ग्रुप के सभी सदस्यों को सादर नमस्कार
कुछ
समय पहले हमें समझ में आने लगा था कि कुछ लोगों को हमारे मेल पसंद नहीं आते
हैं या हमारे मेल के कारण उनके समय की बर्बादी होती है या उनका मेल बॉक्स
भर जाता है और काम की मेल उन्हें मिल नहीं पाती. ऐसा होना स्वाभाविक था और
इसी कारण हमने अपने invitation / adding mail में साफ साफ लिख दिया था कि
जिस पते (id) पर हम मेल भेजते हैं यदि वह उनके कामकाज का पता हो तो वह
अपने व्यक्तिगत (id) पर मेल बुलाएँ. जिन्हें मेल पसंद नहीं है वह
UNSUBSCRIBE कर लें या हमें लिखें ताकि हम उन्हें UNSUBSCRIBE कर देंगे. २५
अप्रैल को हमने पहली बार यह बात साफ साफ कह दी और उसके बाद हमने यह बताने
का क्रम जारी रखा. प्रतिदिन कोई चार पांच लोग UNSUBSCRIBE करने के लिए
लिखते हैं और हम यह कर देते है. लेकिन अब लगने लगा कि यह सिलसिला तो यूँ ही
चलता रहेगा और हमारा समय भी ख़राब होगा.
आपको बता दें कि हम भी एक
जिम्मेदार व्यक्ति हैं और अपना काम करते हुए समय निकालकर ग्रुप पर आई हुई
मेल पोस्ट करते हैं, कभी कुछ लिख भी देते हैं, और सबसे बड़ा काम है दर्द
निवारण की जो पद्धति हमने विकसित कि है उसका प्रशिक्षण देते हैं और इस
प्रक्रिया में हजारों लोगों का दर्द दूर कर चुके हैं. हमारे जीवन का अब यह
ध्येय बन गया है कि उम हर व्यक्ति तक हमारी यह सरल/ सुलभ पद्धति पहुंचा दें
जिससे कोई भी दर्द से ना तडपे, खर्चे से बचें और सुखपूर्वक जीवन व्यतीत
करें.
इसी उद्देश से हमने अति उत्साह से
पिछले एक वर्ष में करीब १०,००० लोगों को ग्रुप में जोड़ा है जो कि बड़े
ओहदेदार और सक्षम लोग हैं. मैं चाहता था कि इनकी सहायता से मैं अपना सन्देश
सारे देश में घर घर पहुँचाऊँ. लेकिन अब जानकर घोर निराशा होती है कि
अधिकतर के पास तो खुद के खाने और सोने का ही समय नहीं है. ऐसे लोगों से
सहायता की उम्मीद रखना बेकार है. ऐसा नहीं है की हमारी सारी मेहनत बेकार
हुई है. इस दौरान हमारी जान पहचान कई दमदार लोगों से भी हुई है जो आगे चलकर
हमारे कार्य में बड़ी सहायता भी करने वाले हैं. लेकिन उन लोगों की संख्या
फ़िलहाल उँगलियों पर गिनने लायक है.
इसी कारण हमने इस झंझट से बचने का एक दूसरा उपाय किया. कल हमने एक नया ग्रुप Pain Relief Foundation के
नाम से शुरू कर दिया और कल कि मेल में यह जानकारी दे दी कि जिन लोगों को
हमारे मेल पसंद आते हैं और वह ग्रुप से जुड़ना चाहते हैं वह जुड़ जाएँ.
इसके बावजूद कल हमको कुछ मेल मिले कि हम मेल भेजना बंद ना करें, शायद
उन्होंने हमारी मेल को ठीक से पढ़ा नहीं होगा. इसीलिए हम यह विस्तृत मेल लिख
रहे हैं.
आप इस लिंक पर क्लिक करके नए ग्रुप पर जा कर सदस्य बन सकते हैं. यदि कोई कठिनाई हो तो हमें लिख सकते है. अब हम किसी को अपने आप जोड़ना नहीं चाहते हैं.
https://groups.google.com/group/pain-relief-foundation?hl=en
हमें कई
लोगों ने सलाह भी दी है कि हम दर्द निवारण के कार्य को commercial तरीके से
करें, क्योंकि मुफ्त कि चीज कि दुनियाँ में क़द्र नहीं होती है. खैर अपना
अपना विचार है. फ़िलहाल हम अपने आप को ज्यादा हिसाब किताब में गुथाना नहीं
चाहते हैं, और ज्यादा पैसा आने पर उसकी जिम्मेदारी सँभालने के लिए भी अभी
तयार नहीं है.
