माननीय नितिश अरोड़ा जी,
सुपरटेक ज़ार के कॉमन एरिया मेंटेनेंस चार्जेज़ को 2 रूपए 5 पैसे से बढ़ाकर 2 रूपए 70 पैसे ( कर अतिरिक्त) करने का आपका फैसला कमाल का है, और वाकई देर से लिया गया है।
ज़ार के निवासियों को ज़्यादा पैसे खर्च करने की आदत डालनी होगी, ताकि मेंटेनेंस और सिक्योरिटी के लिए काम करने वाले, और इसकी मैनेज करने वाली कंपनी को नुकसान ना हो।
मगर ये चूंकि ये अपॉर्टमेंट हमारा है, फ्लैट हमारा है, और पैसा हमारा है... और आप सर्विस प्रोवाइडर हैं, तो आपकी सैलेरी बढ़ाई जाए या आपको नौकरी से निकाला जाए, ये निर्णय हमारा है, आपका नहीं।
सुपरटेक बिल्डर के तौर पर और इसकी ओट में मेंटेनेंस से पैसे कमाने वाले आप वो केयर टेकर हैं, जो ज़बरदस्ती हमारे घर, हमारे अपॉर्टमेंट में घुसे हैं। और दावा कर रहे हैं कि नुकसान आपका हो रहा है।
मेंटेनेस का दावा करने वाले, और नुकसान की बात करने वाले आपके कंपनी के कमर्ठ लोगों के पास - ना तो मेंटेनेंस करने के लिए ज़रूरी सामान है, ना ही मैन पॉवर। टॉवर्स सालों से बिना पेंट, और मरम्मत के बिखरने को तैयार हैं और आप उसकी मेंटेनेंस के तौर पर पैसा बढ़ाने की बात कर रहे हैं। सिक्योरिटी के नाम पर - आपने जिन मनमानी लोगों को, लेबर चौक से उठाकर भर रखा है, उसके लिए तो आपके पैसे रोके जाने चाहिए।
ये फैसला - आदेश की तरह मत भेजिए, आइए बात कीजिए, अपने काम को दुरुस्त कीजिए - क्योंकि काम करने के पैसे मिलते हैं, फर्जीवाड़े के लिए नहीं।
अश्वनी कुमार