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P L THAKUR

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Mar 17, 2017, 7:26:58 AM3/17/17
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Subject: बादल और राजा दो घोड़ों की कहानी (17.03.2017)

 

बादल अरबी नस्ल का एक शानदार घोड़ा था। वह अभी 1 साल का ही था और रोज अपने पिता – “राजाके साथ ट्रैक पर जाता था। राजा

घोड़ों की बाधा दौड़ का चैंपियन था और कई सालों से वह अपने मालिक को सर्वश्रेष्ठ घुड़सवार का खिताब दिला रहा था।

बादल भी राजा की तरह बनना चाहता थालेकिन इतनी ऊँची-ऊँची और कठिन बाधाओं को देखकर उसका मन छोटा हो जाता और वह सोचने लगता कि वह कभी अपने पिता की तरह नहीं बन पायेगा।

एक दिन जब राजा ने बादल को ट्रैक के किनारे उदास खड़े देखा तो बोला,  क्या हुआ बेटा तुम इस तरह उदास क्यों खड़े हो?”

कुछ नहीं पिताजीआज मैंने आपकी तरह उस पहली बाधा को कूदने का प्रयास किया लेकिन मैं मुंह के बल गिर पड़ामैं कभी आपकी तरह काबिल नहीं बन पाऊंगा…”

राजा बादल की बात समझ गया। अगले दिन सुबह-सुबह वह बादल को लेकर ट्रैक पर आया और एक लकड़ी के लट्ठ की तरफ इशारा करते हुए बोला- चलो बादल, ज़रा उसे लट्ठ के ऊपर से कूद कर तो दिखाओ।

बादला हंसते हुए बोला, क्या पिताजी, वो तो ज़मीन पे पड़ा हैउसे कूदने में क्या रखा हैमैं तो उन बाधाओं को कूदना चाहता हूँ जिन्हें आप कूदते हैं।

मैं जैसा कहता हूँ करो।”, राजा ने लगभग डपटते हुए कहा।

अगले ही क्षण बादल लकड़ी के लट्ठ की और दौड़ा और उसे कूद कर पार कर गया।

शाबाश! ऐसे ही बार-बार कूद कर दिखाओ!”, राजा उसका उत्साह बढाता रहा।

अगले दिन बादल उत्साहित था कि शायद आज उसे बड़ी बाधाओं को कूदने का मौका मिले पर राजा ने फिर उसी लट्ठ को कूदने का निर्देश दिया।

करीब 1 हफ्ते ऐसे ही चलता रहा फिर उसके बाद राजा ने बादल से थोड़े और बड़े लट्ठ कूदने की प्रैक्टिस कराई।

इस तरह हर हफ्ते थोड़ा-थोड़ा कर के बादल के कूदने की क्षमता बढती गयी और एक दिन वो भी आ गया जब राजा उसे ट्रैक पर ले गया।

महीनो बाद आज एक बार फिर बादल उसी बाधा के सामने खड़ा था जिस पर पिछली बार वह मुंह के बल गिर पड़ा थाबादल ने दौड़ना शुरू कियाउसके टापों की आवाज़ साफ़ सुनी जा सकती थी… 1…2…3….जम्प….और बादल बाधा के उस पार था।

आज बादल की ख़ुशी का ठिकाना न थाआज उसे अन्दर से विश्वास हो गया कि एक दिन वो भी अपने पिता की तरह चैंपियन घोड़ा बन सकता है और इस विश्वास के बलबूते आगे चल कर बादल भी एक चैंपियन घोड़ा बना।

दोस्तों, बहुत से लोग सिर्फ इसलिए लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाते क्योंकि वो एक बड़ी चुनौती या बाधा  को छोटे-छोटे चुनौतियों में नहीं बाँट पाते। इसलिए अगर आप भी अपने जीवन में एक चैम्पियन बनना चाहते हैंएक बड़ा लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं तो व्यवस्थापूर्ण उसे पाने के लिए आगे बढिएपहले छोटी-छोटी बाधाओं को पार करिए और अंतत: उस बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर अपना जीवन सफल बनाइये।

स्रोत: अच्छीखबर.कॉम

 



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regards
p.l.thakur
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