हर व्यक्ति अपने आप के अलावा
दूसरों के लिए कुछ ना कुछ जरूर कर सकता है. नए ग्रुप में जुड़ने वालों से
हमारी कुछ अपेक्षाएं भी हैं जो हम अभी स्पष्ट कर देना चाहते हैं.
१. यदि आपको ग्रुप से मिलने वाली मेल अच्छी लगती है तो आप अपने मित्रों और परिचित लोगों को इसमें जुड़ने के लिए प्रेरित करें.
२. यदि आपको हमारे दर्द निवारण का कार्य अच्छा लगता है इसे सीखें और स्वयं का व दूसरों का दर्द निवारण करें.
३.आप यदि किसी व्यक्ति या सामाजिक संस्था को जानते हैं जो इस प्रकार के कामों को आगे बढ़ाने में सहायता करती है तो हमें सूचित करें.
४. आपके पास अगर अच्छी पठन सामग्री हो/ अच्छे मेल आते हों तो उन्हें हमें भेजें ताकि हम उन्हें अपने ग्रुप पर भेज सकें.
५.
कोई संस्था यदि जरूरतमंदों की सहायता करती है तो उसकी जानकारी भेजें. कोई
जरूरतमंद हो तो उनकी क्या जरूरत है यह भी लिख कर भेजें ताकि हम लोग मिल कर
सहायता के लिए कोशिश कर सकते हैं.
६.आगे चल कर हम एक motor home लेकर
दर्द निवारण के प्रशिक्षण के लिए निकलनेवाले हैं. इस कार्य के लिए भारत भर
में हमें लोगों की जरूरत पड़ेगी जो हमारे कार्यक्रमों का आयोजन करा सकें.
७. जब हम कुछ आगे बढ़ेंगे तो अच्छे
कामों के लिए Fund Raiser भी बन सकते हैं. आज भी यह किया जा सकता है. कोई
हमारा कार्यक्रम कराये और उसके लिए फीस रखे और खर्चा जाने के बाद बचा हुवा
पैसा जरूरतमंद संस्था को दिया जा सकता है. आज भी कई संस्थाएं अच्छा काम कर
रही है. लेकिन साधनों की कमी के कारण अच्छी तरह से नहीं कर पाती है. हमें
ऐसी संस्थाओं की मदद करनी है. यदि आपकी नजर में ऐसी कोई संस्थाएं हों तो
हमें सूचित करें. दूसरी और जिन संस्थाओं का नाम हो गया है वहां इतना पैसा
आता है की उसका दुरूपयोग भी होता है.
८. आगे चलकर हमें बड़े पैमाने पर
वृक्षारोपण का कार्य भी करना है. हम एक संस्था से जुड़े हैं जो पर्यावरण पर
कार्य कर रही है. इस संस्था की निसर्ग शाला का बेसा, नागपुर में उद्घाटन भी
इसी माह हो चुका है.
९. बेरोजगारी और दरिद्रता एक
अभिशाप है. आगे चलकर हमें बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मुहैया करवाना है
और जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता भी करनी है ताकि वह अपने पैरों पर खड़े हो
सकें.
Despite repeated
requests out of 9700 members not more than 100 members requested to
unsubscribe. There may be many more who may send the request at a later
point in time.
In future I will be having less and less time due to my increased involvement in profession, software development, pain relief tours etc.
Therefore, I have decided to
discontinue postings on this group with immediate effect. Now no one
will receive any mail from this group. I will repeat this message for
the next seven days so that people who appreciate the mails can join my
new group : Pain Relief Foundation at https://groups.google.com/group/pain-relief-foundation?hl=en
I have sent invitation to some
close friends and will send request to the rest of the members on the
group in due course. On the new group I will post individual messages.
The group policy shall be "individual mail". The members can decide
themselves whether to receive 'individual mails', 'daily digest' or 'no
email' at all. They can go to the group home - edit membership - and chose from the following:
How do you want to read this group?
Visit for pain relief/ training with prior Appointment Mon - Fri 8 am to 9.30 am
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Warm Regards and Best Wishes.
CS Ramanuj Asawa
Company Secretary by profession, Acupressure therapist by hobby, Human
by nature, trying to alleviate the pains of suffering humanity.
cell 094228-03662
email:asawar...@gmail.comhttps://groups.google.com/group/pain-relief-foundation?hl=en