जहाँ सुमति तहाँ सम्पति नाना; जहाँ कुमति तहाँ बिपति निदाना.
जिस घर में आपसी प्रेम और सद्भाव होता है वहां सारे सुख और संपत्ति होती है और जहाँ आपस में द्वेष और वैमनष्य होता है उस घर के वासी दुखी व विपन्न हो जाते हैं.
जहाँ माता पिता अपनी संतानों को बोझ समझते हैं वह संतानें भी समय आनेपर अपने माता पिता से दुर्व्यवहार करती है और उन्हें दाने दाने को मोहताज कर देती है.
और जहाँ माता पिता अपने बच्चों को प्रेम और सद्भाव के वातावरण में पालते हैं और उन्हें अपने कार्य कलापों द्वारा सही शिक्षा देते हैं, वो संतानें जिस भी कार्य को हाथ में लेती हैं उसमें सफलता प्राप्त करती हैं.
माता पिता जितनी भी संतानें हो उन्हें पलने पोसने और उनको व्यवस्थित रूप में स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ती है. वहीं पर माँ बाप बूढ़े हो जाने पर अपनी संतानों को बोझ लगने लग जाते हैं. इसमें पूर्व कर्म को छोड़ दिया जाय तो कहीं ना कहीं माँ बाप कि गलती भी हो सकती है, उन्होंने अपने संतानों को सही मूल्य नहीं दिए हों. या फिर उनका खुदका व्यवहार अपने माता पिता के प्रति अच्छा ना रहा हो जिसे देखा कर संतानों ने उन्हीं से यह शिक्षा पाई हो.
मैं कोई लेखक या समाज सुधारक नहीं हूँ. मेरे मन में जो विचार आते हैं उन्हें मैं सामने लाने कि कोशिश करता हूँ. मैं आप सब से अनुरोध करता हूँ कि वे भी अपने विचार और साथ में अपने अपने अनुभव लिखें जिससे मुझे मुद्दों को समझाने में सहायता मिले. मुझे अपने माता पिता का भरपूर प्यार (उनके रहने तक) मिला है और आशीर्वाद (उनके जाने के बाद) भी मिलता रहा है. मैंने अपने आज तक के जीवन में कभी असफलता का मुंह नहीं देखा. ऐसा कोई कार्य मेरे सामने आज तक नहीं आया जिसे मैं नहीं कर पाया. इसे मैं अपना सामर्थ्य नहीं मानता बल्कि अपने माता पिता का आशीर्वाद ही मानता हूँ.
हर व्यक्ति पर पितृ ऋण होता है और उसे चाहिए कि वह इसी जीवन में उससे मुक्त होने का प्रयास करे. मुझे सौभाग्यवश ऐसे कई लोग मिले हैं जो इन बातों में विश्वास रखते हैं और अमल करने में लगे हैं.
ग्रुप द्वारा लोगों तक पहुंचना, acupressure द्वारा दर्द निवारण, छात्रों को मार्गदर्शन, नौकरी प्राप्ति में सहायता, ज़रूरतमंदों को यथोचित धन सहायता देना और दूसरों को धन सहायता के लिए प्रेरित करना ऐसे कुछ कार्य है जो हम लोग कर रहे हैं.
सभी से निवेदन है कि वे अपने विचार और अनुभव लिखें.
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Tum great ho Prabhu ……………………………………..kuch daya karo ……………………………….!!