्स के स्थानीकरण से राजेश रंजन जी जुड़े हैं।

वैसे मैं ओपन सोर्स को बढ़ावा देने के लिये आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूँ जिसकी बहुत आवश्यकता है और जिसका विकल्प भी नहीं है। वो है ऍण्ड्रॉइड में हिन्दी समर्थन। ऍण्ड्रॉइड लिनक्स कर्नल पर ही आधारित है, आप लोग लिनक्स और जावा के अच्छे जानकार हैं, यदि आप लोग ऍण्ड्रॉइड में हिन्दी/इण्डिक समर्थन के लिये कोई पैच जैसा बना सकें तो लाखों का भला हो जायेगा। गूगल से लोग कब की गुहार लगा रहे हैं लेकिन वो इस बारे ध्यान नहीं दे रहा। जबकि गूगल के लिये यह कार्य कतई मुश्किल नहीं, बस बात ये है कि हिन्दी/इण्डिक प्रयोक्ताओं की संख्या नगण्य होने से उसे ऐसा करने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं होती।

ऍण्ड्रॉइड इस समय सबसे लोकप्रिय स्मार्टफोन ओऍस है। आप चाहे माने या न मानें डैस्कटॉप ओऍस के क्षेत्र में अब तक लिनक्स विण्डोज़ को नहीं हरा सका लेकिन मोबाइल ओऍस के क्षेत्र में ऍण्ड्रॉइड ने ऐसा कर दिखाया है। केवल मोबाइल फोन ही नहीं बल्कि यह टैबलेट कम्प्यूटर हेतु भी सबसे लोकप्रिय ओऍस बनने जा रहा है। इसके अलावा ऍण्ड्रॉइड युक्त फोन हर प्राइस रेंज में उपलब्ध हैं, सात हजार से लेकर सतर हजार तक।

हमारे बहुत से साथी ऍण्ड्रॉइड युक्त स्मार्टफोन या टैबलेट लेकना चाहते हैं लेकिन हिन्दी समर्थन न होने से बस दिल ही दिल तरसते रह जाते हैं। आइफोन/आइपैड जैसे मालिकाना सिस्टम में हिन्दी समर्थन है लेकिन ऍण्ड्रॉइड जैसे मुक्त ओऍस  में नहीं। बस इसी एक कमी के कारण हम ऍण्ड्रॉइड का फोन चाहते हुये भी नहीं ले सकते।

सैमसंग के ऍण्ड्रॉइड युक्त गैलैक्सी सीरीज के स्मार्टफोनों में हिन्दी समर्थन है, ऐसा सैमसंग द्वारा इसके फर्मवेयर को संशोधित करके किया गया है। जहाँ तक मैं समझता हूँ इसके लिये फर्मवेयर में कोई इण्डिक समर्थन वाला कॉम्प्लैक्स स्क्रिप्ट लेआउट इंजन घुसाना होगा, ऐसे कुछ मुफ्त एवं मुक्त स्रोत रैण्डरिंग इंजन उपलब्ध हैं।

यह कार्य थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन कोई इतना भी मुश्किल नहीं। इन बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनियों में भी तो आखिर हमारे ही प्रोग्रामर साथी कार्य करते हैं।

१ मार्च २०११ १०:२० पूर्वाह्न को, Narendra Sisodiya <nare...@narendrasisodiya.com> ने लिखा:

--
आपको यह संदेश इसलिए प्राप्त हुआ क्योंकि आपने Google समूह "पेंचकस" समूह की सदस्यता ली है.
इस समूह में पोस्ट करने के लिए, penc...@googlegroups.com को ईमेल भेजें.
इस समूह से सदस्यता समाप्त करने के लिए, penchkas+u...@googlegroups.com को ईमेल करें.
और विकल्पों के लिए, http://groups.google.com/group/penchkas?hl=hi पर इस समूह पर जाएं.



--
Shrish Benjwal Sharma (श्रीश बेंजवाल शर्मा)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
If u can't beat them, join them.

ePandit: http://epandit.shrish.in/

Narendra Sisodiya

unread,
Mar 2, 2011, 12:47:22 AM3/2/11
to penc...@googlegroups.com, ePandit | ई-पण्डित
2011/3/2 ePandit | ई-पण्डित <sharma...@gmail.com>

भाई नरेन्द्र जी एवं अन्य साथियों,
स्थानीकरण के क्षेत्र में रविरतलामी जी तो हैं ही, सराय वाले रविकान्त जी अन्य लोगों के नाम बता सकते हैं। मोजिला फायरफॉक्स के स्थानीकरण से राजेश रंजन जी जुड़े हैं।

वैसे मैं ओपन सोर्स को बढ़ावा देने के लिये आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूँ जिसकी बहुत आवश्यकता है और जिसका विकल्प भी नहीं है। वो है ऍण्ड्रॉइड में हिन्दी समर्थन।

मेने आपकी ईमेल को गूगल तक पंहुचा दिया है वेसे मेरे स्तर जो भी हो सकेगा वो में करूंगा.  वेसे आपको मेरा NGO ya Company बनाने का आईडिया केसे लगा ?

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